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गुहला में प्राइवेट बस चालकों की मनमर्जी से स्कूली बच्चे और शिक्षक परेशान

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Published : Mar 8, 2021, 3:56 PM IST

गुहला चीका में स्कूली बच्चे व शिक्षक प्राइवेट बस चालकों की मनमर्जी का कहर झेल रहे हैं. प्राइवेट बस लेट आने से बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है.

guhla cheeka private bus operators problem
guhla cheeka private bus operators problem

कैथल/गुहला चीका: गुहला के आसपास के गांवों के बच्चे इन दिनों प्राइवेट बस चालकों की मनमानी से परेशान हैं. दरअसल, यहां एक स्कूल बनाया गया जो कि 3 से 4 गांवों का केंद्र होता है. जिसमें सरकार द्वारा दसवीं से बारहवीं तक की शिक्षा प्राप्ति हेतु उपाय तो किए गए, लेकिन शायद बच्चों को परिवहन सेवा देना भूल गए.

गुहला से खरका की ओर शिक्षा प्राप्त करने सैकड़ों की संख्या में बसों के माध्यम से बच्चे जाते हैं, लेकिन इन दिनों लॉकडाउन के बाद जब से स्कूल शुरू हुए हैं तब से बच्चे एक अजीब सी समस्या का सामना कर रहे हैं.

बच्चों का स्कूल का समय तो लॉकडाउन के दौरान बदल दिया गया था, लेकिन बस चालक अपनी मनमर्जीी करते हुए बसों को सही समय पर लेकर नहीं जाते जिसकी वजह से गुहला चीका से खरका की तरफ टीचर अपनी ड्यूटी से लेट हो जाते हैं और बच्चे अपने स्कूल के लिए लेट हो जाते हैं.

गुहला में प्राइवेट बस चालकों की मनमर्जी से स्कूली बच्चे और शिक्षक परेशान

ये भी पढ़ें- भारतीय युवाओं की बढ़ने लगी विदेशी भाषाओं में रूचि, शहर-शहर खुलने लगे हैं कोचिंग इंस्टिट्यूट

प्राइवेट बस चालकों की मनमर्जी के बारे में छात्रों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्राइवेट बस की वजह से हर रोज उनकी पढ़ाई खराब हो रही है क्योंकि वे स्कूल में लेट पहुंचते हैं. बस वाले जानबूझकर बसों को देरी से लाते हैं.

इस बारे में बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि बच्चे हर रोज स्कूलों में लेट पहुंचते जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई मेंं बाधा आती है. प्राइवेट बस चालक अपनी मनमर्जी करते हैं और बस सही समय पर नहीं पहुंचती.

वहीं इस बारे में जिला प्रधान प्राइवेट बस परिवहन अनिल कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी. अगर प्राइवेट बस मालिक व बस चालक फिर भी नहीं मानता तो इस बारे में जिला परिवहन अधिकारी को शिकायत कर दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: रेवाड़ी में महिलाओं के लिए स्पेशल बस सेवा शुरू

कैथल/गुहला चीका: गुहला के आसपास के गांवों के बच्चे इन दिनों प्राइवेट बस चालकों की मनमानी से परेशान हैं. दरअसल, यहां एक स्कूल बनाया गया जो कि 3 से 4 गांवों का केंद्र होता है. जिसमें सरकार द्वारा दसवीं से बारहवीं तक की शिक्षा प्राप्ति हेतु उपाय तो किए गए, लेकिन शायद बच्चों को परिवहन सेवा देना भूल गए.

गुहला से खरका की ओर शिक्षा प्राप्त करने सैकड़ों की संख्या में बसों के माध्यम से बच्चे जाते हैं, लेकिन इन दिनों लॉकडाउन के बाद जब से स्कूल शुरू हुए हैं तब से बच्चे एक अजीब सी समस्या का सामना कर रहे हैं.

बच्चों का स्कूल का समय तो लॉकडाउन के दौरान बदल दिया गया था, लेकिन बस चालक अपनी मनमर्जीी करते हुए बसों को सही समय पर लेकर नहीं जाते जिसकी वजह से गुहला चीका से खरका की तरफ टीचर अपनी ड्यूटी से लेट हो जाते हैं और बच्चे अपने स्कूल के लिए लेट हो जाते हैं.

गुहला में प्राइवेट बस चालकों की मनमर्जी से स्कूली बच्चे और शिक्षक परेशान

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प्राइवेट बस चालकों की मनमर्जी के बारे में छात्रों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्राइवेट बस की वजह से हर रोज उनकी पढ़ाई खराब हो रही है क्योंकि वे स्कूल में लेट पहुंचते हैं. बस वाले जानबूझकर बसों को देरी से लाते हैं.

इस बारे में बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि बच्चे हर रोज स्कूलों में लेट पहुंचते जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई मेंं बाधा आती है. प्राइवेट बस चालक अपनी मनमर्जी करते हैं और बस सही समय पर नहीं पहुंचती.

वहीं इस बारे में जिला प्रधान प्राइवेट बस परिवहन अनिल कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी. अगर प्राइवेट बस मालिक व बस चालक फिर भी नहीं मानता तो इस बारे में जिला परिवहन अधिकारी को शिकायत कर दी जाएगी.

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