कुल्लू: प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. मानसून के आने से प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हो गया है. बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत तो मिली है. वहीं, प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और तूफान से काफी नुकसान हुआ है. ताजा मामला जिला कुल्लू का सामने आया है. एक ओर जिला कुल्लू के कई क्षेत्रों में सूखा पड़ा हुआ है. वहीं, दूसरी ओर सोमवार रात उपमंडल बंजार पलाहच और शरची पंचायत के करीब दस गांवों में तूफान व बारिश ने तबाही मचाई है.
उपमंडल बंजार में तूफान के कारण सेब के 30 फीसदी फल जमीन पर गिए गए. प्लम, नाशपाती समेत अन्य फलों को भी तेज आंधी से नुकसान हुआ है. सेब सीजन से ठीक पहले तूफान व बारिश ने बागवानों को झटका दिया है. बागवानों ने कहा कि कोरोना के चलते बागवान पहले ही परेशान हैं. वहीं, दूसरी ओर मौसम ने परेशानी में इजाफा कर दिया है.
ग्राम पंचायत पलाहच और शरची में रात करीब 11 बजे के बाद एकाएक जोरदार बारिश शुरू हुई और तूफान भी चला. बागवानों ने कहा कि इस बार सेब की फसल पहले ही कम है और तूफान के कारण सेब की फसल को नुकसान हुआ है. बागवानों ने जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार से मांग की है कि तूफान के कारण हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए.
इस संबंध में बागवानी विभाग के एसएमएस ज्ञान चंद वर्मा ने कहा कि विभाग के अधिकारियों की ओर से मौके पर जाकर नुकसान का आंकलन किया जाएगा. कुल्लू जिला में मानसून की दस्तक के बाद पहली बार बारिश हुई जिससे लोगों को आने वाले दिनों में और बारिश होने की उम्मीद है. जिले में बारिश से सूखे की मार झेल रही मक्की और राजमा की फसल को फायदा होगा.
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