कुल्लू: प्रदेश ही नहीं देश के लोगों की रूह में बसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे अटल सदन का उद्घाटन किए हुए सात माह हो चुके हैं. आलम ये है कि अभी तक इस अटल सदन में न बिजली और ना ही ठहरने की व्यवस्था है.
दरअसल सरकार व प्रशासन की लापरवाही के चलते लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अटल सदन का उपयोग नहीं हो पा रहा है. 25 दिसंबर 2018 को इस भव्य अटल सदन का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन उस समय से ये सदन आधा-अधूरा ही है.
सदन के ऑडिटोरियम में 650 लोगों के बैठने की क्षमता और 18 कमरों का गेस्ट हाउस भी बना हुआ है. ग्राउंड फ्लोर में 50 वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था है. इसके अलावा ऑडिटोरियम के बाहर 15 फीट चौड़ी और 10 फीट ऊंची स्क्रीन भी लगी हुई है, जिससे बाहर बैठे लोग भी कार्यक्रम को लाइव देख सकते हैं.
विमल प्रकाश सहायक अभियंता ने बताया कि हमारे पास इसका प्रपोजल आया है, जिसके बाद ट्रासफार्मर लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी कुछ मूल्याकंन बढ़ा है और कार्य प्रगति पर है.
लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता सुरेश धीमान ने बताया कि अटल सदन का निर्माण किया गया है, जिसमें ऑडिटोरियम व 18 कमरों का गेस्ट हाउस व 50 वाहनों की पार्किग की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि अभी तक लगभग 18 करोड़ रुपये का खर्च आ चुका है, जिसमें कई कार्य बाकी हैं. जिससे कमरा ठहरने के लिए नहीं दिए जाते हैं.
बता दें कि भवन निर्माण के लिए भाजपा और कांग्रेस सरकार अलग-अलग समय में दो बार शिलान्यास कर चुकी हैं. पहला शिलान्यास 12 अक्टूबर, 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया था, तब इसका नाम अटल दशहरा सदन रखा गया था. उसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 27 अक्तूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिलान्यास किया था, तब इस भवन का नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए अंतरंग सभागार कुल्लू का नाम दिया गया था. 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हाथों अटल विहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर इस अटल सदन का उद्घाटन किया गया है.