शिमला: हिमाचल विधानसभा का विशेष सत्र (special session of himachal assembly ) 16 अथवा 17 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. इसको लेकर आज कैबिनेट बैठक में चर्चा की गई. हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने खुद किसी भी तारीख का जिक्र नहीं किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में राष्ट्रपति से बात की जाएगी उसके बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी, लेकिन इतना तय है कि पूर्ण राज्यत्व स्वर्ण जयंती समारोह (Full Statehood Golden Jubilee Celebrations) की कड़ी में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की सरकार की इच्छा है.
कैबिनेट बैठक में ही चर्चा के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) हिमाचल विधान सभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. पूर्ण राज्यत्व स्वर्ण जयंती समारोह की कड़ी में विधान सभा का विशेष सत्र 16 अथवा 17 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. सत्र के आयोजन को लेकर अंतिम फैसला लेने से पहले सरकार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनके संबोधन को लेकर आग्रह करेगी.
अगर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रस्ताव स्वीकार करते हैं तो यह चौथा मौका होगा जब देश के राष्ट्रपति प्रदेश विधानसभा को संबोधित करेंगे. जानकारी के अनुसार यदि राष्ट्रपति व्यस्तता के चलते इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाते हैं, तो उनके स्थान पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Vice President M. Venkaiah Naidu) और उनके भी व्यस्त होने की स्थिति में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) को इसके लिए आमंत्रित किया जा सकता है. इसके अलावा शिमला के पीटरहॉफ में भी पूर्ण राज्यत्व स्वर्ण जयंती का एक दिन का कार्यक्रम हो सकता है.
दरअसल कोविड संकट की वजह सरकार पूर्ण राज्यत्व स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन नहीं कर सकी है. हालांकि शिमला में कार्यक्रम का आगाज हो गया था, मगर रथ यात्रा व अन्य कार्यक्रम नहीं हो सके. हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Legislative Assembly) का नाता प्रख्यात विधान वेता विट्ठल भाई पटेल के साथ रहा है. पटेल वकृतत्व काल के आचार्य व स्वतंत्रता आंदोलन के देश विदेश में प्रख्यात प्रचारक भी रहे. वह सरदार पटेल के बड़े भाई थे.
विधानसभा की रजत जयंती समारोह के दौरान 1988 में पहला विशेष सत्र आयोजित किया गया था. इसके बाद विशेष सत्र दिसंबर 2004 में आयोजित किया गया. तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम ने विशेष सत्र को संबोधित किया था. यह पहला मौका था कि राष्ट्रपति ने विधान सभा के विशेष सत्र को संबोधित किया. इसके बाद स्व. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी मई 2013 में विधान सभा को संबोधित किया था. प्रणब मुखर्जी विधान सभा में ई विधान कार्यक्रम का शुभारंभ करने पहुंचे थे.
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