ETV Bharat / city

SHIMLA: नागरिक सभा ने SJPNL के खिलाफ खोला मोर्चा, पानी की सप्लाई को लेकर किया प्रदर्शन, उठाई ये मांग

राजधानी शिमला में बरसात के दौरान भी लोगों को पानी की किल्लत (Water shortage in shimla) हो रही है. एक ओर जहां गर्मियों में बारिश न होने से पानी का संकट गहरा गया था, वहीं अब बरसात के चलते पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को सभा ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन (Nagrik sabha protest in shimla) किया और नियमित पानी देने की मांग उठाई. पढ़ें पूरी खबर...

शिमला में पानी का संकट
शिमला में पानी का संकट
author img

By

Published : Jul 16, 2022, 9:38 AM IST

शिमला: राजधानी शिमला में बरसात के दौरान भी लोगों को पानी की किल्लत (Water shortage in shimla) हो रही है. एक ओर जहां गर्मियों में बारिश न होने से पानी का संकट गहरा गया था, वहीं अब बरसात के चलते पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है. पेयजल परियोजनाओं में गाद के चलते लोगों को समय पर पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है. शहर के कई क्षेत्रों में लोगों को तीसरे दिन पानी मिल रहा है. वहीं शहर में पानी किल्लत को लेकर शिमला नागरिक सभा मुखर हो गई है.

इसी कड़ी में शुक्रवार को सभा ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन (Nagrik sabha protest in shimla) कर शिमला जल निगम पर लोगों को समय पर पानी न उपलब्ध करवाने का आरोप लगाया. इस दौरान नागरिक सभा के संयोजक संजय चौहान ने कहा कि शिमला शहर में गर्मियों के बाद अब बरसात में भी पानी का संकट गहराया हुआ है. उन्होंने कहा कि जल निगम पूरी तरह से लोगों को पानी मुहैया करवाने में नाकाम साबित हो रहा है. ऐसे में नागरिक सभा मांग करती है कि सरकार तुरंत इस कंपनी को बंद करें और पेयजल व्यवस्था को नगर निगम के अधीन करें.

शिमला में पानी का संकट.

उन्होंने कहा कि शहर में पानी की नियमित आपूर्ति नहीं हो रही है. जबकि रोजाना 35 से 48 एमएलडी तक पानी शहर पहुंच रहा है. इसके बावजूद मौसम गर्मी का हो, सर्दी का या फिर बरसात का. शहर में पानी की किल्लत हर मौसम में आ रही है. उन्होंने कहा कि पानी की किल्लत इतनी बढ़ गई है कि लोगों को 4 से 6 दिन बाद पानी की सप्लाई मिल रही है.

उन्होंने कहा कि शहर में पानी की सप्लाई की कोई समय सारणी नहीं है. पानी कभी रात में आता है, कभी दोपहर में तो कभी सुबह. जिससे लोगों को खासी दिक्कतें पेशा आ रही हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व नगर निगम द्वारा पानी को लेकर कई परियोजनाएं शुरू की गई थी. जिसके लिए विश्व बैंक से करोड़ों रुपये स्वीकृत हुए थे. लेकिन सरकार के सुस्त रवैये और निजीकरण के चलते पिछले 5 वर्षों में जमीन पर कोई भी परियोजना उतर नहीं पाई है.

शिमला: राजधानी शिमला में बरसात के दौरान भी लोगों को पानी की किल्लत (Water shortage in shimla) हो रही है. एक ओर जहां गर्मियों में बारिश न होने से पानी का संकट गहरा गया था, वहीं अब बरसात के चलते पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है. पेयजल परियोजनाओं में गाद के चलते लोगों को समय पर पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है. शहर के कई क्षेत्रों में लोगों को तीसरे दिन पानी मिल रहा है. वहीं शहर में पानी किल्लत को लेकर शिमला नागरिक सभा मुखर हो गई है.

इसी कड़ी में शुक्रवार को सभा ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन (Nagrik sabha protest in shimla) कर शिमला जल निगम पर लोगों को समय पर पानी न उपलब्ध करवाने का आरोप लगाया. इस दौरान नागरिक सभा के संयोजक संजय चौहान ने कहा कि शिमला शहर में गर्मियों के बाद अब बरसात में भी पानी का संकट गहराया हुआ है. उन्होंने कहा कि जल निगम पूरी तरह से लोगों को पानी मुहैया करवाने में नाकाम साबित हो रहा है. ऐसे में नागरिक सभा मांग करती है कि सरकार तुरंत इस कंपनी को बंद करें और पेयजल व्यवस्था को नगर निगम के अधीन करें.

शिमला में पानी का संकट.

उन्होंने कहा कि शहर में पानी की नियमित आपूर्ति नहीं हो रही है. जबकि रोजाना 35 से 48 एमएलडी तक पानी शहर पहुंच रहा है. इसके बावजूद मौसम गर्मी का हो, सर्दी का या फिर बरसात का. शहर में पानी की किल्लत हर मौसम में आ रही है. उन्होंने कहा कि पानी की किल्लत इतनी बढ़ गई है कि लोगों को 4 से 6 दिन बाद पानी की सप्लाई मिल रही है.

उन्होंने कहा कि शहर में पानी की सप्लाई की कोई समय सारणी नहीं है. पानी कभी रात में आता है, कभी दोपहर में तो कभी सुबह. जिससे लोगों को खासी दिक्कतें पेशा आ रही हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व नगर निगम द्वारा पानी को लेकर कई परियोजनाएं शुरू की गई थी. जिसके लिए विश्व बैंक से करोड़ों रुपये स्वीकृत हुए थे. लेकिन सरकार के सुस्त रवैये और निजीकरण के चलते पिछले 5 वर्षों में जमीन पर कोई भी परियोजना उतर नहीं पाई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.