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बस हादसों के बावजूद हालात नहीं हुए सामान्य, मजबूरी में टैंकर से स्कूल जा रहे बच्चे

आनी उप मंडल में बंजार बस हादसे के बाद बसों में ओवरलोडिंग बंद होने के बाद पैदा हुए हालात ठीक नहीं हो पा रहे हैं. खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों और रास्ते से बैठने वाली सवारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं.

टैकर में बैठकर स्कूल जाते बच्चे.
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Published : Jul 3, 2019, 1:28 PM IST

रामपुर: बंजार बस हादसे के बाद बसों में ओवरलोडिंग बंद होने के बाद पैदा हुए हालात ठीक नहीं हो पा रहे हैं. खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों और रास्ते से बैठने वाली सवारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल मंगलवार को आनी खण्ड की बैहना पंचायत के बैहना गांव के बच्चों को बसों में जगह न मिलने से पिकअप, टिप्पर और निजी वाहनों में लिफ्ट लेकर 7 किलोमीटर दूर लुहरी स्थित स्कूल जाना पड़ रहा है. वहीं, बच्चों के अभिभावक ने बताया कि चौतरफा दबाव से घिरी सरकार के परिवहन मंत्री द्वारा बंजार बस हादसे के बाद बिना व्यवस्था किये ही लिया ये फैसला गलत है.

अभिभावक अमी चंद, राम कृष्ण ने बताया कि ओवरलोडिंग बंद होने से लगातार मुश्किलें पैदा हो रही हैं. खासकर छोटी-छोटी बच्चियों को किसी गाड़ी में लिफ्ट लेने से उनकी सुरक्षा भी दांव पर है. ऐसे में अविभावकों को चिंता है कि बेटी को पढ़ांएं या बेटी को बचाएं.

टकरासी पंचायत की प्रधान आशा ठाकुर ने बताया कि वो शनिवार को आनी बस अड्डे से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर बराड से आनी के बिशल जाने वाली बस में बिशल तक जरूरी काम से जाना चाहती थी, लेकिन बस की सीटें भरी होने के कारण ड्राइवर उन्हें बैठा न सका. बराड से 4 किलोमीटर दूर 4 सवारियां उतर गई, जबकि बस के गन्तव्य तक जाने वाली सवारी रास्ते में ही खड़ी थी. उन्होंने बताया कि ऐसा ही कई अन्य लोगों के साथ भी हुआ, जो रास्ते से बैठना चाहते थे, लेकिन बस की सीटें बस अड्डे से ही भरी थी, जबकि कई सवारियां कुछ दूरी के बाद उतर जाती है.

बता दें कि परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले साल मई माह में आनी मेले के समापन पर आनी के बस अड्डे में बस सब डिपो का उद्घाटन किया था और आनी को 10 नई बसें भेजने की घोषणा की थी. जो एक साल से ज्यादा समय हो जाने के बावजूद भी अधर में है, जबकि आनी के हरेक ग्रामीण रूट पर बसों में ओवरलोड सवारियां बैठने को तैयार रहती हैं.

एचआरटीसी के रामपुर डिपो के आरएम गुरबचन सिंह ने बताया कि एसडीएम आनी के साथ बैठक करके आनी क्षेत्र के विभिन्न रूटों का रोड मैप तैयार कर सरकार को भेजा गया है और करीब डेढ़ दर्जन रूटों पर बस सेवा चलाने की मांग की है.

रामपुर: बंजार बस हादसे के बाद बसों में ओवरलोडिंग बंद होने के बाद पैदा हुए हालात ठीक नहीं हो पा रहे हैं. खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों और रास्ते से बैठने वाली सवारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल मंगलवार को आनी खण्ड की बैहना पंचायत के बैहना गांव के बच्चों को बसों में जगह न मिलने से पिकअप, टिप्पर और निजी वाहनों में लिफ्ट लेकर 7 किलोमीटर दूर लुहरी स्थित स्कूल जाना पड़ रहा है. वहीं, बच्चों के अभिभावक ने बताया कि चौतरफा दबाव से घिरी सरकार के परिवहन मंत्री द्वारा बंजार बस हादसे के बाद बिना व्यवस्था किये ही लिया ये फैसला गलत है.

अभिभावक अमी चंद, राम कृष्ण ने बताया कि ओवरलोडिंग बंद होने से लगातार मुश्किलें पैदा हो रही हैं. खासकर छोटी-छोटी बच्चियों को किसी गाड़ी में लिफ्ट लेने से उनकी सुरक्षा भी दांव पर है. ऐसे में अविभावकों को चिंता है कि बेटी को पढ़ांएं या बेटी को बचाएं.

टकरासी पंचायत की प्रधान आशा ठाकुर ने बताया कि वो शनिवार को आनी बस अड्डे से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर बराड से आनी के बिशल जाने वाली बस में बिशल तक जरूरी काम से जाना चाहती थी, लेकिन बस की सीटें भरी होने के कारण ड्राइवर उन्हें बैठा न सका. बराड से 4 किलोमीटर दूर 4 सवारियां उतर गई, जबकि बस के गन्तव्य तक जाने वाली सवारी रास्ते में ही खड़ी थी. उन्होंने बताया कि ऐसा ही कई अन्य लोगों के साथ भी हुआ, जो रास्ते से बैठना चाहते थे, लेकिन बस की सीटें बस अड्डे से ही भरी थी, जबकि कई सवारियां कुछ दूरी के बाद उतर जाती है.

