ETV Bharat / health

माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी का करिश्मा: डॉक्टर्स जोड़ रहे पूरी तरह से कटे हुए अंग, रीइम्प्लांटेशन के लिए अपनाएं बस ये सावधानी

माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी से पूरी तरह से कटे हुए अंगों को 80 प्रतिशत सफल तरीकों से रीइम्प्लांटेशन किया जा रहा है. पेश है खास रिपोर्ट.

AMPUTATED LIMBS REIMPLANTATION
माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी का करिश्मा (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 6 hours ago

Updated : 4 hours ago

चंडीगढ़: अक्सर किसी दुर्घटना के चलते शरीर के अंग कट जाने से जहां व्यक्ति को उम्र भर उस अंग के काटने का अफसोस होता था, वहीं आज आधुनिक दौर में प्लास्टिक एंड मस्कुलर सर्जरी की मदद से कटे हुए अंगों को जोड़ने और फिर से उसे सामान्य रूप देने वाली तकनीक आ चुकी है. इस तकनीक के माहिर एक्सपर्ट डॉक्टर विशाल गौतम और अखिल गर्ग की टीम मिलकर विशेष केस पर काम करती आ रही है. कैसे इस तकनीक से शरीर के कटे अंग को जोड़ा जाता है, इसके लिए अहम जानकारी के साथ ईटीवी भारत से डॉक्टर विशाल गौतम और डॉ. अखिल गर्ग ने खास बातचीत की है.

चंडीगढ़ में ये अस्पताल कर रहा रीइम्प्लांटेशन : शरीर के अंग का पूरी तरह से कट जाना और फिर से जोड़ने के लिए आज के समय में एक जटिल माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी सफलतापूर्वक ईजाद हो चुकी है. यह उन लोगों के लिए आशा की किरण है, जो दुर्घटनाओं के कारण ऐसी स्थिति का सामना करते हैं. प्लास्टिक और माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. अखिल गर्ग और हाथ सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. विशाल गौतम के नेतृत्व में ट्राई सिटी के जाने माने अस्पताल फोर्टिस मोहाली की टीम रीइम्प्लांटेशन सर्जरी करती आ रही है, जिससे न जाने कितने ही लोगों को नया जीवन मिला है.

माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी का करिश्मा (Etv Bharat)

रक्त प्रवाह शुरू किया जाता है: डॉ. अखिल गर्ग और डॉ. विशाल गौतम ने माइक्रो वैस्कुलर रीइम्प्लांटेशन सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रीइम्प्लांटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें रोगी के शरीर के पूरी तरह से कटे हुए हिस्से को फिर से जोड़ा जाता है और उसके रक्त प्रवाह को बहाल किया जाता है.

डॉक्टर ने सुनाया किस्सा : उन्होंने बताया कि हाल ही में एक 28 वर्षीय मरीज की दो अंगुलियां बाइक की चेन में फंसने से कट गई थी, जिसमें से एक अंगुली तो पूरी तरह सड़ गई थी, लेकिन मरीज दूसरी अंगुली लेकर जब 3-4 घंटों के भीतर हमारे पास आया तो उसे तत्काल सहायता दी गई, और उसकी अंगुली लगाई गई. आज मरीज खुश है और सामान्य जीवन जी रहा है. इससे पहले वो 1-2 हॉस्पिटल में मदद के लिए गया था, लेकिन कोई भी डॉक्टर उसकी अंगुली नहीं जोड़ सका.

8 घंटोंं के भीतर डॉक्टर्स के पास लाएं अंग : डॉ. अखिल ने बताया कि माइक्रोस्कोपिक मैग्निफिकेशन के तहत सर्जनों ने सावधानीपूर्वक कटी हुई उंगली की हड्डी, नसों, टेंडन और त्वचा को फिर से जोड़ दिया. माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी के माध्यम से रक्त प्रवाह को बहाल किया गया, जिसमें छोटी रक्त वाहिकाओं की मरम्मत शामिल थी. सर्जरी पांच घंटे तक चली और मरीज को आसानी से दर्द रहित स्वास्थ्य लाभ हुआ. चार दिनों के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई. उन्होंने बताया कि कटे हुए अंग को 8 घंटों के भीतर मरीज हमारे पास लाए तो सर्जरी की सफलता के चांस बढ़ जाते हैं. इसके लिए अंग पर बर्फ रखकर प्लास्टिक की थैली में मरीज यहां तक लाएं.

