हैदराबाद: फिल्म निर्माता एस शंकर ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी 2010 की ब्लॉकबस्टर एंथिरन (रोबोट) से जुड़े साहित्यिक चोरी के मामले में उनकी 10.11 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के फैसले की कड़ी आलोचना की है. रजनीकांत और ऐश्वर्या राय स्टारर इस फिल्म का निर्देशन करने वाले निर्देशक ने एक बयान जारी कर ईडी की कार्रवाई को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया और कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ दावों को पहले ही खारिज कर दिया है.
अपने ऑफिशियल बयान में, शंकर ने ईडी की इस कार्रवाई पर निराशा व्यक्त की, खासकर इसलिए क्योंकि उन्हें संपत्ति जब्त करने के बारे में एजेंसी से कोई पूर्व सूचना नहीं मिली थी. शंकर ने लिखा, 'मैं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), चेन्नई द्वारा हाल ही में की गई कार्रवाई को जनता के ध्यान में लाना चाहता हूं, जिसमें उन्होंने फिल्म एंथिरन (रोबोट) की साहित्यिक चोरी के आरोपों के आधार पर मेरी तीन अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है, वो भी बिना किसी पूर्व सूचना के'.
शंकर ने आगे बताया कि साहित्यिक चोरी के आरोप नए नहीं थे और न्यायपालिका द्वारा पहले ही निपटाए जा चुके थे. उन्होंने याद दिलाया कि मद्रास हाई कोर्ट ने लेखक आरूर तमिलनाडन द्वारा किए गए दावों की गहरी जांच की थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि एंथिरन उनकी कहानी जिगुबा से कॉपी की गई थी. हालांकि, अदालत ने दोनों पक्षों के सबूत दिए गए तर्क पर विचार करने के बाद तमिलनाडन के मुकदमे (सी.एस.नं.914/2010) को खारिज कर दिया. शंकर ने एजेंसी पर मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला 2011 में आरूर तमिलनाडु द्वारा चेन्नई की एक अदालत में दायर की गई शिकायत से शुरू है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि शंकर ने बिना परमिशन के उनकी कहानी की नकल की है. इस शिकायत के आधार पर, ईडी ने जांच शुरू की और निर्देशक की संपत्ति को जब्त किया. शंकर ने कहा कि अगर ईडी अपनी कार्रवाई को वापस नहीं लेता है, तो उनके पास इस कार्रवाई खिलाफ अपील दायर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. अभी तक, ईडी ने शंकर के बयान का जवाब नहीं दिया है, और यह देखना बाकी है कि एजेंसी फिल्म मेकर के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी या नहीं.
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