नई दिल्ली: आधार भारतीय नागरिकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है क्योंकि यह अक्सर अलग-अलग लेन-देन के लिए आवश्यक होता है. हालांकि, इसके कारण इसका दुरुपयोग भी हुआ है. आधार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण या UIDAI ने आधार वर्चुअल आईडी की शुरुआत की.
आधार वर्चुअल आईडी क्या है?
आधार वर्चुअल आईडी (VID) एक अस्थायी 16-अंकीय कोड है जो किसी व्यक्ति के आधार नंबर से जुड़ा होता है. यह सुविधा आधार धारकों को उनकी वास्तविक आधार संख्या बताए बिना उनकी पहचान प्रमाणित करने देती है. कोई व्यक्ति असीमित बार वर्चुअल आईडी बना सकता है, लेकिन इसका यूज वास्तविक आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए नहीं किया जा सकता है.
साथ ही आपको आधार वर्चुअल आईडी बनाने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा. इसे UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आसानी से बनाया जा सकता है.
आधार वर्चुअल आईडी कैसे बनाएं?
- myAadhaar के आधिकारिक पेज पर जाएं.
- नीचे स्क्रॉल करें और 'VID जेनरेटर' विकल्प पर क्लिक करें या आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं. (https://myaadhaar.uidai.gov.in/genericGenerateOrRetriveVID)
- 'जेनरेट VID' चुनें, अपना आधार नंबर, कैप्चा दर्ज करें और सेंड OTP पर क्लिक करें.
- अपने पंजीकृत फोन नंबर पर प्राप्त OTP दर्ज करें.
- पेज के नीचे सबमिट बटन पर क्लिक करें.
- आपका 16 अंकों का वर्चुअल आईडी नंबर अब आपके ईमेल आईडी और आधार-पंजीकृत सेलफोन नंबर पर डिलीवर हो जाएगा.
आधार वर्चुअल आईडी की विशेषताएं
- एक बार में एक वर्चुअल आईडी जारी की जाती है.
- वर्चुअल आईडी तब तक वैध रहती है जब तक उपयोगकर्ता एक नया आईडी नहीं बना लेता. हालांकि वर्चुअल आईडी की अधिकतम वैधता अवधि एक कैलेंडर दिन है.
- जनरेट की जा सकने वाली वर्चुअल आईडी की संख्या की कोई सीमा नहीं है.
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आधार वर्चुअल आईडी जनरेट करते समय उपयोगकर्ताओं को दो विकल्प मिलते हैं यानी फिर से प्राप्त करना और फिर से जनरेट करना.
- आधार वर्चुअल आईडी को फिर से प्राप्त करने का मतलब है कि आप पहले से असाइन की गई VID प्राप्त करना चाहते हैं, जबकि इसे फिर से जनरेट करने का मतलब है एक नई VID बनाना और पुरानी को अमान्य करना.