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नेरचौक मेडिकल कॉलेज को मिली ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति, प्रबंधन ने स्थान किया चिन्हित - हिमाचल की हिंदी खबरें

लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक को अपने तौर पर ऑक्सीजन उत्पादन करने के लिए प्लांट लगाने के लिए अनुमति मिल गई है. प्लांट स्थापित करने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने स्थान भी चिन्हित कर लिया है.

oxygen producing plant in Mandi
ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट मंडी
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Published : Dec 10, 2020, 8:00 AM IST

मंडी: लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक को अब ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए निजी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. अस्पताल प्रबंधन को अपने तौर पर ऑक्सीजन उत्पादन करने के लिए प्लांट लगाने के लिए अनुमति मिल गई है.

केंद्र सरकार ने जारी किए 6 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने प्लांट स्थापित करने के लिए करीब छह करोड़ रुपये की राशि जारी की है. प्लांट स्थापित करने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने स्थान भी चिन्हित कर लिया है. एक महीने के अंदर प्लांट स्थापित होने की उम्मीद जताई जा रही है. नेरचौक मेडिकल कॉलेज के अलावा केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, टांडा व चंबा को भी एक-एक ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्वीकृत किया है.

वीडियो रिपोर्ट

2017 में लगाया गया मिनी फोल्ड ऑक्सीजन प्लांट

बता दें कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज में ईएसआइसी प्रबंधन ने 2017 में मिनी फोल्ड ऑक्सीजन प्लांट लगाया था. इस प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं होता था. इस प्लांट में बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवा कर लगाए जाते हैं. प्लांट के माध्यम से वार्डों में ऑक्सीजन की केंद्रीयकृत सप्लाई होती है.

प्लांट स्थापित करने के लिए स्थान चिह्नित

सीएमओ मंडी डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने नेरचौक मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्वीकृत किया है. प्लांट एक से डेढ़ महीने में स्थापित होने की उम्मीद है. प्लांट स्थापित करने के लिए स्थान चिह्नित कर लिया गया है.

कोरोना काल में अस्पताल में 200 सिलेंडर की खपत

बता दें कि मेडिकल कॉलेज नेरचौक में कोरोना काल से पहले ऑक्सीजन की रोजाना खपत 25 से 30 सिलेंडर थी. अब कोविड अस्पताल में रोजाना 200 सिलेंडर की खपत हो रही है. ऑक्सीजन की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. कोविड के लिए तीन आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं जिनमें 118 बेड हैं. मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन प्वाइंट कम पड़ने लगे हैं. ऑक्सीजन डिमांड वाले मरीजों की संख्या और बढ़ने की सूरत में सर्जिकल व मेडिकल वार्ड को कोविड वार्ड बनाने की तैयारी कॉलेज प्रबंधन ने कर रखी है.

ये भी पढ़ें: 'कोरोना से निपटने के लिए कांगड़ा प्रशासन तैयार, दो निजी अस्पतालों को भी किया जा सकता है टेक ओवर'

मंडी: लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक को अब ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए निजी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. अस्पताल प्रबंधन को अपने तौर पर ऑक्सीजन उत्पादन करने के लिए प्लांट लगाने के लिए अनुमति मिल गई है.

केंद्र सरकार ने जारी किए 6 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने प्लांट स्थापित करने के लिए करीब छह करोड़ रुपये की राशि जारी की है. प्लांट स्थापित करने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने स्थान भी चिन्हित कर लिया है. एक महीने के अंदर प्लांट स्थापित होने की उम्मीद जताई जा रही है. नेरचौक मेडिकल कॉलेज के अलावा केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, टांडा व चंबा को भी एक-एक ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्वीकृत किया है.

वीडियो रिपोर्ट

2017 में लगाया गया मिनी फोल्ड ऑक्सीजन प्लांट

बता दें कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज में ईएसआइसी प्रबंधन ने 2017 में मिनी फोल्ड ऑक्सीजन प्लांट लगाया था. इस प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं होता था. इस प्लांट में बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवा कर लगाए जाते हैं. प्लांट के माध्यम से वार्डों में ऑक्सीजन की केंद्रीयकृत सप्लाई होती है.

प्लांट स्थापित करने के लिए स्थान चिह्नित

सीएमओ मंडी डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने नेरचौक मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्वीकृत किया है. प्लांट एक से डेढ़ महीने में स्थापित होने की उम्मीद है. प्लांट स्थापित करने के लिए स्थान चिह्नित कर लिया गया है.

कोरोना काल में अस्पताल में 200 सिलेंडर की खपत

बता दें कि मेडिकल कॉलेज नेरचौक में कोरोना काल से पहले ऑक्सीजन की रोजाना खपत 25 से 30 सिलेंडर थी. अब कोविड अस्पताल में रोजाना 200 सिलेंडर की खपत हो रही है. ऑक्सीजन की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. कोविड के लिए तीन आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं जिनमें 118 बेड हैं. मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन प्वाइंट कम पड़ने लगे हैं. ऑक्सीजन डिमांड वाले मरीजों की संख्या और बढ़ने की सूरत में सर्जिकल व मेडिकल वार्ड को कोविड वार्ड बनाने की तैयारी कॉलेज प्रबंधन ने कर रखी है.

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