शिमला: चुनावी साल (Himachal assembly election 2022) में भाजपा ने तीन लाख की आबादी का समर्थन हासिल करने के लिए मास्टर स्ट्रोक चला है. सिरमौर जिला की गिरिपार इलाके की जनता लंबे समय से जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग कर रही थी. इस बारे में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया को कई आवेदन भेजने के साथ तथ्यात्मक दस्तावेज सबमिट किए गए थे. सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दिल्ली में थे. उनके साथ सिरमौर भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, सिरमौर भाजपा के नेता बलदेव तोमर, मंत्री सुखराम चौधरी व पच्छाद की विधायक रीना कश्यप भी दिल्ली गए.
केंद्रीय हाटी समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह के मुलाकात की और अपना पक्ष रखा. समिति को अमित शाह ने भरोसा दिलाया कि आरजीआई यानी रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट (REGISTRAR GENERAL OF INDIA REPORT) सकारात्मक है और इस विषय पर जल्द ही कोई ऐलान होगा. उल्लेखनीय है कि सिरमौर के गिरिपार इलाके की जनता दशकों से जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग कर रही थी. गिरिपार इलाके से भौगोलिक रूप से मिलते उत्तराखंड के जौनसार बावर को साठ के दशक में ही जनजातीय दर्जा मिल गया था.
हाल ही के समय में केंद्रीय हाटी समिति और इलाके की जनता ने एक के बाद एक शांतिपूर्ण आंदोलन किए. चुनावी साल में अब भाजपा ने भी हाटी समुदाय की दशकों पुरानी मांग (hati community issue in himachal) पर ठोस फैसला लेकर तीन लाख की आबादी का समर्थन हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाया है. उल्लेखनीय है कि जनजातीय दर्जा न मिलने की सूरत में इलाके के लोगों ने विधानसभा चुनाव का बॉयकाट करने की चेतावनी दी थी.
केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री से इस दफा ठोस आश्वासन मिला है. बताया जा रहा है कि आरजीआई की रिपोर्ट भी सकारात्मक है. हाटी आंदोलन से जुड़े डॉ. रमेश सिंगटा का कहना है कि अब इलाके की जनता को जनजातीय दर्जा मिलने की पूरी उम्मीद है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सिरमौर भाजपा के नेता बलदेव तोमर सहित पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया है.
क्या है मामला- हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले का गिरिपार इलाका हर परिस्थितियों में पड़ोसी राज्य के लगते इलाक जौनसार बावर से मिलता जुलाता है. दोनों इलाकों की संस्कृति, भौगोलिक स्थितियां, मुश्किलें एक समान है लेकिन एक तरफ जौनसार बावर को 60 के दशक में ही जनजातीय इलाके का दर्जा हासिल हो गया तो दूसरी तरफ लंबे अरसे से हिमाचल के हाटी समुदाय की मांग अधूरी है. इसे लेकर आंदोलन भी होते रहे हैं, मांग सियासी मंचों पर भी उठी तो मुद्दा भी सियासी हुआ लेकिन आज तक इनकी मांग पूरी नहीं हुई है.
ये भी पढ़ें: EXCLUSIVE: हिमाचल में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर CM जयराम ठाकुर ने बड़ी बात कह दी