कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रहे चिट्टे के सेवन और युवाओं की मौत को लेकर महिलाओं ने भी अब कमर कस ली है. हिमाचल के कई ग्रामीण इलाकों में लोगों के द्वारा पहरा भी लगाया जा रहा है. जिला कुल्लू और लाहौल स्पीति में महिला मंडल की महिलाएं भी नशे की रोकथाम के लिए आगे आई हैं. जिससे की नशे के कारोबार पर नकेल कसी जा सके और युवाओं को नशे के दलदल में फंसने से बचाया जा सके.
'नशा कारोबारियों का होगा बहिष्कार'
जिला लाहौल स्पीति के थिरोट महिला मंडल ने भी अब पंचायत के जरिए एक प्रस्ताव पारित किया है. जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति चिट्टा या फिर चरस का सेवन करता हुआ या फिर इसका कारोबार करता हुआ पाया गया तो उसका बहिष्कार किया जाएगा. इसके अलावा उसपर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा.
लाहौल घाटी के थिरोट महिला मंडल प्रधान राम देवी ने बताया, "सभी ने मिलकर ये फैसला लिया है कि जो भी व्यक्ति चाहे बाहर का हो, गांव का हो या पंचायत का हो, अगर वो चिट्टा और चरस का सेवन करता पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उस व्यक्ति को एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा."
चिट्टा तस्कर का पता बताने पर इनाम
इसके अलावा जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली, पलचान और शनाग में भी पंचायतों द्वारा यही फैसला लिया गया है. यहां पर पंचायत द्वारा चिट्टे का कारोबार करने वालों की सूचना देने पर 15 हजार रुपए का इनाम देने की भी घोषणा रखी गई है. इसके अलावा महिलाएं भी किराए के कमरों में रह रहे लोगों से पूछताछ कर रही हैं और अन्य लोगों से भी आग्रह किया जा रहा है कि अगर कोई इस तरह का कारोबार करता है, तो महिला मंडल को तुरंत इसकी सूचना दी जाए.
मनाली ग्राम पंचायत की प्रधान मोनिका भारती ने बताया, "पंचायत की ओर से पारित आदेश में कहा गया है कि जिन लोगों ने अपने मकान और कमरे किराए पर दिए हैं. वे किरायेदारों का पहचान पत्र अपने पास रखें. इसी तरह स्नो ड्रेस की दुकान, किसी भी प्रकार की दुकान, ढाबों-होटल, रेस्तरां, होम स्टे सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े लोग भी रिकॉर्ड अपने पास रखें. अगर कोई भी नशे के कारोबार में संलिप्त पाया जाएगा तो पंचायत स्तर पर भी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा अगर कोई भी व्यक्ति नशे के सौदागरों के बारे में जानकारी देता है तो उसे इनाम भी दिया जाएगा."