करसोग/मंडी: प्रदेश सरकार भले ही किसानों की आय दुगना करने का दावा कर रही हो, लेकिन स्थित ये है कि उपमंडल करसोग में पशुपालकों से दूध पानी की बोतल से भी सस्ता खरीदा जा रहा है. ऐसे में अब दुग्ध उत्पादकों के सब्र का बांध टूट गया है. यहां दूध का मूल्य बढ़ाने के लिए दुग्ध उत्पादकों ने सीटू के बैनर तले लोक निर्माण विश्राम गृह से एसडीएम कार्यालय तक रोष रैली निकाली. सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल व वरिष्ठ समाज सेवी एडी शर्मा के नेतृत्व में निकली गई रैली में महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया. इस दौरान दुग्ध उत्पादकों ने एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी सौंपा.
दुग्ध उत्पादकों ने सरकार को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि करसोग (Milk producers protest in Karsog) में किसानों से 18 से 20 रुपये किलो दूध खरीदा जा रहा है, जबकि दुकानों में पानी की बोतल भी इससे महंगी बिक रही है. दुग्ध उत्पादकों ने कहा कि महिलाएं दिन रात मेहनत कर चारे का प्रबंध करती है. पिछले कुछ सालों में बाजार में फीड के दाम भी दो से तीन गुना महंगे हुए हैं, लेकिन दूध के रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.
ऐसे में किसानों का पशु पालन पर आ रहा खर्च भी पूरा नहीं हो रहा है, मुनाफा होना तो दूर की बात है. ग्रामीणों ने खून पसीने की कमाई से पाई पाई जोड़ कर पशु खरीदे हैं, लेकिन दूध सस्ता बिकने से किसानों के सामने गाय और भैंसे बेचने तक की नौबत आ गई है. वहीं, पशु पालकों ने सरकार से पशु औषधालय में खाली पड़े चिकित्सकों के पद भरे जाने की भी मांग की है.
दुग्ध उत्पादक संस्था खनेयोल बगड़ा की सदस्य ममता ठाकुर ने कहा कि महिलाएं दिन रात मेहनत करके मुश्किल से गाय पालती हैं. जिसके बाद महिलाओं को कई किलोमीटर का पैदल सफर तय कर दूध बेचने जाना पड़ता है. लेकिन इसके बाद भी ग्रामीणों से बहुत कम दामों पर दूध खरीदा जाता है. जोकि खुले आम किसानों का शोषण है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार सच में किसानों की हितेषी है तो दूध का भाव 40 रुपये किलो किया जाना चाहिए. इस मौके पर जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल, पूर्व जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान, वरिष्ठ समाजसेवी एडी शर्मा, सहित कई दूध उत्पादक उपस्थित रहे.
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