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कुल्लू में बारिश और बर्फबारी बनी सेब के लिए वरदान, जल्द पूरे होंगे चिलिंग ऑवर्स

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Published : Jan 6, 2020, 3:12 PM IST

समय-समय पर बारिश और बर्फबारी के चलते सामान्य से ज्यादा ठंड का प्रकोप है. कुल्लू के सेब उत्पादित इलाकों सहित खराहल के ऊपरी क्षेत्रों में काफी बर्फबारी होने से बागवान और किसान खुश हैं. बर्फबारी होने से कई क्षेत्रों में माइनस डिग्री सेल्सियस तक पारा लुढ़क गया है जो सेब चिलिंग ऑवर्स के लिए वरदान साबित होगा.

Rain and snowfall in Kullu became a boon for apples
कुल्लू में बारिश और बर्फबारी बनी सेब के लिए वरदान

कुल्लू: पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से रविवार की रात को कुल्लू जिले में सेब उत्पादित क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है. बर्फबारी होने से बागवान और किसान गदगद हो गए हैं. ऐसे में एकाएक तापमान में भारी गिरावट आ गई है. बर्फबारी होने से कई क्षेत्रों में माइनस डिग्री सेल्सियस तक पारा लुढ़क गया है जो सेब चिलिंग ऑवर्स के लिए वरदान साबित होगा.

इस साल समय-समय पर बारिश और बर्फबारी के चलते सामान्य से ज्यादा ठंड का प्रकोप है. कुल्लू के सेब उत्पादित इलाकों सहित खराहल के ऊपरी क्षेत्रों में काफी बर्फबारी होने से बागवान और किसान खुश हैं. बिजली महादेव में करीब एक फुट तक बर्फबारी हुई है. जिले के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है जो बागवानी के लिए संजीवनी मानी जा रही है.

बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि सेब की बेहतर पैदावार के लिए 1200 से 1400 घंटे चिलिंग ऑवर्स होना लाजिमी हैं. इससे सेब की फसल उम्दा और गुणवत्ता भी बहुत अच्छी हो जाती है. बागवानों का कहना है कि इस वर्ष दिसंबर में ही बर्फबारी होने से आगामी सेब फसल अच्छी होने की उम्मीद है. बर्फबारी और बारिश होने से तापमान काफी लुढ़क गया है जो सेब चिलिंग ऑवर्स के लिए जरूरी है. बर्फबारी आगामी सेब फसल के लिए लाभदायक सिद्ध होगी.

वीडियो रिपोर्ट.

बागवानी विभाग के उपनिदेशक राकेश गोयल ने कहा कि इस बार मौसम सेब के लिए अनुकूल चल रहा है. दिसंबर में भी सेब उत्पादित क्षेत्रों में बर्फबारी होने से निश्चित तौर पर सेब के लिए चिलिंग ऑवर्स समय से पहले ही पूरे होने की संभावना है. हाल ही हुई बर्फबारी सेब चिलिंग ऑवर्स के लिए संजीवनी का काम करेगी. इससे आगामी सेब की फसल उम्दा और गुणवत्ता भी बेहतर होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में फिर बिगड़ा मौसम का मिजाज, निचले इलाकों में बारिश तो पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू

कुल्लू: पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से रविवार की रात को कुल्लू जिले में सेब उत्पादित क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है. बर्फबारी होने से बागवान और किसान गदगद हो गए हैं. ऐसे में एकाएक तापमान में भारी गिरावट आ गई है. बर्फबारी होने से कई क्षेत्रों में माइनस डिग्री सेल्सियस तक पारा लुढ़क गया है जो सेब चिलिंग ऑवर्स के लिए वरदान साबित होगा.

इस साल समय-समय पर बारिश और बर्फबारी के चलते सामान्य से ज्यादा ठंड का प्रकोप है. कुल्लू के सेब उत्पादित इलाकों सहित खराहल के ऊपरी क्षेत्रों में काफी बर्फबारी होने से बागवान और किसान खुश हैं. बिजली महादेव में करीब एक फुट तक बर्फबारी हुई है. जिले के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है जो बागवानी के लिए संजीवनी मानी जा रही है.

बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि सेब की बेहतर पैदावार के लिए 1200 से 1400 घंटे चिलिंग ऑवर्स होना लाजिमी हैं. इससे सेब की फसल उम्दा और गुणवत्ता भी बहुत अच्छी हो जाती है. बागवानों का कहना है कि इस वर्ष दिसंबर में ही बर्फबारी होने से आगामी सेब फसल अच्छी होने की उम्मीद है. बर्फबारी और बारिश होने से तापमान काफी लुढ़क गया है जो सेब चिलिंग ऑवर्स के लिए जरूरी है. बर्फबारी आगामी सेब फसल के लिए लाभदायक सिद्ध होगी.

वीडियो रिपोर्ट.

बागवानी विभाग के उपनिदेशक राकेश गोयल ने कहा कि इस बार मौसम सेब के लिए अनुकूल चल रहा है. दिसंबर में भी सेब उत्पादित क्षेत्रों में बर्फबारी होने से निश्चित तौर पर सेब के लिए चिलिंग ऑवर्स समय से पहले ही पूरे होने की संभावना है. हाल ही हुई बर्फबारी सेब चिलिंग ऑवर्स के लिए संजीवनी का काम करेगी. इससे आगामी सेब की फसल उम्दा और गुणवत्ता भी बेहतर होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में फिर बिगड़ा मौसम का मिजाज, निचले इलाकों में बारिश तो पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू

Intro:बारिश व बर्फबारी बनी सेब के लिए वरदान
जल्द पूरे होंगे सेब के चिलिंग आवर्जBody:



पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बीती रात को कुल्लू जिले में सेब उत्पादित क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है। बर्फबारी होने से बागवान और किसान गदगद हो गए हैं। ऐसे में एकाएक तापमान में भारी गिरावट आ गई है। बर्फबारी होने से कई क्षेत्रों मेें माइनस डिग्री सेल्सियस तक पारा लुढ़क गया है जो सेब चिलिंग ऑवर्स के लिए वरदान साबित होगा। इस साल समय-समय पर बारिश और बर्फबारी के चलते सामान्य से ज्यादा ठंड का प्रकोप है। कुल्लू के सेब उत्पादित इलाकों सहित खराहल के ऊपरी क्षेत्रों में काफी बर्फबारी होने से बागवान और किसान गदगद हो गए हैं। बिजली महादेव में करीब एक फुट तक बर्फबारी हुई है। जिले के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है जो बागवानी के लिए संजीवनी मानी जा रही है। बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि सेब की बेहतर पैदावार के लिए 1200 से 1400 घंटे चिलिंग ऑवर्स होना लाजिमी हैं। इससे सेब की फसल उम्दा और गुणवत्ता भी बहुत अच्छी हो जाती है। बागवानों का कहना है कि इस वर्ष दिसंबर में ही बर्फबारी होने से आगामी सेब फसल अच्छी होने की उम्मीद है। घाटी के बागवान अमित, ज्ञान ठाकुर, कमल, चमन ठाकुर, मुनीष भंडारी, रितेश ठाकुर, प्रताप पठानिया, कैलाश ठाकुर, सुरेश ठाकुर, वीर सिंह, अखिल ठाकुर, नवीन आदि का कहना है कि बर्फबारी और बारिश होने से तापमान काफी लुढ़क गया है जो सेब चिलिंग ऑवर्स के लिए जरूरी है। बर्फबारी आगामी सेब फसल के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। Conclusion:

इस संबंध में बागवानी विभाग के उपनिदेशक राकेश गोयल ने कहा कि इस बार मौसम सेब के लिए अनुकूल चल रहा है। दिसंबर में भी सेब उत्पादित क्षेत्रों में बर्फबारी होने से निश्चित तौर पर सेब के लिए चिलिंग ऑवर्स समय से पहले ही पूरे होने की संभावना है। हाल ही हुई बर्फबारी सेब चिलिंग आवर्स के लिए संजीवनी का काम करेगी। इससे आगामी सेब की फसल उम्दा और गुणवत्ता भी बेहतर होने की उम्मीद है।
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