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हिमाचल में जानें कब होगी BPL परिवारों की सूची समीक्षा? डेढ़ साल से लोगों को ग्रामसभा बैठक का इंतजार - HIMACHAL GRAM SABHA MEETING

हिमाचल में डेढ़ साल से BPL परिवारों की सूची की समीक्षा नहीं हुई है. जिससे कई अपात्र परिवार इसका लाभ उठा रहे हैं.

HIMACHAL GRAM SABHA MEETING
हिमाचल में ग्राम सभा की बैठक (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 5, 2024, 9:09 AM IST

Updated : Nov 5, 2024, 9:21 AM IST

शिमला: हिमाचल में गरीब परिवारों के कल्याण के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न वर्गों का उत्थान हो सके. प्रदेश में जो परिवार वित्तीय रूप से कमजोर हैं और उनकी आय बहुत कम है. ऐसे परिवारों को सरकार BPL कार्ड के जरिए वित्तीय रूप से सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रही है. हिमाचल में हर साल अप्रैल महीने में आयोजित होने वाली ग्रामसभा की बैठक में BPL परिवारों की सूची की समीक्षा होती है. जिसमें हर बार ग्रामसभा की सहमति से अपात्र परिवारों को बाहर कर उनके स्थान पर पात्र परिवारों को शामिल किया जाता है.

डेढ़ साल से नहीं हुई BPL परिवारों की सूची की समीक्षा

इसके अलावा केंद्र से निर्धारित कोटे की उपलब्धता के हिसाब से अन्य नए परिवारों को भी सूची में शामिल किया जा सकता है, लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव सहित प्रदेश विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव के ऐलान से 16 मार्च को आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थीं. जिस कारण हिमाचल में अबकी बार अप्रैल महीने में आयोजित होने वाली ग्रामसभा की बैठक नहीं हो सकी. जिस वजह से पिछले डेढ़ साल से BPL परिवारों की सूची की समीक्षा नहीं हुई है.

अब जनवरी में होगी सूची की समीक्षा

बता दें कि पिछली बार अप्रैल 2023 में BPL परिवारों की सूची की समीक्षा हुई थी. इसको देखते अब हिमाचल में नए साल में जनवरी महीने में आयोजित होने वाली ग्रामसभा की बैठक में BPL परिवारों की सूची की समीक्षा होगी. जिसमें अपात्र परिवारों को BPL से बाहर कर नए जरूरतमंद परिवारों को सूची में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा केंद्र सरकार से निर्धारित कोटे को पूरा करने के लिए नए परिवारों को भी BPL सूची में शामिल किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण विकास विभाग ने BPL परिवारों की सूची की समीक्षा को लेकर मंजूरी लेने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है.

डेढ़ साल से कई अपात्र उठा रहे सुविधा का लाभ

हिमाचल में BPL परिवारों को सरकार डिपुओं के जरिए सस्ते राशन, अस्पतालों में फ्री इलाज, नौकरी में प्राथमिकता, बिजली का फ्री मीटर लगाने, आवास के लिए वित्तीय सहायता सहित कई तरह सुविधाएं दे रही है, लेकिन प्रदेश में पिछले डेढ़ सालों में BPL परिवारों की सूची की समीक्षा नहीं हुई है. इस अवधि में बहुत से BPL सूची में शामिल परिवारों से कई सदस्य आउट सोर्स सहित विभिन्न विभागों में मल्टी टास्क वर्कर सहित अन्य सरकारी क्षेत्र में नौकरी पर लगे हैं. इसके अलावा कई परिवारों से युवा प्राइवेट नौकरी में लगने के बाद अच्छी सैलरी प्राप्त कर रहे हैं. कई परिवारों ने चार पहिया वाहन खरीद लिए हैं. जिस कारण ये BPL परिवारों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अपात्र हो गए हैं, लेकिन डेढ़ साल से BPL समीक्षा न होने के कारण ऐसे परिवारों को सूची से बाहर नहीं किया जा सका है. जिसका खामियाजा वास्तव में गरीब परिवारों को भुगतना पड़ रहा है.

