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वेंटिलेटर खरीद में नहीं हुई धांधली, जांच कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

वेंटिलेटर खरीद मामले में जांच कर रही उच्च स्तरीय कमेटी ने प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट के अनुसार वेंटिलेटर खरीद में कोई धांधली नहीं हुई है. मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने हाई लेवल कमेटी गठित की थी.

ventilator purchase case
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Published : Jul 16, 2020, 3:09 PM IST

शिमला: वेंटिलेटर खरीद मामले में जांच कर रही उच्च स्तरीय कमेटी ने प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट के अनुसार वेंटिलेटर खरीद में कोई धांधली नहीं हुई है. मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने हाई लेवल कमेटी गठित की थी.

अतिरिक्त मुख्यसचिव हेल्थ आरडी धीमन ने कहा कि पीपीई किट खरीद मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने हाई लेवल कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने जांच के बाद अब अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, इसमें कोई धांधली नहीं पाई गई है.

उन्होंने कहा कि जैम पोर्टल पर वेंटिलिटेर के वही दाम हैं जिस दाम पर प्रदेश सरकार ने खरीदे हैं. धीमान ने कहा कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब ने भी इसी दाम पर वेंटिलेटर की खरीद की है.

इस क्लीनचिट के बाद अब इस मामले पर सियासत हो सकती है, क्योंकि इस मामले की जांच के लिए जो हाई पावर कमेटी गठित की थी, उसमें सभी सदस्य प्रदेश सरकार के अधीन अधिकारी ही थे. जिसपर विपक्ष सवाल उठा सकता है.

दरअसल, पीपीई किट खरीद घोटाले में बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल का नाम आने के बाद खरीद पर भी सवाल उठ रहे थे. मामले को लेकर सरकार को एक बेनामी चिट्ठी भी मिली थी, जिसमें कहा गया था कि जो वेंटिलेटर सरकार ने 10 लाख रुपये में खरीदे हैं वह बाजार में तीन लाख रुपये में मिल रहे थे. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया था.

उस वक्त मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि वह बेनामी चिट्ठी का पता लगाएंगे और जिस व्यक्ति ने यह चिट्ठी लिखी है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन फिलहाल अभी तक प्रदेश सरकार चिट्ठी लिखने वाले को नहीं ढूंढ पाई है. वहीं, अब जांच कमेटी ने वेंटिलेटर में किसी भी तरह का घोटाला न होने की बात कही है.

शिमला: वेंटिलेटर खरीद मामले में जांच कर रही उच्च स्तरीय कमेटी ने प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट के अनुसार वेंटिलेटर खरीद में कोई धांधली नहीं हुई है. मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने हाई लेवल कमेटी गठित की थी.

अतिरिक्त मुख्यसचिव हेल्थ आरडी धीमन ने कहा कि पीपीई किट खरीद मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने हाई लेवल कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने जांच के बाद अब अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, इसमें कोई धांधली नहीं पाई गई है.

उन्होंने कहा कि जैम पोर्टल पर वेंटिलिटेर के वही दाम हैं जिस दाम पर प्रदेश सरकार ने खरीदे हैं. धीमान ने कहा कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब ने भी इसी दाम पर वेंटिलेटर की खरीद की है.

इस क्लीनचिट के बाद अब इस मामले पर सियासत हो सकती है, क्योंकि इस मामले की जांच के लिए जो हाई पावर कमेटी गठित की थी, उसमें सभी सदस्य प्रदेश सरकार के अधीन अधिकारी ही थे. जिसपर विपक्ष सवाल उठा सकता है.

दरअसल, पीपीई किट खरीद घोटाले में बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल का नाम आने के बाद खरीद पर भी सवाल उठ रहे थे. मामले को लेकर सरकार को एक बेनामी चिट्ठी भी मिली थी, जिसमें कहा गया था कि जो वेंटिलेटर सरकार ने 10 लाख रुपये में खरीदे हैं वह बाजार में तीन लाख रुपये में मिल रहे थे. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया था.

उस वक्त मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि वह बेनामी चिट्ठी का पता लगाएंगे और जिस व्यक्ति ने यह चिट्ठी लिखी है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन फिलहाल अभी तक प्रदेश सरकार चिट्ठी लिखने वाले को नहीं ढूंढ पाई है. वहीं, अब जांच कमेटी ने वेंटिलेटर में किसी भी तरह का घोटाला न होने की बात कही है.

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