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24 करोड़ की लागत से तैयार अटल सदन की सरकार ने नहीं ली सुध, 7 महीने बीतने पर भी लोगों को नहीं मिल रही सुविधा - अटल सदन

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे अटल सदन का उद्घाटन किए हुए सात माह हो चुके हैं. सरकार व प्रशासन की लापरवाही के चलते लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अटल सदन का उपयोग नहीं हो पा रहा है. आलम ये है कि लोगों को बिजली और ठहरने की सुविधा नहीं मिल रही है.

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Published : Aug 7, 2019, 1:20 PM IST

कुल्लू: प्रदेश ही नहीं देश के लोगों की रूह में बसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे अटल सदन का उद्घाटन किए हुए सात माह हो चुके हैं. आलम ये है कि अभी तक इस अटल सदन में न बिजली और ना ही ठहरने की व्यवस्था है.

दरअसल सरकार व प्रशासन की लापरवाही के चलते लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अटल सदन का उपयोग नहीं हो पा रहा है. 25 दिसंबर 2018 को इस भव्य अटल सदन का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन उस समय से ये सदन आधा-अधूरा ही है.

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सदन के ऑडिटोरियम में 650 लोगों के बैठने की क्षमता और 18 कमरों का गेस्ट हाउस भी बना हुआ है. ग्राउंड फ्लोर में 50 वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था है. इसके अलावा ऑडिटोरियम के बाहर 15 फीट चौड़ी और 10 फीट ऊंची स्क्रीन भी लगी हुई है, जिससे बाहर बैठे लोग भी कार्यक्रम को लाइव देख सकते हैं.

विमल प्रकाश सहायक अभियंता ने बताया कि हमारे पास इसका प्रपोजल आया है, जिसके बाद ट्रासफार्मर लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी कुछ मूल्याकंन बढ़ा है और कार्य प्रगति पर है.
लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता सुरेश धीमान ने बताया कि अटल सदन का निर्माण किया गया है, जिसमें ऑडिटोरियम व 18 कमरों का गेस्ट हाउस व 50 वाहनों की पार्किग की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि अभी तक लगभग 18 करोड़ रुपये का खर्च आ चुका है, जिसमें कई कार्य बाकी हैं. जिससे कमरा ठहरने के लिए नहीं दिए जाते हैं.

बता दें कि भवन निर्माण के लिए भाजपा और कांग्रेस सरकार अलग-अलग समय में दो बार शिलान्यास कर चुकी हैं. पहला शिलान्यास 12 अक्टूबर, 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया था, तब इसका नाम अटल दशहरा सदन रखा गया था. उसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 27 अक्तूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिलान्यास किया था, तब इस भवन का नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए अंतरंग सभागार कुल्लू का नाम दिया गया था. 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हाथों अटल विहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर इस अटल सदन का उद्घाटन किया गया है.

कुल्लू: प्रदेश ही नहीं देश के लोगों की रूह में बसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे अटल सदन का उद्घाटन किए हुए सात माह हो चुके हैं. आलम ये है कि अभी तक इस अटल सदन में न बिजली और ना ही ठहरने की व्यवस्था है.

दरअसल सरकार व प्रशासन की लापरवाही के चलते लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अटल सदन का उपयोग नहीं हो पा रहा है. 25 दिसंबर 2018 को इस भव्य अटल सदन का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन उस समय से ये सदन आधा-अधूरा ही है.

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सदन के ऑडिटोरियम में 650 लोगों के बैठने की क्षमता और 18 कमरों का गेस्ट हाउस भी बना हुआ है. ग्राउंड फ्लोर में 50 वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था है. इसके अलावा ऑडिटोरियम के बाहर 15 फीट चौड़ी और 10 फीट ऊंची स्क्रीन भी लगी हुई है, जिससे बाहर बैठे लोग भी कार्यक्रम को लाइव देख सकते हैं.

