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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में बिंदल सबसे आगे, हाईकमान के आदेश का इंतजार

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के लिए 17 जनवरी को प्रक्रिया शुरू होगी. उसके बाद 18 जनवरी को नाम तय होगा और औपचारिक घोषणा होगी. इस पूरी प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए केंद्र से भाजपा के दिग्गज नेता और मंत्री रमेश पोखरिया निशंक हिमाचल आ रहे हैं.

new president of the state bjp will be announced on 18 January
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में बिंदल सबसे आगे
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Published : Jan 14, 2020, 9:03 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 9:13 PM IST

शिमला: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल का नाम सबसे आगे है लेकिन हाई कमान की तरफ से अभी तक उनको हरी झंडी नहीं मिल पाई है. हाई कमान का संदेश लेकर प्रदेश चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 16 जनवरी शाम को शिमला पहुंचेंगे. उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनिल देवधर भी मौजूद रहेंगे. दोनों केंद्रीय नेताओं की निगरानी में ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के चुनाव संपन्न होंगे.

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के लिए 17 जनवरी को प्रक्रिया शुरू होगी. उसके बाद 18 जनवरी को नाम तय होगा और औपचारिक घोषणा होगी. इस पूरी प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए केंद्र से भाजपा के दिग्गज नेता और मंत्री रमेश पोखरिया निशंक हिमाचल आ रहे हैं. राजीव बिंदल विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने के समय से ही नाखुश चल रहे हैं और लगातार कोशिश कर रहे थे कि उनको या तो मंत्री बनाया जाए या फिर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ही बना दिया जाए. अपनी राय बताने और केंद्रीय नेतृत्व को मनाने के लिए बिंदल कई बार दिल्ली दरबार में भी हाजिरी लगाते रहे.

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अब देखने वाली बात यह होगी कि हाई कमान बिंदल के नाम पर सहमति देते हैं या नहीं. अध्यक्ष पद के लिए हाई कमान के अलावा संघ की राय भी महत्वपूर्ण रहने वाली है. भाजपा में संगठन सर्वोपरि का रिवाज काफी पुराना है. संगठन और संघ का सरकार पर पूरा नियंत्रण रहता है. जानकारों की माने तो भाजपा के हर बड़े फैसले के पीछे संघ की स्वीकृति रहती है.

ये भी पढ़ें: वायरल वीडियो पर सूरत नेगी ने विक्रमादित्य पर बोला हमला, हिंदी पढ़ने की दी सलाह

शिमला: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल का नाम सबसे आगे है लेकिन हाई कमान की तरफ से अभी तक उनको हरी झंडी नहीं मिल पाई है. हाई कमान का संदेश लेकर प्रदेश चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 16 जनवरी शाम को शिमला पहुंचेंगे. उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनिल देवधर भी मौजूद रहेंगे. दोनों केंद्रीय नेताओं की निगरानी में ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के चुनाव संपन्न होंगे.

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के लिए 17 जनवरी को प्रक्रिया शुरू होगी. उसके बाद 18 जनवरी को नाम तय होगा और औपचारिक घोषणा होगी. इस पूरी प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए केंद्र से भाजपा के दिग्गज नेता और मंत्री रमेश पोखरिया निशंक हिमाचल आ रहे हैं. राजीव बिंदल विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने के समय से ही नाखुश चल रहे हैं और लगातार कोशिश कर रहे थे कि उनको या तो मंत्री बनाया जाए या फिर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ही बना दिया जाए. अपनी राय बताने और केंद्रीय नेतृत्व को मनाने के लिए बिंदल कई बार दिल्ली दरबार में भी हाजिरी लगाते रहे.

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अब देखने वाली बात यह होगी कि हाई कमान बिंदल के नाम पर सहमति देते हैं या नहीं. अध्यक्ष पद के लिए हाई कमान के अलावा संघ की राय भी महत्वपूर्ण रहने वाली है. भाजपा में संगठन सर्वोपरि का रिवाज काफी पुराना है. संगठन और संघ का सरकार पर पूरा नियंत्रण रहता है. जानकारों की माने तो भाजपा के हर बड़े फैसले के पीछे संघ की स्वीकृति रहती है.

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Intro:शिमला. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के लिए बिंदल का नाम सबसे आगे है लेकिन हाइकमान की तरफ से अभी तक उनको भी हरी झंडी नहीं मिल पाई है हाइकमान का संदेश लेकर प्रदेश चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंख 16 जनवरी शाम को शिमला पहुंचेंगे उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनिल देवधर भी मौजूद रहेंगे. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के लिए इन दोनों केंद्रीय नेताओं की निगरानी में ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के चुनाव संपन्न होंगे.

Body:भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के लिए 17 जनवरी को प्रक्रिया शुरू होगी. उसके बाद 18 जनवरी को नाम तय होगा और औपचारिक घोषणा होगी. इस पूरी प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए केंद्र से भाजपा के दिग्गज नेता और मंत्री रमेश पोखरिया निशंख हिमाचल आ रहे हैं. राजीव बिंदल विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने के समय से ही नाखुश चल रहे हैं और लगातार कोशिश कर रहे थे कि उनको या तो मंत्री बनाया जाए या फिर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ही बना दिया जाए. अपनी राय बताने और केंद्रीय नेतृत्व को मनाने के लिए बिंदल कई बार दिल्ली दरबार में भी हाजिरी लगाते रहे. अब उनको उम्मीद बंधी है कि जो भी हो विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने का समय आ ही गया है. लेकिन राजनीति संभावनाओं का खेल है ऐसे में हाइकमान की तरफ से अभी तक कोई संदेश ओकओवर तक नहीं पहुंचा है.

Conclusion:ये तो वक्त ही बताएगा कि अध्यक्ष कौन बनता है लेकिन प्रक्रिया 17 जनवरी को जरूर शुरू हो जाएगी. अब देखना यह होगा कि अध्यक्ष के लिये कितने लोग नांमाकन भरते है या फिर मनोनयन ही चुनाव प्रक्रिया पर भारी पड़ेगा. संघ परिवार यानी संघ की अग्रणीय इकाइयों में फिल्हाल तो मनोनयन को ही चुनाव माना जा है. भाजपा में अभी तक यही प्रक्रिया जारी है. सरकार और संगठन के बीच तालमेल बिठाने के लिए अध्यक्ष का पद बड़ा ही महत्वपूर्ण माना जाता है. भाजपा में संगठन सर्वोपरी का रिवाज काफी पुराना है संगठन और संघ का सरकार पर पूरा नियंत्रण रहता है संघ(आरएसएस) का नियंत्रण इसलिए बीजेपी की सरकारों पर अहम है क्योंकि बीजेपी के काडर का संचालन संघ द्वारा ही किया जाता है. भाजपा के हर बड़े फैसले के पीछे संघ की स्वीकृति रहती है। इसलिये प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में भी यह तय है कि इसमें संघ की स्वीकृति के बिना कुछ नही होगा.भाजपा सरकारों के महत्वपूर्ण ऐजैण्डे संघ परिवार ही तय करता है. लेकिन जो भी हो नए प्रदेशाध्यक्ष के स्वागत के लिए कई चुनौतियां तैयार खड़ी हैं चाहे वो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलने की बात हो या फिर केंद्र में हिमाचल के दिग्गजों की सहमति. ऐसे में तय माना जा रहा है कि कोई वरिष्ठ नेता ही इस पद को शोभाएमान करेगा.
Last Updated : Jan 14, 2020, 9:13 PM IST
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