शिमला: हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों में एक बार फिर से शिक्षकों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है. ग्रेजुएशन लेवल के फर्स्ट ईयर, सेकंड ईयर और थर्ड ईयर कक्षाओं की पेपर चैकिंग रोक लगा दी है. ऐसे में फिर से रिजल्ट रुक गए हैं. हालांकि, कैंपस में कॉलेज शिक्षक अब हड़ताल नहीं (Teachers strike postponed in college) करेंगे. लेकिन पेपर चेकिंग करने से शिक्षकों ने साफ मना कर दिया है. इससे एक बार फिर से अंडर ग्रेजुएट के रिजल्ट निकलने पर संकट आ गया है. 20 जून तक रिजल्ट निकालने का दावा हुआ था, लेकिन दूसरी ओर कॉलेज शिक्षकों द्वारा पेपर चेकिंग बंद करने से अब ज्यादा दिक्कत हो गई है.
सिर्फ कोरे वादे हो रहे हैं, धरातल पर कुछ भी नहीं: शनिवार को शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए कॉलेज टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रामलाल शर्मा का कहना है कि हमें सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन मिल रहे हैं. हाल ही में सीएम जयराम ठाकुर ने आश्वासन दिया है कि वे यूजीसी स्केल को लागू कर देंगे, लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. इस कारण हम पेपर चेकिंग नहीं करेंगे. यह तब तक होगा, जब तक हमें लिखित में आश्वासन नहीं मिलता है. उनका कहना है कि कॉलेज शिक्षकों के साथ अन्याय हो रहा है. कभी मांगे पूरी करने की बात की जाती है तो कभी इससे इनकार कर दिया जाता है.
कैबिनेट मीटिंग तक कॉलेज कैंपस में हड़ताल बंद: कॉलेज टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रामलाल शर्मा ने कहा कि सीएम जयराम ने एक बार फिर अध्यापकों को आश्वासन दिया है कि यूजीसी पे स्केल को जारी कर दिया जाएगा. ऐसे में शिक्षकों द्वारा तब तक कॉलेज कैंपस में हड़ताल को बंद रखा गया है जब तक कैबिनेट की मीटिंग में उनके हित में फैसला नहीं आता है.
यूजीसी पे स्केल की कर रहे हैं मांग: बता दें कि कॉलेज शिक्षक पिछले काफी समय से यूजीसी पे स्केल को जारी करने की मांग (Demand for UGC Pay Scale in Himachal) कर रहे हैं. हिमाचल सरकार ने हाल ही में लगभग सभी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की है. जबकि यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन को नहीं बढ़ाया गया है. इसको लेकर शिक्षक विरोध कर रहे हैं.