विमल प्रकाश सहायक अभियंता ने बताया कि हमारे पास इसका प्रपोजल आया है, जिसके बाद ट्रासफार्मर लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी कुछ मूल्याकंन बढ़ा है और कार्य प्रगति पर है.
लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता सुरेश धीमान ने बताया कि अटल सदन का निर्माण किया गया है, जिसमें ऑडिटोरियम व 18 कमरों का गेस्ट हाउस व 50 वाहनों की पार्किग की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि अभी तक लगभग 18 करोड़ रुपये का खर्च आ चुका है, जिसमें कई कार्य बाकी हैं. जिससे कमरा ठहरने के लिए नहीं दिए जाते हैं.

बता दें कि भवन निर्माण के लिए भाजपा और कांग्रेस सरकार अलग-अलग समय में दो बार शिलान्यास कर चुकी हैं. पहला शिलान्यास 12 अक्टूबर, 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया था, तब इसका नाम अटल दशहरा सदन रखा गया था. उसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 27 अक्तूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिलान्यास किया था, तब इस भवन का नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए अंतरंग सभागार कुल्लू का नाम दिया गया था. 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हाथों अटल विहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर इस अटल सदन का उद्घाटन किया गया है.

Intro:कुल्लू
7 माह पहले उद्घाटन लेकिन अभी भी शुरू नही हो पाया अटल सदनBody:

प्रदेश ही नहीं देश के लोगों की रूह में बसे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे अटल सदन का उद्घाटन किए हुए आज सात माह हो चुके हैं। लेकिन अभी तक इस अटल सदन में न तो बिजली और न ठहरने की व्यवस्था है।

सरकार व प्रशासन की लापरवाही के चलते लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अटल सदन का उपयोग नहीं हो पा रहा है। 25 दिसंबर 2018 को इस भव्य अटल सदन का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा उद्घाटन तो कर दिया। लेकिन उस समय यह सदन आधा अधूरा ही था। जिसका कार्य आज तक पूरा नहीं हो पाया है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद आज तक इस अटल सदन का प्रयोग नहीं हो रहा है। ऑडिटोरियम में 650 लोगों के बैठने की क्षमता है और 18 कमरों का गेस्ट हाउस भी बना हुआ है। ग्राउंड फ्लोर में 50 वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था है। लेकिन इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऑडिटोरियम के बाहर 15 फीट चौड़ी और 10 फीट ऊंची स्क्रीन भी लगी हुई है। इससे बाहर बैठे लोग भी कार्यक्रम को लाइव देख सकेंगे

भवन निर्माण के लिए भाजपा और कांग्रेस सरकारें अलग-अलग समय में दो बार शिलान्यास कर चुकी हैं। पहला शिलान्यास 12 अक्तूबर, 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया था तब इसका नाम अटल दशहरा सदन रखा गया था। उसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 27 अक्तूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिलान्यास किया था और तब इस भवन का नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए अंतरंग सभागार कुल्लू का नाम दिया गया। 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हाथों अटल विहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर इस अटल सदन का उद्घाटन किया गया है।
Conclusion:
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हमारे पास इसका प्रपोजल आया है। इसमें ट्रासफार्मर लगाए जा रहे हैं। अभी एसटिमेट कुछ बढ़ा है। कार्य प्रगति पर है और जल्द ही कार्य पूरा किया जाएगा।

-विमल प्रकाश सहायक अभियंता विद्युत विभाग कुल्लू ।

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अटल सदन का निर्माण किया गया है, इसमें ऑडिटोरियम व 18 कमरों का गेस्ट हाउस व 50 वाहनों की पार्किग की व्यवस्था की गई है। इस पर अभी तक लगभग 18 करोड़ रुपये का खर्च आ चुका है।अभी तक इसमें कई कार्य शेष हैं। कमरों को भी अभी तक ठहरने के लिए नहीं दिए जाते हैं।

सुरेश धीमान अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग कुल्लू।

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