श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड (JKBOSE) पर कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तक में बड़ी गलतियां पाए जाने के बाद, बॉलीवुड फिल्म '3 इडियट्स' से इसको जोड़ कर देखा जाने लगा है. व्यापक रूप से साझा किए गए वीडियो द्वारा सार्वजनिक की गई इन गलतियों ने पाठ्यक्रम सामग्री के संपादन पर सवालों को जन्म दिया है. इन गलतियों की छात्रों और राजनीतिक हस्तियों ने कड़ी आलोचना की है. यह विवाद आपदा प्रबंधन और सड़क सुरक्षा शिक्षा नामक एक पाठ्यपुस्तक को लेकर है, जिसमें एक स्पष्ट कॉपी-पेस्ट त्रुटि है.
JKBOSE की वेबसाइट पर उपलब्ध वर्तमान शैक्षणिक सत्र की पाठ्यपुस्तक में 'राज्य' शब्द को 'UT' (केंद्र शासित प्रदेश) से बदलने के लिए आलोचना की गई है. हालांकि, प्रशासनिक अर्थों से असंबंधित संदर्भों में 'स्टेट' शब्द को UT से बदल दिया गया है. जैसे आपदा प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी की पुस्तक में स्टेट ऑफ ह्यूमन बॉडी की जगह UT ऑफ ह्यूमन बॉडी कर दिया गया है.
अगले पृष्ठ पर भी इसी तरह की गलतियां की गई हैं. कई बार गलतियां ऐसी हैं जो आपको हंसने पर मजबूर करती है. JKBOSE, जो प्रकाशन से पहले पाठ्यपुस्तकों को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार है, प्रूफरीडिंग और संपादकीय निरीक्षण की कमी के लिए आलोचनाओं के घेरे में आ गया है.
आलोचकों का कहना है कि गुणवत्ता नियंत्रण के दावों के बावजूद, बोर्ड ऐसी गंभीर गलतियों को रोकने में विफल रहा. विवाद का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि JKBOSE ने हाल ही में निजी स्कूलों को केवल अपनी निर्धारित पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करने का आदेश दिया है. ये गलतियां पाठ्यपुस्तक के पेज 29 और 30 पर आपदा प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी पर पाठ में भी पाई जा सकती हैं. इनमें असंबंधित स्थितियों में स्टेट की जगह यूटी का लगातार और अनुचित उपयोग शामिल है.
सोशल मीडिया पर पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने बोर्ड के खराब नेतृत्व की आलोचना की. उन्होंने स्थिति को एक 'सैड जोक' के रूप में वर्णित किया. अख्तर ने इसके साथ ही निजी स्कूल के विद्यार्थियों को परीक्षा फॉर्म देने से इनकार करने पर चिंता व्यक्त की.
उन्होंने क्षेत्र के अधिकारियों, विशेषकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया. JKBOSE के अधिकारियों ने आधिकारिक वेबसाइट से पाठ्यपुस्तक का पीडीएफ संस्करण हटा दिया. उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया. उन्होंने कहा कि इन गलतियों को ठीक कर के पहले ही एक अपडेटेड संस्करण बाजार में जारी कर दिया गया है. अधिकारियों ने पाठ्यपुस्तक के डिजिटल संस्करण को अपनी वेबसाइट से हटा दिया है. इस बीच, ईटीवी संवाददाता ने टिप्पणी के लिए जेकेबीओएसई के अध्यक्ष प्रो. परीक्षित सिंह मन्हास तक पहुंचने के कई प्रयास किये. लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी.
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