रामपुर: बंजार बस हादसे के बाद बसों में ओवरलोडिंग बंद होने के बाद पैदा हुए हालात ठीक नहीं हो पा रहे हैं. खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों और रास्ते से बैठने वाली सवारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल मंगलवार को आनी खण्ड की बैहना पंचायत के बैहना गांव के बच्चों को बसों में जगह न मिलने से पिकअप, टिप्पर और निजी वाहनों में लिफ्ट लेकर 7 किलोमीटर दूर लुहरी स्थित स्कूल जाना पड़ रहा है. वहीं, बच्चों के अभिभावक ने बताया कि चौतरफा दबाव से घिरी सरकार के परिवहन मंत्री द्वारा बंजार बस हादसे के बाद बिना व्यवस्था किये ही लिया ये फैसला गलत है.
अभिभावक अमी चंद, राम कृष्ण ने बताया कि ओवरलोडिंग बंद होने से लगातार मुश्किलें पैदा हो रही हैं. खासकर छोटी-छोटी बच्चियों को किसी गाड़ी में लिफ्ट लेने से उनकी सुरक्षा भी दांव पर है. ऐसे में अविभावकों को चिंता है कि बेटी को पढ़ांएं या बेटी को बचाएं.
टकरासी पंचायत की प्रधान आशा ठाकुर ने बताया कि वो शनिवार को आनी बस अड्डे से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर बराड से आनी के बिशल जाने वाली बस में बिशल तक जरूरी काम से जाना चाहती थी, लेकिन बस की सीटें भरी होने के कारण ड्राइवर उन्हें बैठा न सका. बराड से 4 किलोमीटर दूर 4 सवारियां उतर गई, जबकि बस के गन्तव्य तक जाने वाली सवारी रास्ते में ही खड़ी थी. उन्होंने बताया कि ऐसा ही कई अन्य लोगों के साथ भी हुआ, जो रास्ते से बैठना चाहते थे, लेकिन बस की सीटें बस अड्डे से ही भरी थी, जबकि कई सवारियां कुछ दूरी के बाद उतर जाती है.
बता दें कि परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले साल मई माह में आनी मेले के समापन पर आनी के बस अड्डे में बस सब डिपो का उद्घाटन किया था और आनी को 10 नई बसें भेजने की घोषणा की थी. जो एक साल से ज्यादा समय हो जाने के बावजूद भी अधर में है, जबकि आनी के हरेक ग्रामीण रूट पर बसों में ओवरलोड सवारियां बैठने को तैयार रहती हैं.
एचआरटीसी के रामपुर डिपो के आरएम गुरबचन सिंह ने बताया कि एसडीएम आनी के साथ बैठक करके आनी क्षेत्र के विभिन्न रूटों का रोड मैप तैयार कर सरकार को भेजा गया है और करीब डेढ़ दर्जन रूटों पर बस सेवा चलाने की मांग की है.