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हमीरपुर के 2 शिक्षक सम्मानित, मिला राजकीय शिक्षक पुरस्कार - विश्व शिक्षक दिवस

हमीरपुर के 2 शिक्षकों को राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने शिमला में आयोजित समारोह के दौरान राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया है. दोनों शिक्षकों ने सम्मान पाकर राज्यपाल, शिक्षा मंत्री सहित प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है.

Himachal Teacher Award news
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Published : Oct 5, 2020, 10:11 PM IST

हमीरपुरः शिक्षा विभाग की ओर से हर साल शिक्षक दिवस पर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचार और प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाता है. इसके पीछे का उद्देश्य शिक्षकों को उनकी ओर से किए जा रहे कार्यों के लिए सराहना और उन्हें इस तरह के कार्य करते रहने की प्रेरणा देना है. इसी उद्देश्य से सोमवार को भी 17 शिक्षकों को शिमला में सम्मानित किया गया. पहले ये कार्यक्रम शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 को सितंबर शिक्षक दिवस पर आयोजित होना था, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था.

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सम्मानित शिक्षक प्रदेश शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के साथ

इनमें जिला हमीरपुर के 2 शिक्षकों को राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया है. राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने शिमला में आयोजित समारोह में ये सम्मान दिया है. दोनों शिक्षकों ने सम्मान पाकर राज्यपाल, शिक्षा मंत्री सहित प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है. शिक्षकों ने इस पुरस्कार का श्रेय अपने माता-पिता, परिजनों और छात्रों को दिया है. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लंबलू के सीएंडवी डॉ. तिलक राज शास्त्री और राजकीय प्राथमिक पाठशाला झगड़ियानी की केंद्रीय मुख्य शिक्षक प्रमिला देवी को यह सम्मान मिला है. डॉ. तिलक ने पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को सिखाए नैतिक मूल्य और अनुशासन का पाठ पढ़ाया है.

33 साल के शैक्षणिक करियर में उन्होंने छात्रों को प्रतिष्ठित पदों पर पहुंचने के लिए अनुशासन व कर्तव्य निष्ठा का पाठ पढ़ाया है. इनके पढ़ाए हुए छात्र कई प्रतिष्ठित पदों पर देश-प्रदेश की सेवा कर रहे हैं. पढ़ाई के अलावा विभिन्न मंचों पर जाकर छात्रों को नैतिक मूल्य, अनुशासन और पठन पाठन के अलावा अन्य गतिविधियों के प्रति डॉक्टर शास्त्री हमेशा जागरूक करते आए हैं. इन्होंने साल 1987 में बोहनी स्कूल से बतौर पीटीए अध्यापक अपने करियर की शुरुआत की थी.

केहरवीं गांव में पिता रोशन लाल और माता मनसा देवी के घर जन्मे डॉ. तिलक राज शास्त्री ने सैकड़ों छात्रों को देश निर्माण, संस्कार, सामाजिक विकास की राह दिखाई है. डॉ शास्त्री बीए बीएड, एमए हिंदी व संस्कृत, एमफिल व पीएचडी हैं.

वहीं, सीएचटी प्रोमिला देवी ने साल 2016 से ही प्री-प्राइमरी कक्षाएं स्कूल में शुरू कर दी थी. हालांकि सरकार ने इन कक्षाओं को 2018-19 में स्कूलों में शुरू किया है. प्रोमिला देवी नए 25 फरवरी 1984 को राजकीय प्राथमिक पाठशाला कोटला खंड बिझड़ी से बतौर शिक्षक शुरुआत की थी. उन्होंने स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बेहतरीन योगदान दिया है. प्रोमिला देवी जिला मुख्यालय के साथ लगते घिरथेड़ी गांव की रहने वाली हैं. उनके पति रणजीत सिंह जसवाल प्रदेश पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हैं.

ये भी पढ़ें- राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान पाने वाले शिक्षकों ने इन क्षेत्रों में किए बेहतर कार्य

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में शिक्षकों ने ऑनलाइन शिक्षा देने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका: राज्यपाल

हमीरपुरः शिक्षा विभाग की ओर से हर साल शिक्षक दिवस पर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचार और प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाता है. इसके पीछे का उद्देश्य शिक्षकों को उनकी ओर से किए जा रहे कार्यों के लिए सराहना और उन्हें इस तरह के कार्य करते रहने की प्रेरणा देना है. इसी उद्देश्य से सोमवार को भी 17 शिक्षकों को शिमला में सम्मानित किया गया. पहले ये कार्यक्रम शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 को सितंबर शिक्षक दिवस पर आयोजित होना था, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था.

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सम्मानित शिक्षक प्रदेश शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के साथ

इनमें जिला हमीरपुर के 2 शिक्षकों को राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया है. राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने शिमला में आयोजित समारोह में ये सम्मान दिया है. दोनों शिक्षकों ने सम्मान पाकर राज्यपाल, शिक्षा मंत्री सहित प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है. शिक्षकों ने इस पुरस्कार का श्रेय अपने माता-पिता, परिजनों और छात्रों को दिया है. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लंबलू के सीएंडवी डॉ. तिलक राज शास्त्री और राजकीय प्राथमिक पाठशाला झगड़ियानी की केंद्रीय मुख्य शिक्षक प्रमिला देवी को यह सम्मान मिला है. डॉ. तिलक ने पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को सिखाए नैतिक मूल्य और अनुशासन का पाठ पढ़ाया है.

33 साल के शैक्षणिक करियर में उन्होंने छात्रों को प्रतिष्ठित पदों पर पहुंचने के लिए अनुशासन व कर्तव्य निष्ठा का पाठ पढ़ाया है. इनके पढ़ाए हुए छात्र कई प्रतिष्ठित पदों पर देश-प्रदेश की सेवा कर रहे हैं. पढ़ाई के अलावा विभिन्न मंचों पर जाकर छात्रों को नैतिक मूल्य, अनुशासन और पठन पाठन के अलावा अन्य गतिविधियों के प्रति डॉक्टर शास्त्री हमेशा जागरूक करते आए हैं. इन्होंने साल 1987 में बोहनी स्कूल से बतौर पीटीए अध्यापक अपने करियर की शुरुआत की थी.

केहरवीं गांव में पिता रोशन लाल और माता मनसा देवी के घर जन्मे डॉ. तिलक राज शास्त्री ने सैकड़ों छात्रों को देश निर्माण, संस्कार, सामाजिक विकास की राह दिखाई है. डॉ शास्त्री बीए बीएड, एमए हिंदी व संस्कृत, एमफिल व पीएचडी हैं.

वहीं, सीएचटी प्रोमिला देवी ने साल 2016 से ही प्री-प्राइमरी कक्षाएं स्कूल में शुरू कर दी थी. हालांकि सरकार ने इन कक्षाओं को 2018-19 में स्कूलों में शुरू किया है. प्रोमिला देवी नए 25 फरवरी 1984 को राजकीय प्राथमिक पाठशाला कोटला खंड बिझड़ी से बतौर शिक्षक शुरुआत की थी. उन्होंने स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बेहतरीन योगदान दिया है. प्रोमिला देवी जिला मुख्यालय के साथ लगते घिरथेड़ी गांव की रहने वाली हैं. उनके पति रणजीत सिंह जसवाल प्रदेश पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हैं.

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