सिरमौर: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना में जिला में कार्यरत सभी शहरी निकाय आगामी 30 मई तक ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा को घर-घर से एकत्रित करके उसका वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए, ताकि जिला के शहरों को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाया जाए.
इसी उद्देश्य को लेकर राज्य स्तरीय (एनजीटी) समिति की अध्यक्षा राजवंत संधू ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन बारे आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी. उन्होंने कहा कि नाहन शहर में कूड़ा-कचरा के एकत्रीकरण के लिए लगाई गई चार गाड़ियां एक सराहनीय कदम है और शहर की जिन गलियों में वाहन नहीं जा सकते हैं, ऐसे स्थलों में कूड़ा-कचरा को बैग के माध्यम से एकत्रित किया जाए.
राजवंत संधू ने कहा कि कूड़ा-कचरा का वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन किया जाए ताकि कूड़ा-कचरा की बदबू के कारण किसी महामारी के फैलने की संभावना उत्पन्न न हो. उन्होंने कहा कि लोगों को गीला एवं सूखा कचरा को अलग-अलग करके उसका डिस्पोजल की जाए. सूखा कचरा के प्रबंधन से पूर्व किसी कबाड़ी को बुलाकर उन्हें मुफ्त में पेपर, गत्ता, लोहे इत्यादि सामान दिया जाए. बाकी कचरा को जलाकर अथवा पिट में डालकर उसका बेहतरीन ढंग से प्रबंधन किया जाए.
उन्होंने सचिव नगर पंचायत राजगढ़ एवं तहसीलदार को निर्देश दिए कि राजगढ़ के आसपास ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा के प्रबंधन के लिए स्थान चयनित किया जाए ताकि राजगढ़ नगर पंचायत का ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा को सोलन न भेजा जाए. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सोलन कचरा भेजने पर सरकार का अनावश्यक व्यय हो रहा है. उन्होंने कहा कि ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा की स्थानीय स्तर पर ही डिस्पोजल प्रक्रिया की जाए. ट्यूबलाइट, सेल, सीएफएल बल्ब और अस्पतालों से निकलने वाले हानिकारक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था की जाए.
उपायुक्त सिरमौर ललित जैन ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना में आगामी 30 मई तक जिला की तीन शहरी निकायों में डोर-टू-डोर कचरा एकतित्र करने की प्रक्रिया को सौ फीसदी कर दिया जाएगा.