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SMC शिक्षकों की नौकरी पर लटकी तलवार, शिक्षा विभाग ने की नियमित नियुक्तियां - 794 पीजीटी, 1100 सी एंड वी

शिक्षा विभाग की ओर से कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों की जगह अब नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां की जा रही हैं. आने वाले दिनों में 1600 के करीब एसएमसी शिक्षकों की जगह पर नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां होंगी.

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Published : Nov 5, 2019, 7:45 AM IST

शिमलाः प्रदेश के स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों की जगह अब नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही हैं. चंबा और कुल्लू में नियमित शिक्षकों की नियुक्तियों के चलते 12 एसएमसी शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

इसी तरह से आने वाले दिनों में 1600 के करीब एसएमसी शिक्षकों की जगह पर नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां होंगी. ऐसे में एसएमसी शिक्षक नौकरी से निकाले जाने का विरोध जता रहे हैं. बता दें कि स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए 2570 के करीब एसएमसी शिक्षकों को नियुक्त किया गया है, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देशों के चलते अब इन पदों पर शिक्षा विभाग की ओर से नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां की जा रही हैं.

वीडियो.

नियुक्तियों को लेकर प्रारंभिक शिक्षा विभाग को वित्त विभाग से मंजूरी मिली है. इसके बाद अब रेगुलर शिक्षक स्कूलों में नियुक्त किए जा रहे हैं और एसएमसी शिक्षकों को बाहर किया जा रहा है. इसी तरह से चंबा और कुल्लू में भी एलटी विषय के शिक्षकों की नई नियुक्तियां होने के चलते 12 एसएमसी शिक्षकों को बाहर कर दिया गया है.

इसके साथ ही अन्य पदों को भरने के लिए भी जल्दी शिक्षा विभाग कैबिनेट से मंजूरी लेगा. मंजूरी मिलने के बाद अन्य पदों पर शिक्षकों को तैनात करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बता दें कि प्रदेश में 794 पीजीटी, 1100 सीएंडवी, 106 डीपीई, 570 टीजीटी और 136 जेबीटी शिक्षक एसएमसी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में इन पदों पर नियमित नियुक्तियां होने से एसएमसी शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है.

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल का कहना है कि सरकार और कोर्ट के आदेशों के तहत स्कूलों में एसएमसी की जगह रेगुलर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही हैं. एसएमसी पॉलिसी में स्पष्ट है कि रेगुलर नियुक्तियां होने के बाद इन शिक्षकों को स्कूल छोड़ना होगा. शिक्षकों की नियुक्तियां बैच वाइज और कमीशन के आधार पर नियमित रूप से ही की जाएंगी.

वहीं, एसएमसी शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष मनोज रांगटा का कहना है कि स्कूलों में एसएमसी शिक्षकों की कमी को पूरा कर रहे हैं. अब जब रेगुलर शिक्षकों की भर्तियां की जा रही है तो इन शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाना सही नहीं है, बल्कि सरकार को चाहिए कि इनके लिए पॉलिसी बनाकर युवाओं को रोजगार दिया जाए.


ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश में स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल का हुआ गठन, राजधानी शिमला में होगा मुख्यालय

शिमलाः प्रदेश के स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों की जगह अब नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही हैं. चंबा और कुल्लू में नियमित शिक्षकों की नियुक्तियों के चलते 12 एसएमसी शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

इसी तरह से आने वाले दिनों में 1600 के करीब एसएमसी शिक्षकों की जगह पर नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां होंगी. ऐसे में एसएमसी शिक्षक नौकरी से निकाले जाने का विरोध जता रहे हैं. बता दें कि स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए 2570 के करीब एसएमसी शिक्षकों को नियुक्त किया गया है, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देशों के चलते अब इन पदों पर शिक्षा विभाग की ओर से नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां की जा रही हैं.

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नियुक्तियों को लेकर प्रारंभिक शिक्षा विभाग को वित्त विभाग से मंजूरी मिली है. इसके बाद अब रेगुलर शिक्षक स्कूलों में नियुक्त किए जा रहे हैं और एसएमसी शिक्षकों को बाहर किया जा रहा है. इसी तरह से चंबा और कुल्लू में भी एलटी विषय के शिक्षकों की नई नियुक्तियां होने के चलते 12 एसएमसी शिक्षकों को बाहर कर दिया गया है.

इसके साथ ही अन्य पदों को भरने के लिए भी जल्दी शिक्षा विभाग कैबिनेट से मंजूरी लेगा. मंजूरी मिलने के बाद अन्य पदों पर शिक्षकों को तैनात करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बता दें कि प्रदेश में 794 पीजीटी, 1100 सीएंडवी, 106 डीपीई, 570 टीजीटी और 136 जेबीटी शिक्षक एसएमसी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में इन पदों पर नियमित नियुक्तियां होने से एसएमसी शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है.

