नई दिल्ली: दिल्ली की नए मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता गुरुवार को रामलीला मैदान में शपथ ली. उनके अलावा प्रवेश वर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंद्र इंद्रराज सिंह, कपिल मिश्रा, आशीष सूद और डॉ. पंकज कुमार सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली. आइए जानते हैं इन मंत्रियों के बारे में..
प्रवेश वर्मा (कैबिनेट मंत्री): प्रवेश वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. उन्होंने आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस चुनाव में हराया है. प्रवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली से सांसद भी रह चुके हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद एमबीए किया. वो भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी से सदस्य भी रहे हैं. प्रवेश वर्मा की राजनीति में औपचारिक एंट्री 2013 में हुई, जब उन्हें भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला था.
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मनजिंदर सिंह सिरसा (कैबिनेट मंत्री): मनजिंदर सिंह सिरसा भाजपा के एक प्रमुख सिख नेता हैं और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र से आप उम्मीदवार धनवती चंदेला को हराया है. सिरसा ने डीयू के श्री गुरु तेगबहादुर खालसा कॉलेज में बीए (ऑनर्स) में दाखिला लिया था, लेकिन वह बीच में ही पढ़ाई छोड़कर बिजनेस में उतर गए थे. उन्होंने सिख समुदाय के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है. उनके शपथ लेने से भाजपा को सिख समुदाय का समर्थन मिलने की संभावना है.
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रवींद्र इंद्रराज सिंह (कैबिनेट मंत्री): रवींद्र इंद्रराज सिंह ने पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर कार्य किया है. रवींद्र इंद्रराज ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है. 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने 'आप' उम्मीदवार जय भगवान उपकार को हराया. पेशे से व्यवसायी रवींद्र इंद्रराज लंबे समय से दलित समुदाय के लिए काम करते आ रहे हैं. उन्हें उनकी संगठनात्मक क्षमताओं और नेतृत्व कौशल के लिए जाना जाता है. कैबिनेट मंत्री के रूप में, उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे प्रशासनिक सुधारों में अहम योगदान देंगे.
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कपिल मिश्रा (कैबिनेट मंत्री): कपिल मिश्रा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आम आदमी पार्टी से की थी. 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार में उन्हें जल और पर्यटन मंत्री बनाया गया था. कपिल मिश्रा को 2017 में दिल्ली सरकार के कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके बाद 2019 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ज्वाइन कर ली. इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के मनोज कुमार त्यागी को हराया. वह अपने स्पष्ट वक्तव्यों और सक्रिय राजनीति के लिए जाने जाते हैं.
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आशीष सूद (कैबिनेट मंत्री): आशीष सूद भाजपा के दिल्ली इकाई के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और पार्टी का पंजाबी चेहरा हैं. वो जनकपुरी विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने हैं, जहां उन्होंने 'आप' उम्मीदवार प्रवीण कुमार को हराया. वह भाजपा दिल्ली प्रदेश के सचिव और महासचिव भी रहे हैं. साथ ही निगम की राजनीति में काफी समय से सक्रिय रहे हैं. इस बार के चुनाव में पंजाबी समुदाय ने भी भाजपा को जमकर वोट किया, इसलिए पंजाबी समाज को साधने के लिए और संगठन का विश्वस्त होने के चलते उनको पहली बार विधायक बनने पर ही कैबिनेट मंत्री बनने का मौका मिला. आशीष सूद छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे हैं.
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डॉ. पंकज सिंह (कैबिनेट मंत्री): बिहार मूल के डॉ. पंकज कुमार सिंह राजपूत समाज से आते हैं और पूर्वांचली चेहरा हैं. पंकज सिंह मूल रूप से बिहार के बक्सर जिला के रहने वाले हैं. इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने विकासपुरी से आम आदमी पार्टी के महेंद्र यादव को हराया है. उन्हें राजपूत समाज को प्रतिनिधित्व देने और बिहार में चुनाव को देखते हुए पूर्वांचली समीकरण को साधने के लिए पहली बार विधायक बनने पर ही कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.
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वैश्य समुदाय से आती हैं रेखा गुप्ता: रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं, जो दिल्ली में खासी संख्या में है. वैश्य समुदाय को भाजपा का कोर वोटर माना जाता है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में नई कैबिनेट दिल्ली के विकास और प्रशासन में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में कार्य करेगी. भाजपा की यह रणनीति आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने और विभिन्न समुदायों के बीच अपनी पकड़ बढ़ाने में सहायक हो सकती है. हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह टीम की जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती है.
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भाजपा की रणनीति और संभावित लाभ: भाजपा ने नई कैबिनेट के गठन से विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों के नेताओं को शामिल करके संतुलन स्थापित करने की कोशिश की है. प्रवेश वर्मा की उपमुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति से जाट और गुर्जर समुदाय का समर्थन मिलने की संभावना है, जबकि मंजिंदर सिंह सिरसा सिख समुदाय में पार्टी की पकड़ मजबूत करेंगे. वहीं, कपिल मिश्रा और आशीष सूद जैसे नेताओं की भागीदारी से पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी.
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