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सुखना लेक के कैचमेंट एरिया में हर तरह के निर्माण पर HC ने लगाई रोक

सुखना लेक के कैचमेंट एरिया में जारी अवैध निमार्णों के मामले में हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कांसल में हर तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है.

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Published : Feb 5, 2019, 11:00 PM IST

चंडीगढ़ : सुखना लेक के कैचमेंट एरिया में जारी अवैध निमार्णों के मामले में हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कांसल में हर तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है. साथ ही वहां निर्माण कार्यों को ढहाये जाने पर भी हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए कहा कि इन आदेशों का सख्ती से पालन किया जाये.

जस्टिस एके. मित्तल व जस्टिस मंजरी नेहरू कॉल की खंडपीठ ने यह आदेश सुखना कैचमेंट एरिया और सुखना लेक के मामले में लिए गए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए हैं. सुनवाई के दौरान खरड़ के स्थानीय विधायक कंवर संधू भी मौजूद थे. संधू इस मामले में पहले ही पक्ष बनाये जाने कि मांग को लेकर अर्जी दायर कर चुके हैं और हाई कोर्ट ने उन्हें मामले में पक्ष बनाया हुआ है.

संधू ने कांसल में अवैध निर्माणों पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि कांसल में प्लांट कंस्ट्रक्शन पर अब तक सरकारों की भूमिका देखी जाये और यह तय किया जाये कि कांसल कैचमेंट एरिया में है या नहीं. इसके अलावा यहां के अवैध निर्माण और इन निमार्णों के लिए सरकार ने ही जो पहले रेगुलर किये जाने के आवेदन मांग लाखों की फीस जुटाई है उस पर गौर किया जाना जरुरी है. यहां के मास्टर प्लान में कांसल को रिहाइशी एरिया भी दिखाया गया है. वहीं इस पूरे एरिया पर एक विस्तृत नजरिए के तहत विकास की योजना पर गौर किये जाने का मुद्दा उठाया गया है.

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मंगलवार को सुनवाई के दौरान इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग कर रहे सीनियर एडवोकेट एमएल. सरीन ने एक बार फिर हाईकोर्ट को कहा कि कांसल सुखना कैचमेंट एरिया में है और यहां अब भी बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कार्य जारी है. जिन पर रोक लगाना बेहद ही जरुरी है.

हाई कोर्ट पहले ही यहां के निर्माण कार्यों पर रोक लगा चूका है. हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश जारी करते हुए कहा कि इस आदेश के जारी होते ही कांसल में हर तारक के निर्माण कार्य पर यथास्थिति बनाये रखी जाये और जिनके निर्माणों अवैध बता ढाह दिया जाए.

चंडीगढ़ : सुखना लेक के कैचमेंट एरिया में जारी अवैध निमार्णों के मामले में हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कांसल में हर तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है. साथ ही वहां निर्माण कार्यों को ढहाये जाने पर भी हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए कहा कि इन आदेशों का सख्ती से पालन किया जाये.

जस्टिस एके. मित्तल व जस्टिस मंजरी नेहरू कॉल की खंडपीठ ने यह आदेश सुखना कैचमेंट एरिया और सुखना लेक के मामले में लिए गए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए हैं. सुनवाई के दौरान खरड़ के स्थानीय विधायक कंवर संधू भी मौजूद थे. संधू इस मामले में पहले ही पक्ष बनाये जाने कि मांग को लेकर अर्जी दायर कर चुके हैं और हाई कोर्ट ने उन्हें मामले में पक्ष बनाया हुआ है.

संधू ने कांसल में अवैध निर्माणों पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि कांसल में प्लांट कंस्ट्रक्शन पर अब तक सरकारों की भूमिका देखी जाये और यह तय किया जाये कि कांसल कैचमेंट एरिया में है या नहीं. इसके अलावा यहां के अवैध निर्माण और इन निमार्णों के लिए सरकार ने ही जो पहले रेगुलर किये जाने के आवेदन मांग लाखों की फीस जुटाई है उस पर गौर किया जाना जरुरी है. यहां के मास्टर प्लान में कांसल को रिहाइशी एरिया भी दिखाया गया है. वहीं इस पूरे एरिया पर एक विस्तृत नजरिए के तहत विकास की योजना पर गौर किये जाने का मुद्दा उठाया गया है.

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मंगलवार को सुनवाई के दौरान इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग कर रहे सीनियर एडवोकेट एमएल. सरीन ने एक बार फिर हाईकोर्ट को कहा कि कांसल सुखना कैचमेंट एरिया में है और यहां अब भी बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कार्य जारी है. जिन पर रोक लगाना बेहद ही जरुरी है.

हाई कोर्ट पहले ही यहां के निर्माण कार्यों पर रोक लगा चूका है. हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश जारी करते हुए कहा कि इस आदेश के जारी होते ही कांसल में हर तारक के निर्माण कार्य पर यथास्थिति बनाये रखी जाये और जिनके निर्माणों अवैध बता ढाह दिया जाए.



सुखना लेक के कैचमेंट एरिया में हर तरह के निर्माण पर हाई कोर्ट की रोक

चंड़ीगढ़


सुखना लेक के कैचमेंट एरिया में जारी अवैध निमार्णों के मामले में हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कांसल में हर तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है  साथ ही वहीँ निर्माण कार्यों को ढहाए जाने पर भी हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए कहा कि हाई कोर्ट के इन आदेशों का सख्ती से पालन किया जाये।

जस्टिस ए.के. मित्तल एवं जस्टिस मंजरी नेहरू कॉल की खंडपीठ ने यह आदेश सुखना कैचमेंट एरिया और सुखना लेक के मामले में लिए गए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए हैं । सुनवाई के दौरान खरड़ के स्थानीय विधायक कंवर संधू भी मौजूद थे  ।संधू इस मामले में पहले ही पक्ष बनाये जाने कि मांग को लेकर अर्जी दायर कर चुके हैं और हाई कोर्ट ने उन्हें मामले में पक्ष बनाया हुआ है । संधू ने कांसल में अवैध निर्माणों पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि कांसल में प्लांड कंस्ट्रक्शन पर अब तक सरकारों की भूमिका देखी जाये और यह तय किया जाये कि कांसल कैचमेंट एरिया में है या नहीं। इसके अलावा यहाँ के अवैध निर्माण और इन निमार्णों के लिए सरकार ने ही जो पहले रेगुलर किये जाने के आवेदन मांग लाखों की फीस जुटाई है उस पर गौर किया जाना जरुरी है। यहाँ के मास्टर प्लान में कांसल को रिहाइशी एरिया भी दिखाया गया है, वहीँ इस पुरे एरिया पर एक विस्तृत नजरिये के तहत विकास की योजना पर गौर किये जाने का मुद्दा उठाया गया है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग कर रहे सीनियर एडवोकेट एम.एल. सरीन ने एक बार फिर हाई कोर्ट को कहा कि कांसल सुखना कैचमेंट एरिया में है और यहाँ अब भी बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कार्य जारी है  जिन पर रोक लगाई जानी बेहद ही जरुरी है  हाई कोर्ट पहले ही यहाँ के निर्माण कार्यों पर रोक लगा चूका है  हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश जारी करते हुए कहा कि इस आदेश के जारी होते ही कांसल में हर तारक के निर्माण कार्य पर यथास्थिति बनाये रखी जाये और जिनके निर्माणों अवैध बता ढहाए जाने की कार्यवाही शुरू की जा रही हैं उस पर हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई पर रोक लगा दी है।


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