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IGMC में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित, सैंपल पास होने के बाद ऑक्सीजन उत्पादन होगा शुरू

कोरोना संकट के बीच राहत भरी खबर है. आईजीएमसी में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है अब मरीजों को अस्पताल में किसी भी तरह की ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी.

लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट
लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट
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Published : May 23, 2021, 8:17 PM IST

शिमलाः प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है. जिससे मरीजों को अस्पताल में किसी भी तरह की ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. पहले से भी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट मौजूद है. वहीं, ये नया प्लांट उसकी अपेक्षा अधिक मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा.

बता दें कि अस्पताल में 900 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं. हाल ही में अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन बनाने के लिए भी टैंक को स्थापित किया जा रहा था. अब इस नए प्लांट से एक समय में 1200 डी आकार के सिलेंडर भरे जा सकेंगे. इसके अलावा अस्पताल प्रशासन ने 200 ऑक्सीजन सिलेंडर भी मंगवाए हैं, जिससे कि अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड मरीजों को परेशानी न आए.

आईजीएमसी में प्रदेश के हर जिला से कोविड मरीज भर्ती हो रहे हैं. बाहरी राज्यों में लोग ऑक्सीजन और बेड न होने के चलते परेशान हो रहे हैं. आईजीएमसी में आने वाले समय में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है, तो प्रशासन ने इसके इंतजाम कर दिए हैं.

अस्पताल प्रशासन की ओर से तैयारी पूरी

जानकारी अनुसार पहले से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट प्रतिदिन 3600 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन पैदा करता है. इस प्लांट से प्रतिदिन 250 बड़े सिलेंडर आईजीएमसी में भरे जाते हैं. यह प्लांट 24 घंटे काम करता है. इसी प्लांट से केएनएच अस्पताल और कैंसर अस्पताल के लिए भी ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है. इसकी खपत 3400 क्यूबिक लीटर तक रहती है.

सैंपल पास होने पर ऑक्सीजन उत्पादन होगा शुरू

लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के पहले सैंपल लिए जाएंगे. सैंपल पास होने के बाद ही इससे ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू किया जाएगा. मौजूदा समय में अस्पताल में 300 से ज्यादा कोरोना मरीज दाखिल है, जिसमें ज्यादातर मरीज ऑक्सीजन पर हैं.

ऐसे में अस्पताल में ऑक्सीजन की ज्यादा आवश्यकता है. वहीं, रोजाना मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जिसको लेकर अस्पताल प्रशासन पूरी तैयारी कर रहा है. इस प्लांट की टेस्टिंग जल्द ही शुरू कर दी जाएगी, हालांकि इसे इंस्टॉल कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बढ़ने लगा ब्लैक फंगस का खतरा! अब कांगड़ा में दो मामले आए सामने

शिमलाः प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है. जिससे मरीजों को अस्पताल में किसी भी तरह की ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. पहले से भी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट मौजूद है. वहीं, ये नया प्लांट उसकी अपेक्षा अधिक मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा.

बता दें कि अस्पताल में 900 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं. हाल ही में अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन बनाने के लिए भी टैंक को स्थापित किया जा रहा था. अब इस नए प्लांट से एक समय में 1200 डी आकार के सिलेंडर भरे जा सकेंगे. इसके अलावा अस्पताल प्रशासन ने 200 ऑक्सीजन सिलेंडर भी मंगवाए हैं, जिससे कि अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड मरीजों को परेशानी न आए.

आईजीएमसी में प्रदेश के हर जिला से कोविड मरीज भर्ती हो रहे हैं. बाहरी राज्यों में लोग ऑक्सीजन और बेड न होने के चलते परेशान हो रहे हैं. आईजीएमसी में आने वाले समय में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है, तो प्रशासन ने इसके इंतजाम कर दिए हैं.

अस्पताल प्रशासन की ओर से तैयारी पूरी

जानकारी अनुसार पहले से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट प्रतिदिन 3600 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन पैदा करता है. इस प्लांट से प्रतिदिन 250 बड़े सिलेंडर आईजीएमसी में भरे जाते हैं. यह प्लांट 24 घंटे काम करता है. इसी प्लांट से केएनएच अस्पताल और कैंसर अस्पताल के लिए भी ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है. इसकी खपत 3400 क्यूबिक लीटर तक रहती है.

सैंपल पास होने पर ऑक्सीजन उत्पादन होगा शुरू

लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के पहले सैंपल लिए जाएंगे. सैंपल पास होने के बाद ही इससे ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू किया जाएगा. मौजूदा समय में अस्पताल में 300 से ज्यादा कोरोना मरीज दाखिल है, जिसमें ज्यादातर मरीज ऑक्सीजन पर हैं.

ऐसे में अस्पताल में ऑक्सीजन की ज्यादा आवश्यकता है. वहीं, रोजाना मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जिसको लेकर अस्पताल प्रशासन पूरी तैयारी कर रहा है. इस प्लांट की टेस्टिंग जल्द ही शुरू कर दी जाएगी, हालांकि इसे इंस्टॉल कर दिया गया है.

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