कोलकाता: विधानसभा सत्र के दौरान हंगामा मचाने के आरोप में बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई. उन्हें विधानसभा से शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. जानकारी के अनुसार विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और भाजपा के विधायक अग्निमित्र पॉल, बिस्वनाथ कारक और बंकिम चंद्र घोष को निलंबित किया गया.
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार अध्यक्ष के आसन के पास हंगामा करने के कारण उन्हें निलंबित किया गया. इस बीच भाजपा विधायकों ने सरस्वती पूजा मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए राज्य विधानसभा से वॉकआउट किया. भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उनकी सरकार को 'हिंदू विरोधी' बताया.
उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को किनारे किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिहादी सरस्वती पूजा में बाधा डाल रहे हैं. एएनआई से बात करते हुए पॉल ने कहा, 'ममता बनर्जी की सरकार हिंदू विरोधी है. यह बात सभी जानते हैं. पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को हाशिये पर धकेला जा रहा है.
वे हमें पूजा नहीं करने दे रहे हैं. हमें हर छोटी-छोटी बात के लिए कोर्ट जाना पड़ता है, लेकिन क्या महज पूजा-पाठ के लिए कोर्ट जाना समझदारी है?. इसलिए, हमने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया है.' इससे पहले 2 फरवरी को कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस को कोलकाता के जोगेश चंद्र लॉ कॉलेज में सरस्वती पूजा समारोह के लिए सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था.
न्यायमूर्ति जॉय सेनगुप्ता ने निर्देश दिया कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी स्थिति की निगरानी करेंगे. कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा, 'यह एक आवेदन है. इसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह सुनिश्चित करें कि कोई बाहरी व्यक्ति जबरदस्ती कॉलेज परिसर में प्रवेश न कर सके और वहां होने वाले सरस्वती पूजा के लिए स्वतंत्र प्रवेश और निकास में बाधा न डाल सके.' यह फैसला तब आया जब छात्रों ने एक बाहरी व्यक्ति मोहम्मद शब्बीर अली पर उन्हें धमकाने और जश्न मनाने से रोकने का आरोप लगाया. छात्रों ने हाईकोर्ट के आदेश पर राहत जताते हुए कहा कि उन्हें अपने धर्म का जश्न मनाने का अधिकार है.