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Petrol crisis in Shimla: शिमला में अब पेट्रोल संकट, डिमांड से आधी सप्लाई कर रही कम्पनियां

राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अनेक शहरों में पेट्रोल-डीजल की भारी किल्लत हो गई है. तेल कंपनियों की तरफ से आपूर्ति डिमांड से आधा हो रही है. शहर में कई पंप पर (Petrol crisis in Shimla) तीसरे दिन पेट्रोल का टैंकर मिल रहा है. राजधानी शिमला में भी पेट्रोल की आपूर्ति तीसरे दिन हो रही है. पेट्रोल पंप संचालक राशनिंग से पेट्रोल बेच रहे हैं.

Petrol crisis in Shimla
शिमला में पेट्रोल संकट
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Published : Jun 14, 2022, 7:50 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अनेक शहरों में पेट्रोल-डीजल की भारी किल्लत हो गई है. तेल कंपनियों की तरफ से आपूर्ति डिमांड से आधा हो रही है. ताराहॉल के समीप स्थित पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों (Petrol crisis in Shimla) का कहना है कि पेट्रोल पंप मालिक 3 गाड़ियों की बुकिंग करते हैं लेकिन उन्हें 1 गाड़ी तेल ही भेजा जा रहा है. वह भी अगले दिन तक पहुंच पाता है. जैसे ही तेल की गाड़ी पहुंचती है तो कुछ देर में पेट्रोल पंप के बाहर वाहनों की लंबी लाइन खड़ी हो जाती है. जिसके कारण तेल जल्दी खत्म हो रहा है. यही हाल शहर के अन्य पेट्रोल पंप पर है.

शहर में कई पंप पर तीसरे दिन पेट्रोल का टैंकर मिल रहा है. राजधानी शिमला में भी पेट्रोल की आपूर्ति तीसरे दिन हो रही है. पेट्रोल पंप संचालक राशनिंग से पेट्रोल बेच रहे हैं. ऐसे में पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पेट्रोल कम मिलने के साथ ही यातायात जाम से भी लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है. यातायात जाम के दौरान भी पेट्रोल बर्बाद हो रहा है.

शिमला में पेट्रोल संकट
शिमला के विकासनगर में हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप संचालक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि (Petrol crisis in Shimla) कुछ दिन से पेट्रोल की काफी दिक्कत है. कंपनी की ओर से तीसरे दिन सप्लाई की जा रही है. एक दिन छोड़कर सप्लाई मिलने से दिक्कत बढ़ गई है. वहीं, संजौली के दोनों पेट्रोल पंपों में पेट्रोल तेल खत्म है. इससे ऊपरी शिमला जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लुधियाना से शिमला पहुंचे एक कारोबारी ने बताया कि वह ऊपरी शिमला से आ रहा है लेकिन रास्ते में किसी भी पेट्रोल पंप पर उसे पेट्रोल नहीं मिल रहा है. हर जगह पेट्रोल खत्म होने के बोर्ड लगे हैं. टैक्सी चालकों का कहना है कि तेल की कमी के कारण उन्हें अपनी गाड़ियां खड़ी करनी पड़ रही है. तेल की कमी के कारण शहरवासियों का जीवन काफी कठिन हो गया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में रोजाना औसतन 240 मीट्रिक टन पेट्रोल की खपत होती है. प्रदेश में डीजल की खपत अधिक है, यह करीब 1300 मीट्रिक टन रोजाना है. हिमाचल में 496 पेट्रोल पम्प स्थापित हैं. कांगड़ा में सबसे अधिक 103, सोलन में 70, ऊना में 68 पेट्रोल पंप हैं.

शिमला: राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अनेक शहरों में पेट्रोल-डीजल की भारी किल्लत हो गई है. तेल कंपनियों की तरफ से आपूर्ति डिमांड से आधा हो रही है. ताराहॉल के समीप स्थित पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों (Petrol crisis in Shimla) का कहना है कि पेट्रोल पंप मालिक 3 गाड़ियों की बुकिंग करते हैं लेकिन उन्हें 1 गाड़ी तेल ही भेजा जा रहा है. वह भी अगले दिन तक पहुंच पाता है. जैसे ही तेल की गाड़ी पहुंचती है तो कुछ देर में पेट्रोल पंप के बाहर वाहनों की लंबी लाइन खड़ी हो जाती है. जिसके कारण तेल जल्दी खत्म हो रहा है. यही हाल शहर के अन्य पेट्रोल पंप पर है.

शहर में कई पंप पर तीसरे दिन पेट्रोल का टैंकर मिल रहा है. राजधानी शिमला में भी पेट्रोल की आपूर्ति तीसरे दिन हो रही है. पेट्रोल पंप संचालक राशनिंग से पेट्रोल बेच रहे हैं. ऐसे में पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पेट्रोल कम मिलने के साथ ही यातायात जाम से भी लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है. यातायात जाम के दौरान भी पेट्रोल बर्बाद हो रहा है.

शिमला में पेट्रोल संकट
शिमला के विकासनगर में हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप संचालक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि (Petrol crisis in Shimla) कुछ दिन से पेट्रोल की काफी दिक्कत है. कंपनी की ओर से तीसरे दिन सप्लाई की जा रही है. एक दिन छोड़कर सप्लाई मिलने से दिक्कत बढ़ गई है. वहीं, संजौली के दोनों पेट्रोल पंपों में पेट्रोल तेल खत्म है. इससे ऊपरी शिमला जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लुधियाना से शिमला पहुंचे एक कारोबारी ने बताया कि वह ऊपरी शिमला से आ रहा है लेकिन रास्ते में किसी भी पेट्रोल पंप पर उसे पेट्रोल नहीं मिल रहा है. हर जगह पेट्रोल खत्म होने के बोर्ड लगे हैं. टैक्सी चालकों का कहना है कि तेल की कमी के कारण उन्हें अपनी गाड़ियां खड़ी करनी पड़ रही है. तेल की कमी के कारण शहरवासियों का जीवन काफी कठिन हो गया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में रोजाना औसतन 240 मीट्रिक टन पेट्रोल की खपत होती है. प्रदेश में डीजल की खपत अधिक है, यह करीब 1300 मीट्रिक टन रोजाना है. हिमाचल में 496 पेट्रोल पम्प स्थापित हैं. कांगड़ा में सबसे अधिक 103, सोलन में 70, ऊना में 68 पेट्रोल पंप हैं.
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