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बिलासपुर के इस गांव में लंबे समय से नहीं है सड़क सुविधा, ग्रामीणों ने PM मोदी से लगाई गुहार

बिलासपुर के भोली गांव में लोग सड़क सुविधा न मिलने से परेशान हैं. लंबे समय से यहां के ग्रामीण सड़क सुविधा की मांग कर रहे हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. बरसात के दिनों में यहां लोगों को खड्ड पार कर अपने काम के सिलसिले में जाना पड़ता है जोकि जोखिम भरा है.

खड्ड पार कर रहे ग्रामीण
खड्ड पार कर रहे ग्रामीण
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Published : Aug 4, 2021, 7:27 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 8:11 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर की ग्राम पंचायत भोली का भोली गांव आज तक कई मूलभुत सुविधाओं से मरहूम है. दरअसल भोली गांव में आजतक सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है. गौरतलब है कि प्रदेश और केंद्र सरकार जहां हर गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने के बड़े बड़े दावे कर रही है, भोली गांव को देखने से उन सभी वादों की पोल खुलती नजर आ रही है.

भोली गांव के ग्रामीणों ने बताया कि लिंक रोड भोली से निचली भोली गसौड के लिए सड़क बनाने के लिए उन्होंने कई बार विभाग और सरकार को पत्र लिखा. इसके बाद प्रदेश सरकार ने 2019-20 के बजट में इस सड़क के लिए प्रावधान किया, लेकिन इस रास्ते में कई लोगों की मलकियत भूमि आती थी. इस वजह से सड़क का निर्माण नहीं हो सका. ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क के लिए लोगों ने अपनी मलकीयत जमीन की गिफ्ट डीड बना कर यह जमीन लोक निर्माण विभाग के नाम कर दी, लेकिन हैरानी की बात है कि मलकीयत जमीन की गिफ्ट डीड किए हुए को भी तीन से चार वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है. अभी तक इस सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है.

वीडियो.

स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क के निर्माण के लिए वन विभाग की तरफ से FRA सर्टिफिकेट चाहिए जिसके लिए उन्होंने कई बार लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन को लिखा. मगर दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आज तक यह सर्टिफिकेट नहीं बन पाया. इसकी वजह से सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क सुविधा न होने के कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को अलीखड्ड पार करके गसौड जाना पड़ता है और सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूल कॉलेज जाने वाले बच्चों और बीमार हुए लोगों को को पेश आती है. स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बैंक आदि सभी कार्यालय गसौड में हैं और वहां जाने के लिए खड्ड पार करनी पड़ती है.

कई बार बारिश के कारण अलीखड्ड उफान पर होती है, उस समय खड्ड पार करना जान का जोखिम लेने के बराबर होता है. आजतक इस गांव के करीब तीन लोग खड्ड को पार करते समय काल का ग्रास बन चुके हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके गांव में वैसे तो बहुत सारी समस्याएं हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. इस बार रानीकोटला पंचायत से कट कर भोली पंचायत का गठन हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि वह इस सड़क के लिए कई बार विभाग और प्रदेश सरकार से पत्र लिख कर व्यक्तिगत तौर पर मिल चुके हैं. हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है जबकि जमीनी हकीकत उससे कोसों दूर होती है.

समस्या से परेशान भोली गांव के सभी लोगों ने अब अपने हस्ताक्षर करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर भेजा है. पत्र में उन्होंने गांव के लिए सड़क बनाने की मांग की है. लोगों का कहना है कि अगर इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो पूरा गांव एकजुट होकर धरना करने को मजबूर होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सरकार की होगी.

ये भी पढ़ें:सरकारी नौकरियों में चहेतों को चोर दरवाजे से एंट्री देने का आरोप, विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट

ये भी पढ़ें: जेपी नड्डा के पिता का निजी अस्पताल में इलाज करवाने पर बंबर ने उठाए सवाल

बिलासपुर: जिला बिलासपुर की ग्राम पंचायत भोली का भोली गांव आज तक कई मूलभुत सुविधाओं से मरहूम है. दरअसल भोली गांव में आजतक सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है. गौरतलब है कि प्रदेश और केंद्र सरकार जहां हर गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने के बड़े बड़े दावे कर रही है, भोली गांव को देखने से उन सभी वादों की पोल खुलती नजर आ रही है.

भोली गांव के ग्रामीणों ने बताया कि लिंक रोड भोली से निचली भोली गसौड के लिए सड़क बनाने के लिए उन्होंने कई बार विभाग और सरकार को पत्र लिखा. इसके बाद प्रदेश सरकार ने 2019-20 के बजट में इस सड़क के लिए प्रावधान किया, लेकिन इस रास्ते में कई लोगों की मलकियत भूमि आती थी. इस वजह से सड़क का निर्माण नहीं हो सका. ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क के लिए लोगों ने अपनी मलकीयत जमीन की गिफ्ट डीड बना कर यह जमीन लोक निर्माण विभाग के नाम कर दी, लेकिन हैरानी की बात है कि मलकीयत जमीन की गिफ्ट डीड किए हुए को भी तीन से चार वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है. अभी तक इस सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है.

वीडियो.

स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क के निर्माण के लिए वन विभाग की तरफ से FRA सर्टिफिकेट चाहिए जिसके लिए उन्होंने कई बार लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन को लिखा. मगर दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आज तक यह सर्टिफिकेट नहीं बन पाया. इसकी वजह से सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क सुविधा न होने के कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को अलीखड्ड पार करके गसौड जाना पड़ता है और सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूल कॉलेज जाने वाले बच्चों और बीमार हुए लोगों को को पेश आती है. स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बैंक आदि सभी कार्यालय गसौड में हैं और वहां जाने के लिए खड्ड पार करनी पड़ती है.

कई बार बारिश के कारण अलीखड्ड उफान पर होती है, उस समय खड्ड पार करना जान का जोखिम लेने के बराबर होता है. आजतक इस गांव के करीब तीन लोग खड्ड को पार करते समय काल का ग्रास बन चुके हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके गांव में वैसे तो बहुत सारी समस्याएं हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. इस बार रानीकोटला पंचायत से कट कर भोली पंचायत का गठन हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि वह इस सड़क के लिए कई बार विभाग और प्रदेश सरकार से पत्र लिख कर व्यक्तिगत तौर पर मिल चुके हैं. हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है जबकि जमीनी हकीकत उससे कोसों दूर होती है.

समस्या से परेशान भोली गांव के सभी लोगों ने अब अपने हस्ताक्षर करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर भेजा है. पत्र में उन्होंने गांव के लिए सड़क बनाने की मांग की है. लोगों का कहना है कि अगर इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो पूरा गांव एकजुट होकर धरना करने को मजबूर होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सरकार की होगी.

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Last Updated : Aug 4, 2021, 8:11 PM IST
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