बता दें कि परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले साल मई माह में आनी मेले के समापन पर आनी के बस अड्डे में बस सब डिपो का उद्घाटन किया था और आनी को 10 नई बसें भेजने की घोषणा की थी. जो एक साल से ज्यादा समय हो जाने के बावजूद भी अधर में है, जबकि आनी के हरेक ग्रामीण रूट पर बसों में ओवरलोड सवारियां बैठने को तैयार रहती हैं.

एचआरटीसी के रामपुर डिपो के आरएम गुरबचन सिंह ने बताया कि एसडीएम आनी के साथ बैठक करके आनी क्षेत्र के विभिन्न रूटों का रोड मैप तैयार कर सरकार को भेजा गया है और करीब डेढ़ दर्जन रूटों पर बस सेवा चलाने की मांग की है.

Intro:रामपुर बुशहर 3 जुलाई Body:आनी उप मंडल में बंजार बस हादसे के बाद बसों में ओवरलोडिंग बन्द होने के बाद पैदा हुए हालात ठीक नहीं हो पा रहे हैं। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों और रास्ते से बैठने वाली सवारियों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को आनी खण्ड की बैहना पंचायत के बैहना गांव के बच्चों को बसों में जगह न दिए जाने पर पिकअप,टिप्पर और निजी वाहनों में लिफ्ट लेकर यहां से 7 किलोमीटर दूर लुहरी स्थित स्कूल तक पहुंचना पड़ रहा है। चौतरफा दवाब से घिरी सरकार के परिवहन मंत्री द्वारा बंजार बस हादसे के बाद बिना व्यवस्था किये ही अभिभावक अमी चंद ,राम कृष्ण ,रामा नंद ,देश राज ,सुशील कुमार आदी का कहना है कि ओवरलोडिंग बन्द कर देने का आनन फानन में लिया गया फैसला लगातार मुश्किलें पैदा किये हुए है। बैहना सहित कई अन्य क्षेत्रों में शिक्षा ग्रहण करने कुछ किलोमीटर तक बसों में सफर करने वाले बच्चों को बेहद दिक्कते पेश आ रही हैं। साथ ही छोटी छोटी बच्चियों को हटा किसी गाड़ी में लिफ्ट लेने से उनकी सुरक्षा भी दांव पर है। ऐसे में अविभावकों को चिंता है कि बेटी को पढाएं या बेटी को बचाएं। जबकि बच्चों ने ऐसे हालात में स्कूल जाने से तौबा करने का भी मन बना लिया है।
वहीं टकरासी पंचायत की प्रधान आशा ठाकुर ने बताया कि वे शनिवार को आनी बस अड्डे से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर बराड से आनी से बिशल जाने वाली बस में बिशल तक जरूरी काम से जाना चाहती थी, लेकिन बस की सीटें भरी होने के कारण ड्राइवर उन्हें बिठा न सका, जबकि बराड से 4 किलोमीटर दूर करीब 3 , 6 किलोमीटर दूर 4 सवारियां उतर गई, जबकि बस के गन्तव्य तक जाने वाली सवारी रास्ते मे ही खड़ी थी। ऐसा ही कई अन्य लोगों के साथ भी हुआ जो रास्ते से बैठना चाहते थे,लेकिन बस की सीटें बस अड्डे से ही भरी थी,जबकि कई सवारियां कुछ दूरी के बाद उतर जाती है, मगर रास्ते से बस में लम्बी दूरी तक सफर करने वाले को बस में बिठाया नहीं जाता। ऐसे में लोगों ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से मांग की है कि आनी क्षेत्र को की गई 10 नई बसें देने की एक साल पुरानी घोषणा को सिरे चढ़ाते हुए लोगों की समस्या को दूर किया जा सके। गौर रहे कि परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने गत वर्ष मई माह में आनी मेले के समापन पर आनी के बस अड्डे में बस सब डिपो का उदघाटन किया था और आनी को 10 नई बसें भेजने की घोषणा की थी। जो एक साल से ज्यादा समय हो जाने के बावजूद भी अधर में है। जबकि आनी के हरेक ग्रामीण रूट पर बसों में ओवरलोड सवारियां बैठने को तैयार रहती हैं। वहीं केशव राम, सुरेंदर कुमार, ललित कुमार, दीवान सिंह, श्याम सिंह, मुकेश, लाजवंती, नेहा कुमारी, सेना ठाकुर सहित सैकड़ों लोगों का कहना है कि आनी से निगान-हरिपुर, आनी से चवाई, आनी से निगाली कैंची, आनी से कमांद आदि क्षेत्रों तक मुद्रिका बसें चलाई जाएं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाले रूटों वाली बसों में ओवरलोडिंग न हो।



वहीं इस बारे में एचआरटीसी के रामपुर डिपो के आरएम गुरबचन सिंह का कहना है कि एसडीएम आनी के साथ बैठक कर आनी क्षेत्र के विभिन्न रूटों का रोड मैप तैयार कर सरकार को भेजा गया है और करीब डेढ़ दर्जन रूटों पर बस सेवा चलाने की मांग की है। उम्मीद है अनुमति मिलने के बाद समस्या का समाधान हो जाएगा।Conclusion:
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