बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश का विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर के समीप प्राचीन कपाली कुंड सरोवर श्रद्धालुओं की अपार श्रद्धा का केंद्र है. मंदिर न्यास इस प्राचीन सरोवर के जीर्णोद्धार पर अब तक 24 लाख रुपए खर्च कर चुका है और अभी कार्य प्रगति पर है. मंदिर न्यास की कोशिश है कि मंदिर खुलने तक कपाली कुंड सरोवर का कार्य को पूरा किया जा सके, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को यह कपाली कुंड आकर्षित करे.
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की मांग है कि इस प्राचीन कपाली कुंड को माताजी चामुंडा मंदिर की तरह इसका जीर्णोद्धार किया जाए. उसी प्रकार इस प्राचीन तालाब के पास म्यूजिकल फाउंटेन के अलावा माता दुर्गा की मूर्तियां लगाई जाएं. जिससे श्रद्धालु इसके आसपास प्राकृतिक सौंदर्य का भी लुत्फ उठा सकें. इसके जीर्णोद्धार से अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु आएंगे, जिससे यहां के कारोबारियों का काम भी बढ़ सके.
मंदिर के पुजारी दीपक भूषण ने बताया कि यह प्राचीन कपाली कुंड सरोवर हमारी प्राचीन संस्कृति का धरोहर है. मान्यता है कि माता श्री नैना देवी जी ने जब महिषासुर का वध किया था, तो उसके सिर को काट कर कपाल ब्रह्मा को देकर इस पानी के कुंड की स्थापना करवाई थी.
उन्होंने बताया कि इस कुंड में स्नान करने से श्रद्धालुओं के दुख रोग कष्ट जादू टोने से मुक्ति मिल जाती है. आज भी काफी संख्या में श्रद्धालु इस कुंड में स्नान करते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते मंदिर बंद होने के कारण यहां पर श्रद्धालु नहीं आ पा रहे हैं, लेकिन इस बार मन्दिर बन्द होने के कारण श्रावण महीने में बंदरों ने कपाली कुंड सरोवर खूब स्नान किया है.
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