इसे भी पढ़ें : बगैर डिग्री कर डाली आंखों की 44 सर्जरी, खुला राज तो कहा- "जल्द मिल जाएगी डिग्री"

चंडीगढ़: अक्सर किसी दुर्घटना के चलते शरीर के अंग कट जाने से जहां व्यक्ति को उम्र भर उस अंग के काटने का अफसोस होता था, वहीं आज आधुनिक दौर में प्लास्टिक एंड मस्कुलर सर्जरी की मदद से कटे हुए अंगों को जोड़ने और फिर से उसे सामान्य रूप देने वाली तकनीक आ चुकी है. इस तकनीक के माहिर एक्सपर्ट डॉक्टर विशाल गौतम और अखिल गर्ग की टीम मिलकर विशेष केस पर काम करती आ रही है. कैसे इस तकनीक से शरीर के कटे अंग को जोड़ा जाता है, इसके लिए अहम जानकारी के साथ ईटीवी भारत से डॉक्टर विशाल गौतम और डॉ. अखिल गर्ग ने खास बातचीत की है.

चंडीगढ़ में ये अस्पताल कर रहा रीइम्प्लांटेशन : शरीर के अंग का पूरी तरह से कट जाना और फिर से जोड़ने के लिए आज के समय में एक जटिल माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी सफलतापूर्वक ईजाद हो चुकी है. यह उन लोगों के लिए आशा की किरण है, जो दुर्घटनाओं के कारण ऐसी स्थिति का सामना करते हैं. प्लास्टिक और माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. अखिल गर्ग और हाथ सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. विशाल गौतम के नेतृत्व में ट्राई सिटी के जाने माने अस्पताल फोर्टिस मोहाली की टीम रीइम्प्लांटेशन सर्जरी करती आ रही है, जिससे न जाने कितने ही लोगों को नया जीवन मिला है.

माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी का करिश्मा (Etv Bharat)

रक्त प्रवाह शुरू किया जाता है: डॉ. अखिल गर्ग और डॉ. विशाल गौतम ने माइक्रो वैस्कुलर रीइम्प्लांटेशन सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रीइम्प्लांटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें रोगी के शरीर के पूरी तरह से कटे हुए हिस्से को फिर से जोड़ा जाता है और उसके रक्त प्रवाह को बहाल किया जाता है.

डॉक्टर ने सुनाया किस्सा : उन्होंने बताया कि हाल ही में एक 28 वर्षीय मरीज की दो अंगुलियां बाइक की चेन में फंसने से कट गई थी, जिसमें से एक अंगुली तो पूरी तरह सड़ गई थी, लेकिन मरीज दूसरी अंगुली लेकर जब 3-4 घंटों के भीतर हमारे पास आया तो उसे तत्काल सहायता दी गई, और उसकी अंगुली लगाई गई. आज मरीज खुश है और सामान्य जीवन जी रहा है. इससे पहले वो 1-2 हॉस्पिटल में मदद के लिए गया था, लेकिन कोई भी डॉक्टर उसकी अंगुली नहीं जोड़ सका.

8 घंटोंं के भीतर डॉक्टर्स के पास लाएं अंग : डॉ. अखिल ने बताया कि माइक्रोस्कोपिक मैग्निफिकेशन के तहत सर्जनों ने सावधानीपूर्वक कटी हुई उंगली की हड्डी, नसों, टेंडन और त्वचा को फिर से जोड़ दिया. माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी के माध्यम से रक्त प्रवाह को बहाल किया गया, जिसमें छोटी रक्त वाहिकाओं की मरम्मत शामिल थी. सर्जरी पांच घंटे तक चली और मरीज को आसानी से दर्द रहित स्वास्थ्य लाभ हुआ. चार दिनों के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई. उन्होंने बताया कि कटे हुए अंग को 8 घंटों के भीतर मरीज हमारे पास लाए तो सर्जरी की सफलता के चांस बढ़ जाते हैं. इसके लिए अंग पर बर्फ रखकर प्लास्टिक की थैली में मरीज यहां तक लाएं.

इसे भी पढ़ें : बगैर डिग्री कर डाली आंखों की 44 सर्जरी, खुला राज तो कहा- "जल्द मिल जाएगी डिग्री"

Last Updated : 4 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.