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हिमाचल का बेटा ऑस्ट्रेलिया में बना काउंसलर, साल 2008 में पढ़ाई के लिए गया था विदेश - ABHISHEK AWASTHI MANDI

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला निवासी अभिषेक अवस्थी ऑस्ट्रेलिया में काउंसलर का चुनाव जीते हैं. वह साल 2008 में पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया गए थे.

अभिषेक अवस्थी
अभिषेक अवस्थी (सोशल मीडिया)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 7, 2024, 9:53 PM IST

मंडी: लोअर समखेतर निवासी 41 वर्षीय अभिषेक अवस्थी ऑस्ट्रेलिया के ग्रेटर बेंडिगो शहर के केनिंगटन से काउंसलर चुने गए हैं. वे यहां चुनाव जीतकर काउंसलर बनने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. अभिषेक अवस्थी ने अपने प्रतिद्वंदी गैविन हिक्स को शिकस्त देकर यह चुनाव जीता है. उनके चुनाव जीतने को लेकर जहां ऑस्ट्रेलिया में रह रहे उभारतीय मूल के लोगों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है. वहीं परिवार के लोग भी अपने बेटे की कामयाबी से बेहद खुश हैं.

बता दें कि ग्रेटर बेंडिगो शहर ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य का एक महानगर है. यहां पर किसी भारतीय मूल का काउंसलर चुना जाना अपने आप में बड़ी बात है. अभिषेक अवस्थी ने बताया कि उन्हें इन चुनावों में ऑस्ट्रेलिया के लोगों का भरपूर सहयोग मिला.

लोगों के प्यार और आशीर्वाद से वह इस चुनाव को जीत पाए हैं. उन्होंने कहा शहर के सर्वांगीण विकास के लिए लोगों के साथ मिलकर काम किया जाएगा. अभिषेक 17 सालों से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं. वह साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया गए. साल 2008 में उन्हें लेट्रॉब यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला और यहां से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. इसके साथ ही उन्होंने वहां पार्ट टाइम जॉब भी की. अभिषेक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार आगे बढ़ते रहे.

ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य की सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों का दायित्व संभाला. मौजूदा समय में अभिषेक विक्टोरिया की राज्य सरकार के रीजनल फूड सिक्योरिटी में सीईओ का दायित्व भी संभाल रहे हैं. उन्हें वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता मिल चुकी है. वे वहां अपनी धर्मपत्नी अनीमा और बेटी अग्नि के साथ रह रहे हैं. अभिषेक के पिता सुरेंद्र पाल बीबीएमबी से रिटायर हुए हैं जबकि माता चंपा शर्मा गृहणी है.

ये भी पढ़ें: "पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत नहीं आता शानन पावर प्रोजेक्ट, पड़ोसी राज्य कर रहा गलत क्लेम"

मंडी: लोअर समखेतर निवासी 41 वर्षीय अभिषेक अवस्थी ऑस्ट्रेलिया के ग्रेटर बेंडिगो शहर के केनिंगटन से काउंसलर चुने गए हैं. वे यहां चुनाव जीतकर काउंसलर बनने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. अभिषेक अवस्थी ने अपने प्रतिद्वंदी गैविन हिक्स को शिकस्त देकर यह चुनाव जीता है. उनके चुनाव जीतने को लेकर जहां ऑस्ट्रेलिया में रह रहे उभारतीय मूल के लोगों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है. वहीं परिवार के लोग भी अपने बेटे की कामयाबी से बेहद खुश हैं.

बता दें कि ग्रेटर बेंडिगो शहर ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य का एक महानगर है. यहां पर किसी भारतीय मूल का काउंसलर चुना जाना अपने आप में बड़ी बात है. अभिषेक अवस्थी ने बताया कि उन्हें इन चुनावों में ऑस्ट्रेलिया के लोगों का भरपूर सहयोग मिला.

लोगों के प्यार और आशीर्वाद से वह इस चुनाव को जीत पाए हैं. उन्होंने कहा शहर के सर्वांगीण विकास के लिए लोगों के साथ मिलकर काम किया जाएगा. अभिषेक 17 सालों से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं. वह साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया गए. साल 2008 में उन्हें लेट्रॉब यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला और यहां से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. इसके साथ ही उन्होंने वहां पार्ट टाइम जॉब भी की. अभिषेक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार आगे बढ़ते रहे.

ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य की सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों का दायित्व संभाला. मौजूदा समय में अभिषेक विक्टोरिया की राज्य सरकार के रीजनल फूड सिक्योरिटी में सीईओ का दायित्व भी संभाल रहे हैं. उन्हें वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता मिल चुकी है. वे वहां अपनी धर्मपत्नी अनीमा और बेटी अग्नि के साथ रह रहे हैं. अभिषेक के पिता सुरेंद्र पाल बीबीएमबी से रिटायर हुए हैं जबकि माता चंपा शर्मा गृहणी है.

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