ETV Bharat / state

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नाम से जाना जाएगा हिमाचल का ये संस्थान, दृष्टिबाधितों की पेंशन बढ़ाने की भी घोषणा - HIPA

सीएम सुक्खू ने हिप्पा (HIPA) में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने पूर्व पीएम के योगदान को याद किया.

Etv Bharat HIPA के 50 बर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम में पहुंचे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
HIPA के 50 बर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम में पहुंचे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 1, 2025, 7:44 PM IST

शिमला: छोटे पहाड़ी राज्य में हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा), अब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम से जाना जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की.

सीएम सुक्खू ने हिप्पा (HIPA) में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की और हिप्पा की एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया. सीएम सुक्खू ने कहा कि, ' आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दूरदर्शी नीतियों के कारण देश के लोग आत्म-सम्मान के साथ खड़े हैं और हिमाचल प्रदेश के विकास में भी उनका विशेष योगदान रहा है. उनके प्रयासों से प्रदेश में अनेक बड़े संस्थान खुले हैं, जिसका लाभ आज प्रदेश के लोगों को मिल रहा है.'

'ब्रेल का स्थान लेगी न्यू एज टेक्नोलॉजी'

सीएम सुक्खू ने हिप्पा में स्पेशल एजुकेटर की तीन जनवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया, जिसमें 80 शिक्षक भाग ले रहे है. उन्होंने कहा कि, 'शिक्षकों को 'न्यू एज टेक्नोलॉजी' से विशेष बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे दृष्टिबाधित बच्चों को लाभ मिलेगा. यह नई पद्धति ब्रेल का स्थान लेगी. प्रदेश के संसाधनों में दृष्टिबाधित बच्चों को भी उनका हक मिलना चाहिए.'

4 हजार हुई दृष्टिबाधितों की पेंशन

इस दौरान सीएम सुक्खू ने प्रदेश के सभी दृष्टिबाधित बच्चों को मिलने वाली 1500 रुपए मासिक पेंशन को 27 वर्ष की आयु तक बढ़ाकर 4 हजार रुपए करने की घोषणा की. इसका प्रावधान राज्य सरकार आगामी बजट में किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'सभी संसाधनों से हिमाचल प्रदेश की कुल आय 16 हजार करोड़ रूपये वार्षिक है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर ही सालाना 27 हजार करोड़ रुपये व्यय होते हैं. हमें आने वाले समय के लिए प्रदेश की दिशा तय करनी होगी, इसीलिए हम हिमाचल प्रदेश की आय बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं'

मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'प्रदेश के संसाधनों में सभी वर्गों का अधिकार है, इसीलिए नीतिगत परिवर्तन लाया जा रहा है. राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के साथ विधवाओं और एकल नारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी वर्गों के उत्थान के लिए योजनाएं कार्यान्वित की हैं.'

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कैंसर रोगियों को घर पर मिलेगा उपचार, नए साल पर सीएम सुक्खू की सौगात

शिमला: छोटे पहाड़ी राज्य में हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा), अब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम से जाना जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की.

सीएम सुक्खू ने हिप्पा (HIPA) में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की और हिप्पा की एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया. सीएम सुक्खू ने कहा कि, ' आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दूरदर्शी नीतियों के कारण देश के लोग आत्म-सम्मान के साथ खड़े हैं और हिमाचल प्रदेश के विकास में भी उनका विशेष योगदान रहा है. उनके प्रयासों से प्रदेश में अनेक बड़े संस्थान खुले हैं, जिसका लाभ आज प्रदेश के लोगों को मिल रहा है.'

'ब्रेल का स्थान लेगी न्यू एज टेक्नोलॉजी'

सीएम सुक्खू ने हिप्पा में स्पेशल एजुकेटर की तीन जनवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया, जिसमें 80 शिक्षक भाग ले रहे है. उन्होंने कहा कि, 'शिक्षकों को 'न्यू एज टेक्नोलॉजी' से विशेष बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे दृष्टिबाधित बच्चों को लाभ मिलेगा. यह नई पद्धति ब्रेल का स्थान लेगी. प्रदेश के संसाधनों में दृष्टिबाधित बच्चों को भी उनका हक मिलना चाहिए.'

4 हजार हुई दृष्टिबाधितों की पेंशन

इस दौरान सीएम सुक्खू ने प्रदेश के सभी दृष्टिबाधित बच्चों को मिलने वाली 1500 रुपए मासिक पेंशन को 27 वर्ष की आयु तक बढ़ाकर 4 हजार रुपए करने की घोषणा की. इसका प्रावधान राज्य सरकार आगामी बजट में किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'सभी संसाधनों से हिमाचल प्रदेश की कुल आय 16 हजार करोड़ रूपये वार्षिक है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर ही सालाना 27 हजार करोड़ रुपये व्यय होते हैं. हमें आने वाले समय के लिए प्रदेश की दिशा तय करनी होगी, इसीलिए हम हिमाचल प्रदेश की आय बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं'

मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'प्रदेश के संसाधनों में सभी वर्गों का अधिकार है, इसीलिए नीतिगत परिवर्तन लाया जा रहा है. राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के साथ विधवाओं और एकल नारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी वर्गों के उत्थान के लिए योजनाएं कार्यान्वित की हैं.'

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कैंसर रोगियों को घर पर मिलेगा उपचार, नए साल पर सीएम सुक्खू की सौगात

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.