पानीपत: हरियाणा के पानीपत स्थित शौर्य स्थल पर आयोजित 264वें शौर्य दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल हुए. पानीपत की तीसरी लड़ाई का प्रतीक काला अम्ब मराठियों के शौर्य का प्रतीक है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अफगान राजाओं के शासन काल में हम एक होते तो सेफ रहते. हम पर कोई शासन नहीं कर पाता. अभी भी हम एक नहीं हुए तो फिर से हम पर कोई और शासन कर लेगा.
रणभूमि का सौंदर्यीकरण करेगी सरकारः मुख्यमंत्री ने कहा कि ये साम्राज्य केवल मराठों का साम्राज्य नहीं था. केवल मराठा ही नहीं प्रत्येक हिंदुस्तान के नागरिक का स्वराज था. यहां हिंदूवादी स्वराज था. हर व्यक्ति यहां आने के लिए लालायित रहते हैं. इस रणभूमि का सौंदर्यीकरण भी करेंगे. यहां शिवाजी महाराज की स्मारक को भी स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये वीरों की भूमि है और इसकी माटी हमारे लिए पावन है.
मराठे युद्ध में हारे नहीं थेः लोग कहते हैं कि मराठे युद्ध में हारे. मराठे युद्ध में नहीं हारे, ये केवल एक मुहिम थी. इस मुहिम में हारे, उसके बाद लड़े, फिर खड़े हुए, लड़े, हारे और फिर खड़े हुए. इसी का परिणाम है कि दिल्ली का तख्ता पलट कर जीत हासिल हुई. साथ ही जिन वीरों को दुश्मनों ने मारा था, उनको तहस-नस करने का काम किया और हिंदूवादी साम्राज्य की स्थापना की. ये मराठों की ताकत थी. उन्होंने हिन्दूवादी साम्राज्य की स्थापना की. उन्होंने कहा कि पानीपत के काला अम्ब की धरती हम सभी के लिए पावन भूमि है.
छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा के लिए केंद्र से की जाएगी मांगः काला अम्ब, पानीपत की तीसरी लड़ाई का प्रतीक है. महाराष्ट्र और हरियाणा की सरकार के साथ दोनों प्रदेशों के लोग एकजुट हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि शौर्य दिवस पर हर साल महाराष्ट्र की सरकार कार्यक्रम का आयोजन करेगी. शौर्य स्थल के विकास में जमीन देने वाले किसानों का सीएम ने आभार व्यक्त किया. उन्होंने किसानों से कहा कि मार्ग में विस्तार के लिए पैसे की समस्या नहीं होगी. महाराष्ट्र की सरकार किसानों को पैसे देगी और भूमि लेगी. इस पावन भूमि पर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा होनी चाहिए. इसके लिए वो भारत सरकार से मांग करेंगे. इसके साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले शौर्य दिवस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी निमंत्रण देंगे.