कुल्लू: जिला कुल्लू में जहां पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट रहा है. वहीं, अब सैलानी भी पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. कोरोना के दौर में जहां लोगो का ऑफिस जाना छूट गया था और कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने कहा गया था. वहीं, अब पर्यटक पहाड़ों पर घूमने के साथ साथ वर्क विद हॉलीडे का भी मजा ले रहे हैं.
कुल्लू के पर्यटन स्थल मनाली व बंजार में इन दिनों बाहरी राज्यों से ऐसे पर्यटक भी दस्तक दे रहे हैं जो घूमने के साथ साथ अपने काम को भी पूरा कर रहे हैं. ऐसे में कई पर्यटकों ने होम स्टे व होटल को बुक किया है, जहां उन्हें सेनिटाइज कमरों के अलावा बेहतर दूरसंचार व्यवस्था व वाई-फाई की सुविधा मिल रही है. लोग पहाड़ों पर घूमने के अलावा आराम से अपने दफ्तर के काम को भी निपटा रहे हैं.
तीर्थन घाटी के कई गेस्ट हाउस में बाहरी राज्यों से 20-30 पर्यटकों ने छह से सात महीने तक की बुकिंग एडवांस में करवाई है, जबकि कुछ ने एक दो महीने की बुकिंग भी करवाई है, जिनमें से कुछ पर्यटक यहां पहुंच भी गए हैं. आलम यह है कि जिला कुल्लू की तीर्थन घाटी के विभिन्न पर्यटन स्थल इन दिनों पर्यटकों से गुलजार हो गए हैं.
पर्यटन कारोबारियों की मानें तो पर्यटकों के आने से अब धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है और अब उनके रोजगार फिर से शुरू हो गए हैं. हालांकि, अक्टूबर महीने में पर्यटन के गति पकड़ने की संभावना है. पर्यटन कारोबार को पहले की स्थिति में लाने में अभी काफी समय लगेगा, लेकिन सरकार की ओर से पर्यटकों के लिए सीमाएं खोलने के निर्णय से पर्यटकों सहित पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों ने राहत की सांस ली है.
घाटी के कुछ गेस्ट हाउस में पर्यटकों ने छह से सात माह तक बुक करवा करवा लिए हैं, ताकि वह पहाड़ों की शांत वादियों में आराम फरमा सकें. इनमें तीर्थन घाटी के रिवरांश होम स्टे में चेन्नई की एक युवती ने सात महीने की बुकिंग करवाई है और पिछले 20 दिनों से वह यहां पर रह रही है.
चेन्नई से एक युवती जननी ने 31 जुलाई को सात महीने की बुकिंग करवाई है और वह यहां पर आ भी गई है. इसके अलावा मुंबई से भी दो अन्य पर्यटकों ने भी एक महीने की बुकिंग करवाई है. वह भी यहां पहुंच गए हैं और अन्य कई सैलानियों ने एक दो महीने की बुकिंग भी करवाई है. सभी पर्यटक यहां घूमने के अलावा ऑनलाइल ही काम को भी तरजीह दे रहे हैं.