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हिमाचल में लोगों को पंचायत सचिव के चक्कर काटने से मिला छुटकारा, अब घर बैठे ऑनलाइन मिलेंगे जरूरी प्रमाण पत्र - HIMACHAL ONLINE SERVICES

हिमाचल प्रदेश में अब लोगों को अपने जरूरी प्रमाण पत्र घर बैठे ऑनलाइन मिलेंगे, पंचायत सचिव के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

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हिमाचल में ऑनलाइन पंचायत सेवाएं (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 2, 2025, 1:24 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब लोगों को जरूरी प्रमाण के लिए पंचायतों में सचिव के पास चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को परिवार नकल, विवाह प्रमाण पत्र व बीपीएल प्रमाण पत्र जैसी सेवाएं अब ई-परिवार पोर्टल और ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के जरिए घर बैठे ही ऑनलाइन उपलब्ध होंगी. प्रदेश सरकार ने लोगों को पंचायतों में ये सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं.

इसके तहत साल 2024-25 में अब तक 11,016 परिवार नकल, 3,595 विवाह प्रमाण पत्र और 5,004 बीपीएल प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए जा चुके हैं. इसके अलावा लोगों की सुविधा के लिए साल 2024-25 के दौरान 780 ग्राम पंचायत भवनों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) स्थापित किए गए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य कर रही है. इस प्रयास में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने विभाग को अपनी कार्यप्रणाली को डिजिटल बनाने के भी निर्देश दिए हैं.

18.96 लाख परिवारों का पंजीकरण

सीएम सुक्खू ने कहा, "27 अप्रैल, 2024 से ई-परिवार रजिस्टर का कार्यान्वयन अनिवार्य किया गया है. इस पहल के तहत 18.96 लाख परिवारों (99.84 फीसदी) का पंजीकरण किया जा चुका है. पहली बार दिसंबर, 2024 से इसी पोर्टल पर पशुधन का पंजीकरण भी शुरू किया गया है."

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरी में 60 रुपये की ऐतिहासिक वृद्धि की है. जिससे यह 240 रुपये से बढ़कर 300 रुपये प्रतिदिन हो गई है. प्रदेश सरकार ने मनरेगा श्रमिकों के लिए टॉप-अप धनराशि के रूप में 201.51 करोड़ रुपये जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में स्वयं सहायता समूहों को 7 फूड वैन आवंटित की गई है. अगले वित्त वर्ष में 60 और फूड वैन उपलब्ध करवाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि राज्य के पर्यटन विभाग और पर्यटन विकास निगम के निर्माणाधीन सभी होटलों में स्वयं सहायता समूहों के लिए दुकानें आवंटित की जाएगी. इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद जैसे साबुन आदि भी हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों को उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके.

अधिकारियों को दिए ये निर्देश

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभाग को स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों और प्राकृतिक खेती उत्पादों के विपणन में सुधार लाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने हिम-ईरा ई-कॉमर्स वेबसाइट शुरू की है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने विभाग को सभी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश देने के साथ अधिकारियों को लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए सक्रियता से कार्य करने को कहा है.

ये भी पढ़ें: डिपुओं में महंगा हुआ सरसों का तेल, 3 महीने बाद बैकलॉग कोटे के साथ मिलेगा तेल

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब लोगों को जरूरी प्रमाण के लिए पंचायतों में सचिव के पास चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को परिवार नकल, विवाह प्रमाण पत्र व बीपीएल प्रमाण पत्र जैसी सेवाएं अब ई-परिवार पोर्टल और ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के जरिए घर बैठे ही ऑनलाइन उपलब्ध होंगी. प्रदेश सरकार ने लोगों को पंचायतों में ये सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं.

इसके तहत साल 2024-25 में अब तक 11,016 परिवार नकल, 3,595 विवाह प्रमाण पत्र और 5,004 बीपीएल प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए जा चुके हैं. इसके अलावा लोगों की सुविधा के लिए साल 2024-25 के दौरान 780 ग्राम पंचायत भवनों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) स्थापित किए गए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य कर रही है. इस प्रयास में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने विभाग को अपनी कार्यप्रणाली को डिजिटल बनाने के भी निर्देश दिए हैं.

18.96 लाख परिवारों का पंजीकरण

सीएम सुक्खू ने कहा, "27 अप्रैल, 2024 से ई-परिवार रजिस्टर का कार्यान्वयन अनिवार्य किया गया है. इस पहल के तहत 18.96 लाख परिवारों (99.84 फीसदी) का पंजीकरण किया जा चुका है. पहली बार दिसंबर, 2024 से इसी पोर्टल पर पशुधन का पंजीकरण भी शुरू किया गया है."

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरी में 60 रुपये की ऐतिहासिक वृद्धि की है. जिससे यह 240 रुपये से बढ़कर 300 रुपये प्रतिदिन हो गई है. प्रदेश सरकार ने मनरेगा श्रमिकों के लिए टॉप-अप धनराशि के रूप में 201.51 करोड़ रुपये जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में स्वयं सहायता समूहों को 7 फूड वैन आवंटित की गई है. अगले वित्त वर्ष में 60 और फूड वैन उपलब्ध करवाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि राज्य के पर्यटन विभाग और पर्यटन विकास निगम के निर्माणाधीन सभी होटलों में स्वयं सहायता समूहों के लिए दुकानें आवंटित की जाएगी. इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद जैसे साबुन आदि भी हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों को उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके.

अधिकारियों को दिए ये निर्देश

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभाग को स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों और प्राकृतिक खेती उत्पादों के विपणन में सुधार लाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने हिम-ईरा ई-कॉमर्स वेबसाइट शुरू की है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने विभाग को सभी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश देने के साथ अधिकारियों को लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए सक्रियता से कार्य करने को कहा है.

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