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सिरमौर को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाने की मुहिम, 3 शहरी निकायों से डोर-टू-डोर कचरा किया जाएगा एकत्रित

सिरमौर में राज्य स्तरीय (एनजीटी) समिति की अध्यक्षा राजवंत संधू ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन को लेकर आयोजित बैठक में कहा कि नाहन शहर में कूड़ा-कचरा के एकत्रीकरण के लिए लगाई गई चार गाड़ियां लगाई गई हैं जो एक सराहनीय कदम है.

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Published : Apr 6, 2019, 11:55 PM IST

सिरमौर को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाने की मुहिम

सिरमौर: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना में जिला में कार्यरत सभी शहरी निकाय आगामी 30 मई तक ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा को घर-घर से एकत्रित करके उसका वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए, ताकि जिला के शहरों को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाया जाए.

door to door garbage collection in sirmour
सिरमौर को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाने की मुहिम

इसी उद्देश्य को लेकर राज्य स्तरीय (एनजीटी) समिति की अध्यक्षा राजवंत संधू ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन बारे आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी. उन्होंने कहा कि नाहन शहर में कूड़ा-कचरा के एकत्रीकरण के लिए लगाई गई चार गाड़ियां एक सराहनीय कदम है और शहर की जिन गलियों में वाहन नहीं जा सकते हैं, ऐसे स्थलों में कूड़ा-कचरा को बैग के माध्यम से एकत्रित किया जाए.

राजवंत संधू ने कहा कि कूड़ा-कचरा का वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन किया जाए ताकि कूड़ा-कचरा की बदबू के कारण किसी महामारी के फैलने की संभावना उत्पन्न न हो. उन्होंने कहा कि लोगों को गीला एवं सूखा कचरा को अलग-अलग करके उसका डिस्पोजल की जाए. सूखा कचरा के प्रबंधन से पूर्व किसी कबाड़ी को बुलाकर उन्हें मुफ्त में पेपर, गत्ता, लोहे इत्यादि सामान दिया जाए. बाकी कचरा को जलाकर अथवा पिट में डालकर उसका बेहतरीन ढंग से प्रबंधन किया जाए.

उन्होंने सचिव नगर पंचायत राजगढ़ एवं तहसीलदार को निर्देश दिए कि राजगढ़ के आसपास ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा के प्रबंधन के लिए स्थान चयनित किया जाए ताकि राजगढ़ नगर पंचायत का ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा को सोलन न भेजा जाए. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सोलन कचरा भेजने पर सरकार का अनावश्यक व्यय हो रहा है. उन्होंने कहा कि ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा की स्थानीय स्तर पर ही डिस्पोजल प्रक्रिया की जाए. ट्यूबलाइट, सेल, सीएफएल बल्ब और अस्पतालों से निकलने वाले हानिकारक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था की जाए.

उपायुक्त सिरमौर ललित जैन ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना में आगामी 30 मई तक जिला की तीन शहरी निकायों में डोर-टू-डोर कचरा एकतित्र करने की प्रक्रिया को सौ फीसदी कर दिया जाएगा.

सिरमौर: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना में जिला में कार्यरत सभी शहरी निकाय आगामी 30 मई तक ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा को घर-घर से एकत्रित करके उसका वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए, ताकि जिला के शहरों को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाया जाए.

door to door garbage collection in sirmour
सिरमौर को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाने की मुहिम

इसी उद्देश्य को लेकर राज्य स्तरीय (एनजीटी) समिति की अध्यक्षा राजवंत संधू ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन बारे आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी. उन्होंने कहा कि नाहन शहर में कूड़ा-कचरा के एकत्रीकरण के लिए लगाई गई चार गाड़ियां एक सराहनीय कदम है और शहर की जिन गलियों में वाहन नहीं जा सकते हैं, ऐसे स्थलों में कूड़ा-कचरा को बैग के माध्यम से एकत्रित किया जाए.

राजवंत संधू ने कहा कि कूड़ा-कचरा का वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन किया जाए ताकि कूड़ा-कचरा की बदबू के कारण किसी महामारी के फैलने की संभावना उत्पन्न न हो. उन्होंने कहा कि लोगों को गीला एवं सूखा कचरा को अलग-अलग करके उसका डिस्पोजल की जाए. सूखा कचरा के प्रबंधन से पूर्व किसी कबाड़ी को बुलाकर उन्हें मुफ्त में पेपर, गत्ता, लोहे इत्यादि सामान दिया जाए. बाकी कचरा को जलाकर अथवा पिट में डालकर उसका बेहतरीन ढंग से प्रबंधन किया जाए.

उन्होंने सचिव नगर पंचायत राजगढ़ एवं तहसीलदार को निर्देश दिए कि राजगढ़ के आसपास ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा के प्रबंधन के लिए स्थान चयनित किया जाए ताकि राजगढ़ नगर पंचायत का ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा को सोलन न भेजा जाए. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सोलन कचरा भेजने पर सरकार का अनावश्यक व्यय हो रहा है. उन्होंने कहा कि ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा की स्थानीय स्तर पर ही डिस्पोजल प्रक्रिया की जाए. ट्यूबलाइट, सेल, सीएफएल बल्ब और अस्पतालों से निकलने वाले हानिकारक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था की जाए.

