हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर के कार्यशैली पर पार्षदों ने सवाल खड़े किए हैं. आम जनता तो दूर यहां पर नगर पार्षदों की ही सुनवाई नहीं हो रही है. पार्षदों को कार्य करवाने के लिए या शिकायत के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर का सहारा लेना पड़ रहा है. हैरानी की बात है कि सीएम हेल्पलाइन से भी पार्षदों को सही जवाब नहीं दिया जा रहा है.
नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर एक के पार्षद अनिल चौधरी ने कहा कि वार्ड एक में सड़क की खस्ता हालत को लेकर उन्होंने शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की थी. लेकिन नए परिषद की तरफ से जवाब आया है कि सड़क अच्छी हालत में है जबकि धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है.
पार्षद अनिल चौधरी ने कहा कि 15 साल पहले 25 लाख खर्च कर सड़क का निर्माण किया गया था लेकिन अब इस सड़क की हालत बेहद खस्ता हो गई है. इसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की थी. अधिकारियों की तरफ से यह जवाब दिया गया कि सड़क की हालत सही है. उन्होंने कहा कि हाउस में जब इस बारे में उन्होंने लिखित जवाब मांगा तो कार्यकारी अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले दिनों आयोजित नगर परिषद हमीरपुर के हाउस में नाम मात्र ही प्रस्ताव पारित हुए. करीब एक घंटे तक चले हाउस में पार्षदों और अधिकारियों में वाद-विवाद होता रहा. विकास कार्यों से जुड़े हुए मसलों पर कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुए. जब समस्याओं को लेकर पार्षदों ने आवाज उठाई तो अधिकारियों की तरफ से इसे हाउस का मुद्दा नहीं बताकर टाल दिया गया.
ये भी पढ़ें: हमीरपुर में स्कूल सुधार कमेटी का गठन, स्कूलों में बेहतर कार्यों के लिए करेगी काम