करनाल: पिछले दिनों हरियाणा के करनाल में हुई लाठीचार्ज (Kisan Lathi Charge) और किसान की मौत के बाद से ही सरकार और किसान आमने-सामने हैं. किसानों द्वारा सरकार को दिया गया अल्टीमेटम (Ultimatum to Government) आज पूरा हो रहा है. इसके बाद 7 सितम्बर यानि मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) किसानों के साथ मिलकर करनाल में महापंचायत (Karnal Mahapanchayat) करेगा. इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने एक वीडियो भी जारी किया है.
इससे पहले सोमवार को किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी की करनाल प्रशासन के साथ वार्ता विफल हो गई. जिसके बाद किसानों की घोषणा के मुताबिक, कल किसान करनाल स्थित अनाज मंडी में महापंचायत कर जिला सचिवालय का घेराव करेंगे. उपायुक्त निशान्त यादव ने संवेदनशील मामले के मद्देनजर 5 सितम्बर से 7 सितम्बर तक करनाल में धारा 144 लगा दी है. इसके अलावा आज यानि सोमवार रात 12 बजे से करनाल जिले में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी.
गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने वीडियो जारी कर समर्थकों से अपील की है कि 7 सितम्बर यानि मंगलवार को सुबह 10 बजे हरियाणा के किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में करनाल की नई अनाज मंडी में पहुंचे. जहां पर इकट्ठे होकर लघु सचिवालय का घेराव किया जाएगा. किसान नेताओं के हौसले अब पहले से ज्यादा बुलंद हो गए हैं, रविवार को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इसलिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब किसान नेता ऐसी पंचायतें कर रहे हैं और घेराव करने की धमकी दे रहे हैं.
करनाल जिला प्रशासन भी लघु सचिवालय के घेराव को लेकर पूरी तरह से अलर्ट पर है. रविवार शाम से ही करनाल में धारा 144 लगाई हुई है और प्रशासन ने कहा था कि किसी भी हालत में लघु सचिवालय का घेराव नहीं होने देंगे. अब देखना होगा कि किसान लघु सचिवालय का घेराव कर पाते हैं नहीं.
इससे पहले करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से ही किसान और सरकार आमने-सामने है. किसानों ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज में गलत किया है, इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.
तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है. अगर 6 सितंबर तक सरकार ने बात नहीं मानी तो 7 सितंबर को पूरे हरियाणा के किसान करनाल में पहुंचेंगे और लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.
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