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यौन उत्पीड़न का मामला, HC ने अभिनेता जितेंद्र के खिलाफ FIR को किया रद्द - शिमला हाईकोर्ट

बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता जितेंद्र पर उनकी चचेरी बहन ने लगाया था आरोप. गत 16 फरवरी को अभिनेता के खिलाफ महिला पुलिस थाना शिमला में प्राथमिकी दर्ज हुई थी.

जितेंद्र, बॉलीवुड अभिनेता.
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Published : May 20, 2019, 6:48 PM IST

शिमला: यौन उत्पीड़न के मामले में अभिनेता रवि कपूर उर्फ जितेंद्र के लिए हाईकोर्ट ने राहत प्रदान किया है. अभिनेता के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर जो प्राथमिकी दर्ज की गई थी हाईकोर्ट ने उसे सोमवार को रद्द कर दिया है.

हाईकोर्ट ने मशहूर अभिनेता रवि कपूर उर्फ जितेंद्र के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर प्राथमिकी को रद्द कर दिया. न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने अभिनेता जितेंद्र की ओर से दायर याचिका के तथ्यों व इस मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद यह फैसला सुनाया है.

चचेरी बहन ने अभिनेता खिलाफ दर्ज कराया था FIR
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार गत 16 फरवरी को महिला पुलिस थाना शिमला में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत प्रार्थी अभिनेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एफआईआर में प्रार्थी अभिनेता की चचेरी बहन ने 47 साल पहले घटी घटना को लेकर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. प्रार्थी ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर इस प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार लगाई थी. प्रार्थी की ओर से यह दलील दी गई थी कि यह प्राथमिकी उसे ब्लैकमेल करने के इरादे से दर्ज की गई है.

कथित घटना के 47 वर्ष बाद दर्ज इस प्राथमिकी में देरी के कारणों का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. प्रार्थी ने कहा था कि एफआईआर में न तो शिमला में की गई फिल्म की शूटिंग के नाम का व होटल का उल्लेख किया गया है. दो सह अभिनेताओं के नाम भी प्राथमिकी में नहीं लिखे गए हैं. प्रार्थी के अनुसार उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं इस कारण प्रार्थी ने यह एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाई थी. न्यायालय ने प्रार्थी की दलीलों को कानूनन न्याय संगत पाते हुए ये निर्णय सुना दिया.

शिमला: यौन उत्पीड़न के मामले में अभिनेता रवि कपूर उर्फ जितेंद्र के लिए हाईकोर्ट ने राहत प्रदान किया है. अभिनेता के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर जो प्राथमिकी दर्ज की गई थी हाईकोर्ट ने उसे सोमवार को रद्द कर दिया है.

हाईकोर्ट ने मशहूर अभिनेता रवि कपूर उर्फ जितेंद्र के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर प्राथमिकी को रद्द कर दिया. न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने अभिनेता जितेंद्र की ओर से दायर याचिका के तथ्यों व इस मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद यह फैसला सुनाया है.

चचेरी बहन ने अभिनेता खिलाफ दर्ज कराया था FIR
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार गत 16 फरवरी को महिला पुलिस थाना शिमला में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत प्रार्थी अभिनेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एफआईआर में प्रार्थी अभिनेता की चचेरी बहन ने 47 साल पहले घटी घटना को लेकर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. प्रार्थी ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर इस प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार लगाई थी. प्रार्थी की ओर से यह दलील दी गई थी कि यह प्राथमिकी उसे ब्लैकमेल करने के इरादे से दर्ज की गई है.

कथित घटना के 47 वर्ष बाद दर्ज इस प्राथमिकी में देरी के कारणों का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. प्रार्थी ने कहा था कि एफआईआर में न तो शिमला में की गई फिल्म की शूटिंग के नाम का व होटल का उल्लेख किया गया है. दो सह अभिनेताओं के नाम भी प्राथमिकी में नहीं लिखे गए हैं. प्रार्थी के अनुसार उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं इस कारण प्रार्थी ने यह एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाई थी. न्यायालय ने प्रार्थी की दलीलों को कानूनन न्याय संगत पाते हुए ये निर्णय सुना दिया.

हाईकोर्ट ने मशहूर अभिनेता रवि कपूर उर्फ जितेंद्र के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर प्राथमिकी को रद्द कर दिया। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने अभिनेता जितेंद्र की ओर से दायर याचिका के तथ्यों व इस मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद यह फैसला सुनाया। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार  गत 16 फरवरी को महिला पुलिस थाना शिमला के समक्ष भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत प्रार्थी अभिनेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एफआईआर में प्रार्थी अभिनेता की चचेरी बहन ने 47 साल पहले घटी घटना को लेकर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। प्रार्थी ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर् इस प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार लगाई  थी। प्रार्थी की ओर से यह दलील दी गई थी कि यह प्राथमिकी उसे ब्लैकमेल करने के इरादे से दर्ज की गई है। कथित घटना के 47 वर्ष बाद दर्ज इस प्राथमिकी में देरी के कारणों का कोई  स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। प्रार्थी ने कहा था कि एफआईआर में न तो शिमला में की गई फिल्म की शूटिंग के नाम का व होटल का उल्लेख किया गया है। दो सह अभिनेताओं के नाम भी प्राथमिकी में नही लिखे गए हैं। प्रार्थी के अनुसार उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं इस कारण प्रार्थी ने यह एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाई थी। न्यायालय ने प्रार्थी की दलीलों को कानूनन न्याय संगत पाते हुए उपरोक्त निर्णय सुना दिया।    
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