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बिना पेड़ काटे लकड़ी की प्लाई तैयार, खजूर के पत्तों से बनी प्लाई देगी घरों के इंटीरियर को नया लुक - Ins Outs Fest Chandigarh

चंडीगढ़ में आयोजित इन्स आउट्स फेस्ट में डेजर्ट बोर्ड की प्रदर्शनी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. दरअसल, यह एक लकड़ी के प्लाई बोर्ड की प्रदर्शनी थी, जिसे बिना किसी पेड़ काटे बनाया गया था. प्रदर्शनी में इसे सबसे आधुनिक डिजाइनर इंटीरियर माना गया. डेजर्ट ब्रॉड ने खजूर के पेड़ों के पत्तों का इस्तेमाल कर लकड़ी की प्लाई तैयार की है.

WOODEN PLY WITHOUT CUTTING TREES
बिना पेड़ काटे लकड़ी की प्लाई तैयार (Etv Bharat Chandigarh)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 17, 2024, 3:49 PM IST

इन्स आउट्स फेस्ट चंडीगढ़ (ETV Bharat CHANDIGARH)

चंडीगढ़: शहर में करवाए गए इन्स आउट्स फेस्ट में आर्किटेक्चर और इंटीरियर बनाने वाली कंपनियों ने प्रदर्शनी लगाई थी. इनमें डेजर्ट बोर्ड की ओर से लगाई गई बिना पेड़ काटे लकड़ी के प्लाई बोर्ड वाली प्रदर्शनी को सबसे आधुनिक डिजाइनर इंटीरियर माना गया. इस प्लाई को पाम स्टैंड बोर्ड कहा जाता है, जिसमें शून्य फॉर्मेल्डिहाइड इस्तेमाल किया गया है. जिससे फर्नीचर, घरों के दरवाजे और खिड़कियां बनाई जाती हैं. वहीं, यह घर के हर इंटीरियर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. ईटीवी भारत ने डेजर्ट बोर्ड कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एच एस बेदी से इस संबंध में खास बातचीत की है.

2020 में शुरू हुआ था चलन : चार दिनों तक चलने वाले इन्स आउट्स फेस्ट में जहां दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल व देश के अन्य कोने से आई आर्किटेक्चर और इंटीरियर डिजाइनिंग की कंपनियों ने प्रदर्शनी लगाई थी. वहीं, डेजर्ट बोर्ड की प्रदर्शनी अपने आप में अद्भुत थी. इनकी ओर से पेड़ों को काटे बिना लकड़ी का फर्नीचर दिखाया गया. डेजर्ट ब्रॉड ने खजूर के पेड़ों के पत्तों का इस्तेमाल कर लकड़ी की प्लाई तैयार की है. इस कंपनी की ओर से इस तरह की लकड़ी का चलन 2020 में भारत में लाया गया था.

इसे भी पढ़ें : साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग के सचिव नौटियाल बोले- 'ज्यादा पेड़ लगाकर चंडीगढ़ को बनाएं सिटी ब्यूटीफुल'

वापस रिसाइकल किया जा सकता है : डेजर्ट बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एच एस बेदी ने बताया कि खजूर के पत्तों से बनी लकड़ी निर्माण उद्योग में CO2 उत्सर्जन में महत्वपूर्ण योगदान देती है. खजूर के पेड़ के कचरे को रिसाइकिल करके अक्सर जला दिया जाता है. वहीं स्थानीय रूप से निर्मित जैव आधारित फॉर्मेल्डिहाइड को मुक्त करके इस लकड़ी से टिकाऊ तौर पर स्टैंडर्ड बोर्ड तैयार किया जाता है. इन बोर्ड को उनके जीवन काल के अंत में फिर से रिसाइकल किया जा सकता है. डेजर्ट बोर्ड पेटेंट टेक्निक का इस्तेमाल करते हुए पर्यावरण को भी संरक्षण देने के प्रयास का समर्थन करता है. इसके साथ ही भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए इस तरह के आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें : पौधों से प्यार ने बदली किस्मत, चंडीगढ़ की एकता गुप्ता ने 30 महिलाओं को दिलाया रोजगार - Chandigarh Vertical Garden

