शिमला: हिमाचल में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं देने का एक्ट आज से प्रभावी हो गया है. हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्ते अधिनियम-2024 को लेकर कार्मिक विभाग की सचिव एमसुधा देवी की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी की गई है. इससे पहले राज्यपाल ने भी इस बिल को इसी महीने 7 फरवरी को अपनी मंजूरी दी थी. जिसके बाद विधि सचिव ने इसे नोटिफाई कर दिया था.
विंटर सेशन में पास हुआ था विधेयक
बता दें कि 12 दिसंबर 2003 के बाद भर्ती अनुबंध कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे. वहीं, दिसंबर 2024 में धर्मशाला में आयोजित हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्ते विधेयक 2024 को पारित किया गया था. जिसका मकसद अनुबंध कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट सर्विस की सीनियोरिटी और इंक्रीमेंट देने से रोकना था.
नियमित होने पर ही मिलेंगे वित्तीय लाभ
हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्ते अधिनियम-2024 के प्रभावी होने के बाद अब अनुबंध सेवाकाल को वरिष्ठता में नहीं जोड़ा जाएगा. सभी अनुबंध कर्मचारियों को अब नियमित होने के बाद ही वरिष्ठता और वित्तीय लाभ मिलेंगे. इस तरह से अब इस बिल का एक्ट बनने के बाद अनुबंध कर्मचारियों को कोर्ट से मिला लाभ भी लेने के लिए दोबारा कोर्ट ही जाना पड़ सकता है. राज्य सरकार अब अदालत में वित्तीय देनदारी के मामले में इस नए कानून का डिफेंस ले सकती है.
2003 से अनुबंध आधार पर शुरू हुई थीं नियुक्तियां
बता दें कि हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के ताज मोहम्मद बनाम लेखराम मामले में कोर्ट ने अनुबंध कर्मचारियों को कांट्रैक्ट पीरियड की वरिष्ठता और इंक्रीमेंट देने का फैसला सुनाया है. वहीं, आयुर्वेद विभाग के शीला देवी बनाम सरकार केस में अनुबंध अवधि को पेंशन के लिए गिने जाने के भी आदेश हुए हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्ते अधिनियम-2024 प्रभावी होने से अब स्थिति बदल गई है. हिमाचल में वर्ष 2003 से अनुबंध आधार पर नियुक्तियां शुरू हुई थीं.