सैन फ्रांसिस्को: बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों पर बड़े पैमाने पर हमले को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सोमवार को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से बात की. दोनों नेताओं ने देश में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.
व्हाइट हाउस ने सुलिवन और यूनुस के बीच हुई बातचीत के बारे में कहा जानकारी दी. इसमें कहा गआ कि दोनों नेताओं ने सभी लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करने और उनकी रक्षा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो.
यह निर्णय बाइडेन प्रशासन द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता सौंपने से एक महीने से भी कम समय पहले लिया गया. ट्रंप अगले साल 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. यह घटना भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेटिक कांग्रेसी थानेदार द्वारा व्हाइट हाउस से आग्रह किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई. इसमें उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या और उनके मंदिरों को नष्ट करने के मुद्दे को देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के समक्ष जोरदार तरीके से उठाने का आग्रह किया था.
थानेदार ने पिछले सप्ताह संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका का पीड़ितों की सहायता करने का एक लंबा इतिहास रहा है. यह मुद्दा भी इससे अलग नहीं होना चाहिए. जब हमें मदद के लिए वैश्विक आह्वान प्राप्त होता है, तो हमें मानवाधिकारों के मामले में दुनिया के अग्रणी के रूप में उचित तरीके से जवाब देना चाहिए.
हमें प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस से शांति बहाल करने और समानता और न्याय के सिद्धांतों पर राष्ट्र के पुनर्निर्माण के अपने वादे को पूरा करने का आग्रह करना चाहिए. व्हाइट हाउस ने कहा कि बातचीत के दौरान सुलिवन ने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान बांग्लादेश का नेतृत्व करने के लिए यूनुस को धन्यवाद दिया. सुलिवन ने समृद्ध स्थिर और लोकतांत्रिक बांग्लादेश के लिए अमेरिका के समर्थन को दोहराया. साथ ही कहा कि बांग्लादेश के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने में अमेरिका के साथ की पुष्टि की.
हिंदूएक्शन ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ क्रूर हमलों की परेशान करने वाली खबरें सामने आ रही हैं, विशेष रूप से पिछले दो सप्ताहों में क्योंकि जमीनी स्तर पर प्रभावित लोगों की ओर से मदद की हताशा भरी गुहारें आ रही हैं. हिंदूऐक्शन के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले साढ़े पांच महीनों में जो कुछ हुआ है, उससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि मुहम्मद यूनुस जमात-ए-इस्लामी में अपने सहयोगियों को रोकने में विफल रहे हैं.
वे अब देश भर में घूम रहे हैं, मंदिरों को जला रहे हैं, लोगों की हत्या कर रहे हैं, महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं और हिंदू समुदाय के पुजारियों और नेताओं को कैद करके उनके खिलाफ अत्याचार कर रहे हैं.
चक्रवर्ती ने कहा, 'जैसा कि कांग्रेसी थानेदार ने कहा है, बांग्लादेश पर प्रतिबंध लगाना हमारे वर्तमान प्रशासन के साथ-साथ आगामी प्रशासन का भी दायित्व है.' उन्होंने कहा, 'यह महत्वपूर्ण है कि हम बांग्लादेश की सीमाओं के भीतर रहने वाले सभी 15 मिलियन हिंदुओं, साथ ही बौद्धों और ईसाइयों के लिए सुरक्षित स्वायत्त क्षेत्रों के लिए स्पष्ट रूप से एक रास्ता तैयार करें.'