केंद्र से इतने लाख परिवारों का कोटा निर्धारित

केंद्र ने हिमाचल के लिए BPL सूची में 2,82,370 परिवारों को शामिल करने का कोटा निर्धारित किया है. वर्तमान में 2 लाख 66 हजार 304 परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं. ऐसे में अभी केंद्र के कोटे के मुताबिक 16,066 नए परिवारों को भी अभी और BPL सूची में और जोड़ा जा सकता है. बता दें कि प्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे बीपीएल परिवारों का चयन बीपीएल सर्वे गाइडलाइन 2002 के आधार पर किया जाता है. ये मापदंड केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की 10वीं पंचवर्षीय योजना (2002-07) में जारी बीपीएल सर्वे गाइडलाइन 2002 पर आधारित हैं.

बीपीएल सूची में शामिल नहीं होंगे ये परिवार

हिमाचल प्रदेश में बीपीएल में परिवारों का नाम शामिल करने के लिए नियम शर्तें तय की गई हैं. जिसके मुताबिक 2 हेक्टेयर से ज्यादा असिंचित भूमि या 1 हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि वाले परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाता है. इसी तरह से बड़े आकार के पक्के घर के परिवार, जो परिवार आयकर देते हो, जिन परिवारों के पास चार पहिया वाहन जैसे कार, मोटर, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक और बस आदि हो उनको भी बीपीएल में शामिल नहीं किया जाता है. वहीं, प्रदेश में ऐसे परिवार जिनका वेतन, पेंशन, मानदेय, मजदूरी व्यवसाय आदि से नियमित मासिक 2500 से अधिक है या फिर ऐसे परिवार जिनके घर से कोई सदस्य सरकारी नौकरी या फिर गैर सरकारी नौकरी में नियमित तौर पर या अनुबंध पर कार्यरत हो. ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाता है.

ये भी पढ़ें: डिपुओं में पहुंचा इस महीने के राशन का कोटा, आज से APL परिवारों को मिलेगा इतना राशन

ये भी पढ़ें: हिमाचल के डिपुओं में पहली बार मिलेगा ऑर्गेनिक मक्की का आटा, इतने किलो की पैकिंग में होगा उपलब्ध

ये भी पढ़ें: डिपुओं में तीन महीने तक राशन का कोटा न उठाने वाले उपभोक्ताओं के राशन कार्ड होंगे ब्लॉक, अब तक इतने कार्ड हो चुके हैं बंद

शिमला: हिमाचल में गरीब परिवारों के कल्याण के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न वर्गों का उत्थान हो सके. प्रदेश में जो परिवार वित्तीय रूप से कमजोर हैं और उनकी आय बहुत कम है. ऐसे परिवारों को सरकार BPL कार्ड के जरिए वित्तीय रूप से सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रही है. हिमाचल में हर साल अप्रैल महीने में आयोजित होने वाली ग्रामसभा की बैठक में BPL परिवारों की सूची की समीक्षा होती है. जिसमें हर बार ग्रामसभा की सहमति से अपात्र परिवारों को बाहर कर उनके स्थान पर पात्र परिवारों को शामिल किया जाता है.

डेढ़ साल से नहीं हुई BPL परिवारों की सूची की समीक्षा

इसके अलावा केंद्र से निर्धारित कोटे की उपलब्धता के हिसाब से अन्य नए परिवारों को भी सूची में शामिल किया जा सकता है, लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव सहित प्रदेश विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव के ऐलान से 16 मार्च को आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थीं. जिस कारण हिमाचल में अबकी बार अप्रैल महीने में आयोजित होने वाली ग्रामसभा की बैठक नहीं हो सकी. जिस वजह से पिछले डेढ़ साल से BPL परिवारों की सूची की समीक्षा नहीं हुई है.

