चंडीगढ़: हरियाणा में इस बार सत्ता की लड़ाई बेहद रोमांचक है. कांग्रेस जहां उत्साह से भरी है तो वहीं बीजेपी हैट्रिक की चिंता में है. हलांकि दोनों दलों के बीच मुकाबला बेहद कड़ा है. कई ऐसी सीटें हैं जहां दिग्गज नेता कड़े मुकाबले में फंसे हैं. इनमें सीएम नायब सैनी का नाम भी शामिल बताया जा रहा है. कई सीटों पर निर्दीलय उम्मीदवार मुकाबले को दिलचस्प बनाये हुए हैं.
लाडवा सीट सीएम नायब सैनी खतरे में!
कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से मुख्यमंत्री नायब सैनी चुनाव लड़ रहे हैं. राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि सैनी के लिए जीत आसान नहीं है बल्कि वो बेहद कड़े मुकाबले में फंसे हैं. कांग्रेस के मौजूदा विधायक मेवा सिंह उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं, वहीं बीजेपी के बागी संदीप गर्ग निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उनके लिए मुसीबत बने हुए हैं. सीएम सैनी त्रिकोणीय मुकाबले में हैं, इसलिए उनकी जीत पक्की नहीं कही जा सकती.
सरकार विरोधी लहर में फंसे दुष्यंत चौटाला
हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सरकार विरोधी लहर में फंसे हुए हैं. इलाके में उनका जबरदस्त विरोध देखा गया है. 5 साल सत्ता में रहने के लिए भी लोग उनसे नाराज बताये जा रहे हैं. राजनीतिक एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र के सामने वो कमजोर स्थिति में हैं.
बंसीलाल के पोते-पोती में कड़ा मुकाबला
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता बंसीलाल के पोते और पेती के बीच मुकाबला चर्चा का विषय बना हुआ है. भिवानी की तोशाम सीट पर श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी के बीच कड़ा मुकाबला है. हलांकि पिछले चुनाव में यहां से श्रुति की मां किरण चौधरी कांग्रेस से जीती थीं लेकिन इस बार वो बीजेपी से चुनाव लड़ रही हैं. इसलिए सत्ता विरोधी लहर के चलते श्रुति को अनिरुद्ध से कड़ी चुनौती मिल रही है.
देवीलाल परिवार के सदस्य आमने-सामने
सिरसा की रानियां सीट प्रदेश की हॉट सीटों में शामिल है. यहां से देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला और पोते अर्जुन चौटाला आमने सामने हैं. रणजीत जहां निर्दीलय हैं वहीं अर्जुन इनेलो से मैदान में हैं. पिछला चुनाव रणजीत चौटाला ने जीता था लेकिन लोकसभा चुनाव हारने और बीजेपी के साथ जाने के बाद उनकी स्थिति इस बार उतनी मजबूत नहीं है. उनकी जीत इस बार आसान नहीं.
अटेली सीट राव इंद्रजीत की साख दांव पर
अटेली सीट से इस बार बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को टिकट दिया है. लेकिन आरती राव भी कड़े मुकाबले का सामना कर रही हैं. उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधायक अनीता यादव कड़ी टक्कर दे रही हैं. अनीता की क्षेत्र में अच्छी पहचान हैं. वहीं 2014 में बीजेपी की विधायक रहीं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव नाराज हैं. वो प्रचार के लिए नहीं निकलीं. इसलिए आरती राव के लिए ये जीत एकदम आसान नहीं हैं.
हिसार में बीजेपी के मंत्री और सावित्री जिंदल की साख दांव पर
हिसार सीट पर चुनाव सामान्य था लेकिन मशहूर उद्योगपति सावित्री जिंदल ने निर्दलीय उतरकर मुकाबले में रोमांच पैदा कर दिया. यहां से बीजेपी के कमल गुप्ता मैदान में हैं तो बीजेपी की बागी सावित्री जिंदल उन्हें टक्कर दे रही हैं. सावित्री यहां से विधायक रह चुकी हैं. इसीलिए उनकी इलाके में अच्छी पकड़ा है. मंत्री कमल गुप्ता की जीत आसान नहीं लग रही. वहीं सावित्री जिंदल भले खुद ना जीते लेकिन बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. कांग्रेस से रामनिवास रारा प्रत्याशी हैं.
दिग्विजय चौटाला डबवाली में फंसे
प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक डबवाली सीट पर देवीलाल परिवार के दो सदस्यों की किस्मत दांव पर है. एक तरफ जेजेपी के दिग्विजय चौटाला हैं तो तूसरी तरफ अमित सिहाग, वहीं इनेलो से आदित्य चौटाला भी मैदान में हैं. दिग्विजय चौटाला इससे पहले जींद उपचुनाव और सोनीपत लोकसभा चुनाव हार चुके हैं. मौजूदा विधायक अमित सिहाग के सामने दिग्विजय की जीत आसान नहीं है.