शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने (himachal assembly election 2022) हैं. ऐसे में चुनावी साल को देखते हुए भाजपा ने अपनी गतिविधियां भी तेज कर दी हैं. चार राज्यों में जीत के बाद हाईकमान ने हिमाचल और गुजरात की प्रदेश इकाइयों को हर हाल में मिशन रिपीट कामयाब बनाने के निर्देश दिए हैं. खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की साख अपने गृह राज्य में दाव पर लगी है. संगठन के बड़े पदाधिकारी हिमाचल में डेरा डाले हुए हैं. भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष शिमला में कई बैठकों में शामिल हुए हैं.
बुधवार रात को कुछ कैबिनेट मंत्रियों से उनका रिपोर्ट कार्ड लिया (BL Santosh checking report card) गया. बीएल संतोष ने जल शक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर सहित अन्य मंत्रियों से दिसंबर 2017 से लेकर अब तक की गतिविधियों का ब्यौरा लिया. साथ ही बाकी बचे कार्यकाल का भी रोड मैप तलब किया गया. वहीं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह भी अपनी टीम के साथ हिमाचल में डेरा डाले हुए हैं. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दो टूक कहा है कि विधायकों की टिकट परफॉर्मेंस के आधार पर ही तय होगी. उन्होंने कहा था कि सामान्य परिस्थितियों में भी पार्टी हाईकमान 10 फीसदी सिटिंग विधायकों का टिकट काट देती है. ऐसे में टिकट उन्हीं को मिलेगा जो हाईकमान द्वारा तय मापदंडों को पूरा करेंगे.
पार्टी के संगठन में मौजूद बड़े नेता अपनी टीम के साथ गुपचुप सर्वे भी कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लिया जा रहा है. एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को हार मिली थी. उसके बाद से संगठन मिशन रिपीट के लिए सक्रिय हो गया (report card of himachal ministers) था. भाजपा में संगठन के स्तर पर निरंतर गतिविधियां चल रही हैं. चुनाव में अभी देर है, लेकिन पार्टी ने जयराम ठाकुर को सीएम फेस घोषित कर दिया है. हाईकमान की तरफ से हिमाचल पहुंचे पदाधिकारी सरकार के रिपोर्ट कार्ड का गंभीरता से अवलोकन कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल में चार दशक से कोई भी दल सरकार रिपीट नहीं कर पाया है. बीएल संतोष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित कैबिनेट मंत्रियों से भी मिशन रिपीट को लेकर उनकी कार्य योजना पूछी है. हिमाचल जेपी नड्डा का गृह राज्य है (JP NADDA VISITS KANGRA ) और यहां मिशन रिपीट कामयाब करना ना केवल नड्डा की साख का सवाल है बल्कि सीएम फेस घोषित किए गए जयराम ठाकुर की नाक का भी सवाल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी हिमाचल पर नजर है.
गौरतलब है कि 1998 में हिमाचल में भाजपा सरकार बनने के दौरान नरेंद्र मोदी पार्टी के प्रदेश प्रभारी थे. वे हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं. ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के गृह राज्य और पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे घर में भाजपा के समक्ष हर हाल में जीतने की चुनौती (bjp mission repeat in himachal) है. अमूमन हिमाचल प्रदेश में दो ही राजनीतिक दलों के बीच मुकाबला होता आया है. तीसरे मोर्चे की यहां कभी संभावना बलवती नहीं हुई. इस बार आम आदमी पार्टी पंजाब में जीत के बाद उत्साहित होकर हिमाचल में सक्रिय हुई है. भाजपा को मिशन रिपीट के लिए ना केवल कांग्रेस और सत्ता विरोधी रुझान के साथ जूझना है बल्कि आम आदमी पार्टी की चुनौती का भी सामना करना है.
यही कारण है कि राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह व पार्टी मुखिया जेपी नड्डा सहित प्रदेश भाजपा के विभिन्न मोर्चे मिशन रिपीट की तैयारियों में जुट गए हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि सरकार और संगठन मिलकर काम कर रहे हैं. राष्ट्रीय महामंत्री ने सरकार से भी मिशन रिपीट पर चर्चा की है और संगठन ने उन्हें विभिन्न मोर्चों की गतिविधियों का ब्यौरा दिया है. सुरेश कश्यप ने दावा किया कि भाजपा मिशन रिपीट में सफल होगी.
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