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल का कहना है कि सरकार और कोर्ट के आदेशों के तहत स्कूलों में एसएमसी की जगह रेगुलर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही हैं. एसएमसी पॉलिसी में स्पष्ट है कि रेगुलर नियुक्तियां होने के बाद इन शिक्षकों को स्कूल छोड़ना होगा. शिक्षकों की नियुक्तियां बैच वाइज और कमीशन के आधार पर नियमित रूप से ही की जाएंगी.

वहीं, एसएमसी शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष मनोज रांगटा का कहना है कि स्कूलों में एसएमसी शिक्षकों की कमी को पूरा कर रहे हैं. अब जब रेगुलर शिक्षकों की भर्तियां की जा रही है तो इन शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाना सही नहीं है, बल्कि सरकार को चाहिए कि इनके लिए पॉलिसी बनाकर युवाओं को रोजगार दिया जाए.


ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश में स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल का हुआ गठन, राजधानी शिमला में होगा मुख्यालय

Intro:प्रदेश के स्कूलों में तैनात शिक्षकों की जगह अब रेगुलर शिक्षकों की नियुक्तियां शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही है। रेगुलर शिक्षकों की नियुक्तियां करने पर एसएमसी शिक्षकों को बाहर का रास्ता विभाग की ओर से दिखाया जा रहा है। प्रदेश के चंबा और कुल्लू में रेगुलर शिक्षकों की नियुक्तियों के चलते 12 एसएमसी शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इसी तरह से आगामी समय में 1600 के करीब एसएमसी शिक्षकों की जगह पर रेगुलर शिक्षकों की नियुक्तियां होने पर उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। ऐसे में एसएमसी शिक्षकों को स्कूलों से बाहर करने को लेकर एसएमसी शिक्षक भड़क उठे हैं और इस बात का विरोध जता रहे हैं।


Body:बता दें कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए 2570 के करीब एसएमसी शिक्षकों को नियुक्त किया गया है, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देशों के चलते अब इन पदों पर शिक्षा विभाग की ओर से नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां की जा रही हैं। नियुक्तियों को लेकर प्रारंभिक शिक्षा विभाग को वित्त विभाग से मंजूरी मिली है। इसके बाद अब रेगुलर शिक्षक स्कूलों में नियुक्त किए जा रहे हैं और एसएमसी शिक्षकों को बाहर किया जा रहा है। इसी तरह से चंबा और कुल्लू में भी एलटी विषय के शिक्षकों की नई नियुक्ति होने के चलते 12 एसएमसी शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इसके साथ ही अन्य पदों को भरने के लिए भी जल्दी शिक्षा विभाग कैबिनेट से मंजूरी लेगा और इसके बाद अन्य पदों पर शिक्षक भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद एसएमसी के तहत सेवाएं दे रहे शिक्षकों स्कूलों से बाहर निकाला जाएगा। बता दें कि प्रदेश में 794 पीजीटी, 1100 सी एंड वी, 106 डीपीई, 570 टीजीटी और 136 जेबीटी शिक्षक एसएमसी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में इन पदों पर रेगुलर नियुक्तियां होने पर एसएमसी शिक्षकों का भविष्य अंधकार में आ जाएगा और यह युवा बेरोजगार हो जाएंगे। शिक्षा विभाग भी स्पष्ट कर रहा है कि एसएमसी पॉलिसी में यह साफ किया गया है कि रेगुलर शिक्षक की नियुक्ति होने पर इन शिक्षकों को स्कूल छोड़ना होगा।


Conclusion:प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जमवाल का कहना है कि सरकार व कोर्ट के आदेशों के तहत स्कूलों में एसएमसी की जगह रेगुलर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही हैं। एसएमसी पॉलिसी में स्पष्ट है कि रेगुलर नियुक्ति होने के बाद इन शिक्षकों को स्कूल छोड़ना होगा। शिक्षकों की नियुक्तियां बैच वाइज और कमीशन के आधार पर नियमित रूप से ही की जाएंगी। उसी आधार पर रेगुलर भर्ती के चलते शिक्षकों को बाहर किया जा रहा है। एसएमसी शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष मनोज रांगटा का कहना कहना है कि स्कूलों में एसएमसी शिक्षकों की कमी को पूरा कर रहे हैं। अब जब रेगुलर शिक्षकों की भर्तियां की जा रही है तो इन शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाना सही नहीं है बल्कि सरकार को चाहिए कि इनके लिए पॉलिसी बनाकर युवाओं को रोजगार दिया जाए।
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