कारोबारी कराने लगे बुकिंग : डायरेक्टर एच एस बेदी ने बताया कि इन बोर्ड का इस्तेमाल दीवारों व घरों में इस्तेमाल होने वाले फर्नीचर के तौर पर किया जाता है. उन्हें भारत में कमर्शियल सेक्टर में काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. ज्यादातर आर्किटेक्चर और इंटीरियर बनाने वाली कंपनियां इसे टेबल, रिसेप्शन टेबल और दीवारों पर होने वाली इंटीरियर डिजाइनिंग के लिए इस्तेमाल करती है. चार दिन तक चलने वाले इन्स आउट्स में जहां उन्हें लोगों से उनके प्रोडक्ट को लेकर प्रोत्साहन मिला है. वहीं छोटे कारोबारी और स्थानीय लोगों की ओर से इन बोर्ड से बनने वाली चीजों के लिए बुकिंग कराई गई है. उन्होंने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में हमें लोगों से भरपूर प्रतिक्रिया मिली है. वहीं हमें उन्हें इस संबंध में अक्टूबर तक का समय देना पड़ा है.

इन्स आउट्स फेस्ट चंडीगढ़ (ETV Bharat CHANDIGARH)

चंडीगढ़: शहर में करवाए गए इन्स आउट्स फेस्ट में आर्किटेक्चर और इंटीरियर बनाने वाली कंपनियों ने प्रदर्शनी लगाई थी. इनमें डेजर्ट बोर्ड की ओर से लगाई गई बिना पेड़ काटे लकड़ी के प्लाई बोर्ड वाली प्रदर्शनी को सबसे आधुनिक डिजाइनर इंटीरियर माना गया. इस प्लाई को पाम स्टैंड बोर्ड कहा जाता है, जिसमें शून्य फॉर्मेल्डिहाइड इस्तेमाल किया गया है. जिससे फर्नीचर, घरों के दरवाजे और खिड़कियां बनाई जाती हैं. वहीं, यह घर के हर इंटीरियर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. ईटीवी भारत ने डेजर्ट बोर्ड कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एच एस बेदी से इस संबंध में खास बातचीत की है.

2020 में शुरू हुआ था चलन : चार दिनों तक चलने वाले इन्स आउट्स फेस्ट में जहां दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल व देश के अन्य कोने से आई आर्किटेक्चर और इंटीरियर डिजाइनिंग की कंपनियों ने प्रदर्शनी लगाई थी. वहीं, डेजर्ट बोर्ड की प्रदर्शनी अपने आप में अद्भुत थी. इनकी ओर से पेड़ों को काटे बिना लकड़ी का फर्नीचर दिखाया गया. डेजर्ट ब्रॉड ने खजूर के पेड़ों के पत्तों का इस्तेमाल कर लकड़ी की प्लाई तैयार की है. इस कंपनी की ओर से इस तरह की लकड़ी का चलन 2020 में भारत में लाया गया था.

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वापस रिसाइकल किया जा सकता है : डेजर्ट बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एच एस बेदी ने बताया कि खजूर के पत्तों से बनी लकड़ी निर्माण उद्योग में CO2 उत्सर्जन में महत्वपूर्ण योगदान देती है. खजूर के पेड़ के कचरे को रिसाइकिल करके अक्सर जला दिया जाता है. वहीं स्थानीय रूप से निर्मित जैव आधारित फॉर्मेल्डिहाइड को मुक्त करके इस लकड़ी से टिकाऊ तौर पर स्टैंडर्ड बोर्ड तैयार किया जाता है. इन बोर्ड को उनके जीवन काल के अंत में फिर से रिसाइकल किया जा सकता है. डेजर्ट बोर्ड पेटेंट टेक्निक का इस्तेमाल करते हुए पर्यावरण को भी संरक्षण देने के प्रयास का समर्थन करता है. इसके साथ ही भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए इस तरह के आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है.

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कारोबारी कराने लगे बुकिंग : डायरेक्टर एच एस बेदी ने बताया कि इन बोर्ड का इस्तेमाल दीवारों व घरों में इस्तेमाल होने वाले फर्नीचर के तौर पर किया जाता है. उन्हें भारत में कमर्शियल सेक्टर में काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. ज्यादातर आर्किटेक्चर और इंटीरियर बनाने वाली कंपनियां इसे टेबल, रिसेप्शन टेबल और दीवारों पर होने वाली इंटीरियर डिजाइनिंग के लिए इस्तेमाल करती है. चार दिन तक चलने वाले इन्स आउट्स में जहां उन्हें लोगों से उनके प्रोडक्ट को लेकर प्रोत्साहन मिला है. वहीं छोटे कारोबारी और स्थानीय लोगों की ओर से इन बोर्ड से बनने वाली चीजों के लिए बुकिंग कराई गई है. उन्होंने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में हमें लोगों से भरपूर प्रतिक्रिया मिली है. वहीं हमें उन्हें इस संबंध में अक्टूबर तक का समय देना पड़ा है.

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