उपायुक्त सिरमौर ललित जैन ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना में आगामी 30 मई तक जिला की तीन शहरी निकायों में डोर-टू-डोर कचरा एकतित्र करने की प्रक्रिया को सौ फीसदी कर दिया जाएगा.

सिरमौर के तीन शहरी निकायों में आगामी 30 मई  तक ठोस एवं तरल कचरा को घर-घर से किया जाएगा एकत्रित : राजवंत संधू 
नाहन। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना में जिला में कार्यरत सभी शहरी निकाय आगामी 30 मई तक ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा को घर-घर से एकत्रित करके उसका वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए, ताकि जिला के शहरों को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाया जाए। 
इस आश्य के निर्देश राज्य स्तरीय (एनजीटी) समिति की अध्यक्षा  राजवंत संधू ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन बारे आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होने कहा कि नाहन शहर में कूड़ा-कचरा के एकत्रितकरण के लिए लगाई गई चार गाड़ियां एक सराहनीय कदम है और शहर की जिन गलियों में वाहन नहीं जा सकते हैं ऐसे स्थलों में कूड़ा कचरा को बैग के माध्यम से एकत्रित किया जाए। 
 राजवंत संधू ने कहा कि कूड़ा-कचरा का वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन किया जाए, ताकि कूड़ा-कचरा की बदबू के कारण किसी महामारी के फैलने की संभावना उत्पन्न न हो। उन्होने कहा कि लोगों को गीला एवं सूखा कचरा को अलग-अलग करके उसका डिस्पोजल की जाए। उन्होने कहा कि सूखा कचरा के प्रबंधन से पूर्व किसी कबाड़ी को बुलाकर उन्हें मुफ्त में पेपर, गत्ता, लोहे इत्यादि सामान दिया जाए बाकी कचरा को जला कर अथवा पिट में डालकर उसका बेहतरीन ढंग से प्रबंधन किया जाए ।
उन्होने सचिव नगर पंचायत राजगढ़ एवं तहसीलदार को निर्देश दिए कि राजगढ़ के आसपास ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा के प्रबंधन के लिए स्थान चयनित किया जाए ताकि राजगढ़ नगर पंचायत का ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा को सोलन न भेजा जाए। उन्होने कहा कि सोलन को प्रतिदिन कचरा को भेजने पर सरकार का अनावश्यक व्यय हो रहा है । उन्होने कहा कि ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा की स्थानीय स्तर पर ही  डिस्पोजल प्रक्रिया की जाए। उन्होने कहा कि टयूब लाईट, सैल, सीएफएल बल्ब तथा अस्पतालों से निकलने वाले हानिकारक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था की जाए।
अध्यक्ष शहरी निकाय को निर्देश दिए कि घर-घर से कूड़ा-कचरा एकत्रित करने वाले कामगारों को पहचान पत्र प्रदान किए जाऐं और इस कार्य में लगेे सभी कामगारों को आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया जाए चूंकि कूड़ा-कचरा एकत्रित करना और प्रबंधन इत्यादि काफी जोखिमपूर्ण कार्य है जिससे स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ सकता है जिसके लिए कामगारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाऐं देना भी अनिवार्य है । उन्होने जिला में कार्यरत तीन शहरी निकाय को निर्देश दिए कि डोर-टू-डोर कचरा एकत्रितकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरंात सभी डंपर एवं कूड़ादान न रखे जाऐं क्योंकि डंपर में डाले गए कचरा को बंदर, कुत्ते  अथवा पशु इत्यादि बाहर निकाल देते हैं जिससे संबधित क्षेत्र में गंदगी के कारण लोगों को परेशानी पेश आती हैं।
उन्होने जिला में कार्यरत सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंचायत स्तर पर भी कूड़ा कचरा के प्रबंधन के लिए विशेष प्रबंध किए जाऐं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी ठोस एवं तरल कचरा का प्रबंधन स्थानीय स्तर पर संभव हो सके । उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क के किनारे बनी दुकानें और ढाबा इत्यादि के कारण ऐसे स्थलों पर काफी गंदगी होती है । उन्होने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में ऐसे स्थलों को चिन्हित किए जाऐं और संबधित क्षेत्र की पंचायत को कूड़ा कचरा के प्रबंधन बारे आवश्यक निर्देश जारी किए जाऐं । इसके अतिरिक्त उन्होने कहा कि विशेषकर छात्राओं के होस्टल तथा अस्पतालों  में  इनसेनिटर स्थापित किया जाए ताकि ऐसे स्थलों में भी स्वच्छता बनी रहे ।
उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना में आगामी 30 मई तक जिला की तीन शहरी निकायों में डोर-टू-डोर कचरा एकतित्र करने की प्रक्रिया को सौ फीसदी कर दिया जाएगा । 
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