शिमला: राजधानी शिमला के प्रतिष्ठित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज संजौली से एक छात्रा के निष्कासन के मामला हाईकोर्ट में सोमवार 11 नवंबर तक टल गया है. इस मामले को लेकर फैसले के लिए गठित की गई अनुशासन समिति ने छात्रा के निष्कासन के बारे में फैसला लेने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी. इस पर हाईकोर्ट ने समिति को सोमवार 11 नवंबर तक इस मामले में फैसला लेने के आदेश दिए हैं.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने प्रार्थी छात्रा की याचिका पर सुनवाई के बाद हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी को कमेटी की रिपोर्ट को भी अदालत के समक्ष रखने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की ओर से अदालत को बताया गया था कि यूनिवर्सिटी ने इस मामले में एक अनुशासनात्मक कमेटी का गठन किया है.
यह कमेटी छात्रा का मामला और इस संबंध में संजौली कॉलेज की रिपोर्ट को देखेगी. कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले कॉलेज और प्रार्थी छात्रा को सुना जाएगा. कोर्ट ने कहा था कि कॉलेज प्रशासन के विवादित निर्णय से छात्रा की शिक्षा का एक साल बर्बाद हो सकता है. इसलिए कमेटी को इस मामले में शीघ्रता से निर्णय लेने की जरूरत है. कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई सोमवार 11 नवंबर को निर्धारित की है.
यहां बता दें कि शिमला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज संजौली में प्रशासन ने हुड़दंग मचाने के आरोप में 6 छात्रों को निष्कासित कर दिया था. इन छात्रों पर कॉलेज में हुड़दंग करने के साथ-साथ शिक्षकों से अभद्र व्यवहार करने के आरोप भी लगाए गए हैं. कॉलेज प्रशासन ने इन आरोपों में छात्रों को 20 सितंबर को निष्कासित किया था. हाईकोर्ट में अन्य निष्कासित छात्रों ने भी याचिकाएं दाखिल की हुई हैं. उन याचिकाओं पर भी हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों से चार हफ्ते के भीतर जवाब तलब किया है. उल्लेखनीय है कि कॉलेज में ये मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने सरकार से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने की मांग भी उठाई थी.
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