शिमला: नया हेलीकॉप्टर अभी शिमला पहुंचा नहीं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है. दरअसल कांग्रेस के आरोपों को गलत बताते हुए कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पुराने हेलीकॉप्टर को भी प्रति घंटे के हिसाब से पांच लाख 10 हजार रुपये दिए जा रहे थे.
ऐसे में सरकार उतनी ही राशि नए हेलीकॉप्टर को लेने में अदा कर रही है. उन्होंने कहा कि जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री रहते थे, तब वो दिल्ली में अपने केस की पैरवी के लिए हेलीकॉप्टर से जाते थे. ऐसे में ये कोई प्रदेश का कार्य नहीं था, बल्कि उनका निजी काम था.
नया हेलीकॉप्टर का रेट साल 2013 में लाए गए हेलीकाप्टर की तरह
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि जो लीज रेट वर्ष 2013 में लाए गए हेलीकॉप्टर का था. उसी रेट से नए हेलीकाप्टर एमआई 172 को भी लिया जा रहा है. एमआई 172 अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था है, जबकि पुराने में केवल तीन लोग ही बैठ सकते थे. उन्होंने कहा कि 17 सितंबर, 2019 को इस संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे.
पुराने हेलीकाप्टर में आ रही थीं समस्याएं
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पवन हंस का जो इससे पहले हेलीकॉप्टर 2013 के मॉडल का था ये पुराना हो गया था. हालत ऐसी थी कि यह एक दिन आता था, जबकि बाकी दिन मरम्मत में रहता था. उन्होंने कहा कि आजकल इस डील के विषय में कुछ नहीं किया गया है. कंपनी को केवल डिलीवरी देनी है. सरकार ने नेशनल स्काई वन एयरवेज लिमिटेड से करार किया था.
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