अब जनवरी में होगी सूची की समीक्षा

बता दें कि पिछली बार अप्रैल 2023 में BPL परिवारों की सूची की समीक्षा हुई थी. इसको देखते अब हिमाचल में नए साल में जनवरी महीने में आयोजित होने वाली ग्रामसभा की बैठक में BPL परिवारों की सूची की समीक्षा होगी. जिसमें अपात्र परिवारों को BPL से बाहर कर नए जरूरतमंद परिवारों को सूची में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा केंद्र सरकार से निर्धारित कोटे को पूरा करने के लिए नए परिवारों को भी BPL सूची में शामिल किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण विकास विभाग ने BPL परिवारों की सूची की समीक्षा को लेकर मंजूरी लेने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है.

डेढ़ साल से कई अपात्र उठा रहे सुविधा का लाभ

हिमाचल में BPL परिवारों को सरकार डिपुओं के जरिए सस्ते राशन, अस्पतालों में फ्री इलाज, नौकरी में प्राथमिकता, बिजली का फ्री मीटर लगाने, आवास के लिए वित्तीय सहायता सहित कई तरह सुविधाएं दे रही है, लेकिन प्रदेश में पिछले डेढ़ सालों में BPL परिवारों की सूची की समीक्षा नहीं हुई है. इस अवधि में बहुत से BPL सूची में शामिल परिवारों से कई सदस्य आउट सोर्स सहित विभिन्न विभागों में मल्टी टास्क वर्कर सहित अन्य सरकारी क्षेत्र में नौकरी पर लगे हैं. इसके अलावा कई परिवारों से युवा प्राइवेट नौकरी में लगने के बाद अच्छी सैलरी प्राप्त कर रहे हैं. कई परिवारों ने चार पहिया वाहन खरीद लिए हैं. जिस कारण ये BPL परिवारों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अपात्र हो गए हैं, लेकिन डेढ़ साल से BPL समीक्षा न होने के कारण ऐसे परिवारों को सूची से बाहर नहीं किया जा सका है. जिसका खामियाजा वास्तव में गरीब परिवारों को भुगतना पड़ रहा है.

केंद्र से इतने लाख परिवारों का कोटा निर्धारित

केंद्र ने हिमाचल के लिए BPL सूची में 2,82,370 परिवारों को शामिल करने का कोटा निर्धारित किया है. वर्तमान में 2 लाख 66 हजार 304 परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं. ऐसे में अभी केंद्र के कोटे के मुताबिक 16,066 नए परिवारों को भी अभी और BPL सूची में और जोड़ा जा सकता है. बता दें कि प्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे बीपीएल परिवारों का चयन बीपीएल सर्वे गाइडलाइन 2002 के आधार पर किया जाता है. ये मापदंड केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की 10वीं पंचवर्षीय योजना (2002-07) में जारी बीपीएल सर्वे गाइडलाइन 2002 पर आधारित हैं.

बीपीएल सूची में शामिल नहीं होंगे ये परिवार

हिमाचल प्रदेश में बीपीएल में परिवारों का नाम शामिल करने के लिए नियम शर्तें तय की गई हैं. जिसके मुताबिक 2 हेक्टेयर से ज्यादा असिंचित भूमि या 1 हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि वाले परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाता है. इसी तरह से बड़े आकार के पक्के घर के परिवार, जो परिवार आयकर देते हो, जिन परिवारों के पास चार पहिया वाहन जैसे कार, मोटर, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक और बस आदि हो उनको भी बीपीएल में शामिल नहीं किया जाता है. वहीं, प्रदेश में ऐसे परिवार जिनका वेतन, पेंशन, मानदेय, मजदूरी व्यवसाय आदि से नियमित मासिक 2500 से अधिक है या फिर ऐसे परिवार जिनके घर से कोई सदस्य सरकारी नौकरी या फिर गैर सरकारी नौकरी में नियमित तौर पर या अनुबंध पर कार्यरत हो. ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाता है.

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Last Updated : Nov 5, 2024, 9:21 AM IST
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