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करसोग में मक्की की फसल पर फॉल आर्मीवर्म का हमला, कृषि विभाग के विशेषज्ञ ने किसानों को दी ये सलाह

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Published : Jul 15, 2022, 3:57 PM IST

रबी सीजन में अनाज का कम उत्पादन होने का नुकसान झेल रहे किसानों की मुश्किलें खरीफ सीजन ( Farmers difficulties in kharif season) में भी कम नहीं हुई हैं. मंडी जिले के करसोग में अब तक 15 से 20 फीसदी फसल फॉल आर्मीवर्म के हमले की चपेट में आ चुकी है. किसानों ने कृषि विभाग (Agriculture Department of Karsog) से फील्ड विजिट करने की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर..

Fall Armyworm in harvest
फसल में फॉल आर्मीवर्म

करसोग: रबी सीजन में अनाज का कम उत्पादन होने का नुकसान झेल रहे किसानों की मुश्किलें खरीफ सीजन ( Farmers difficulties in kharif season) में भी कम नहीं हुई. उपमंडल में फाल आर्मीवर्म ने मक्की की फसल पर हमला कर दिया है. विभिन्न क्षेत्रों में अब तक 15 से 20 फीसदी फसल फॉल आर्मीवर्म के हमले की चपेट में आ चुकी है. किसानों ने कृषि विभाग (Agriculture Department of Karsog) से फील्ड विजिट की मांग की है. विभिन्न क्षेत्रों में मक्की खरीफ के सीजन में ली जाने वाली एक प्रमुख फसल है.

किसान लगातार फसल में फॉल आर्मीवर्म (Fall Armyworm in harvest ) के लक्षण दिखाई देने की शिकायत कर रहे हैं. उन्होंने कृषि विभाग से फील्ड विजिट करने की मांग की है. ताकि मक्की की फसल को हो रहे नुकसान पर समय रहते हुए काबू पाया जा सके. मक्की उपमंडल के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख फसल है. इस बार करीब 4 हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की गई है.

मक्की की फसल के उत्पादन के लिए किसान पहले ही हजारों रुपये खर्च कर चुके हैं. ऐसे में अगर मक्की की फसल को फॉल आर्मीवर्म पर काबू नहीं पाया गया तो किसानों को काफी अधिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. घैनी शैधल पंचायत के किसान नरेंद्र कुमार का कहना है कि मक्की की फसल में एक कीड़ा लगा है. जिसने पत्तों को काटकर फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. क्षेत्र में अधिकतर किसानों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

कृषि विभाग करसोग विकासखंड की एसएमएस डॉ. मीना (SMS Dr. Meena of Agriculture Department) का कहना है कि किसान मक्की की फसल में फॉल आर्मीवर्म की शिकायत कर रहे हैं. फील्ड से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक 15 से 20 फीसदी फसल प्रभावित हुई है. उन्होंने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि मक्की की फसल पर 200 लीटर पानी में 80 एमएल कोरेजन का छिड़काव करें. ये कीटनाशक कृषि विभाग के सभी सेल सेंटर पर उपलब्ध है.

करसोग: रबी सीजन में अनाज का कम उत्पादन होने का नुकसान झेल रहे किसानों की मुश्किलें खरीफ सीजन ( Farmers difficulties in kharif season) में भी कम नहीं हुई. उपमंडल में फाल आर्मीवर्म ने मक्की की फसल पर हमला कर दिया है. विभिन्न क्षेत्रों में अब तक 15 से 20 फीसदी फसल फॉल आर्मीवर्म के हमले की चपेट में आ चुकी है. किसानों ने कृषि विभाग (Agriculture Department of Karsog) से फील्ड विजिट की मांग की है. विभिन्न क्षेत्रों में मक्की खरीफ के सीजन में ली जाने वाली एक प्रमुख फसल है.

किसान लगातार फसल में फॉल आर्मीवर्म (Fall Armyworm in harvest ) के लक्षण दिखाई देने की शिकायत कर रहे हैं. उन्होंने कृषि विभाग से फील्ड विजिट करने की मांग की है. ताकि मक्की की फसल को हो रहे नुकसान पर समय रहते हुए काबू पाया जा सके. मक्की उपमंडल के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख फसल है. इस बार करीब 4 हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की गई है.

मक्की की फसल के उत्पादन के लिए किसान पहले ही हजारों रुपये खर्च कर चुके हैं. ऐसे में अगर मक्की की फसल को फॉल आर्मीवर्म पर काबू नहीं पाया गया तो किसानों को काफी अधिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. घैनी शैधल पंचायत के किसान नरेंद्र कुमार का कहना है कि मक्की की फसल में एक कीड़ा लगा है. जिसने पत्तों को काटकर फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. क्षेत्र में अधिकतर किसानों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

कृषि विभाग करसोग विकासखंड की एसएमएस डॉ. मीना (SMS Dr. Meena of Agriculture Department) का कहना है कि किसान मक्की की फसल में फॉल आर्मीवर्म की शिकायत कर रहे हैं. फील्ड से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक 15 से 20 फीसदी फसल प्रभावित हुई है. उन्होंने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि मक्की की फसल पर 200 लीटर पानी में 80 एमएल कोरेजन का छिड़काव करें. ये कीटनाशक कृषि विभाग के सभी सेल सेंटर पर उपलब्ध है.

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