नाहन: नवजात बच्चों की अदला-बदली के आरोपों के बाद सुर्खियों में आए डॉ. यशवंत सिंह परमार नाहन मेडिकल कॉलेज के लिए राहत भरी खबर आई है. डीएनए रिपोर्ट से मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मेडिकल कॉलेज में बच्चों की अदला-बदली नहीं हुई थी.
पुलिस द्वारा लिए गए शिकायतकर्ता पति, पत्नी के डीएनए सेंपल नवजात बच्ची के डीएनए से मैच हो गए हैं. लिहाजा डीएनए रिपोर्ट से साफ हो गया है कि शिकायतकर्ता महिला ने नवजात बच्ची को ही जन्म दिया है. दरअसल इसी माह 8-9 जून को रेणुका जी के चूली गांव निवासी कुशाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हुए बच्चे की अदला-बदली का आरोप नाहन मेडिकल कॉलेज पर लगाया था.
शिकायत में बच्ची को जन्म देने वाली महिला संगीता के पति ने कहा था कि जब उसकी पत्नी को प्रसव के लिए लेबर रूम में ले जाया गया, तो वहां पहले से ही 2 अन्य महिलाएं प्रसव के लिए लाई गई थीं. जब उसकी पत्नी का प्रसव हुआ तो वहां तैनात स्टाफ ने पहले उसकी मां को बुलाकर बेटा दिया और कुछ ही देर बाद बच्चे को फुट प्रिंट के लिए ले जाया गया. इसके बाद जब वापस नवजात उन्हें सौंपा गया तो वह बेटी थी.
इसी के बाद उन्हें बच्चों की अदला-बदली का संदेह हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने शिकायतकर्ता कुशाल, उसकी पत्नी संगीता व नवजात बच्ची के डीएनए सैंपल लिए थे, जिसे जुन्गा स्थित लैब में भेजा गया था. हालांकि डीएनए रिपोर्ट के मामलों में काफी समय लग जाता है, लेकिन रिपोर्ट के लिए पुलिस ने जल्द गुहार लगाई थी. इसी के चलते पुलिस को मिली रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बच्चे बदले नहीं गए हैं.
सिरमौर के एसपी अजय कृष्ण शर्मा ने बताया कि नवजात बच्चों की अदला-बदली की शिकायत के मामले में डीएनए रिपोर्ट मिल गई है. रिपोर्ट में सामने आया है कि बच्चे बदले नहीं गए हैं. शिकायतकर्ता, उसकी पत्नी व बच्ची का डीएनए मैच हो गया है.