रक्षा सेवा विधेयक पारित, विपक्ष बोला- ड्रैकोनियन कानून, सरकार ने दिया जवाब

🎬 Watch Now: Feature Video

thumbnail
लोक सभा ने 'अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021' को मंजूरी दे दी. हालांकि, इस विधेयक का पुरजोर विरोध भी हुआ. विधेयक पेश किए जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि यह विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लाया गया है. इसका मकसद यह है कि हथियारों एवं गोला-बारूद की आपूर्ति में बाधा नहीं आए. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार आयुध कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना चाहती है. उन्होंने कहा, सदन नहीं चल रहा है तो इस तरह का विधेयक पारित नहीं होना चाहिए. हम चाहते हैं कि पेगासस मामले पर चर्चा हो और फिर सभी मुद्दों पर चर्चा हो. तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने भी विधेयक का विरोध किया. इसके अलावा रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन के प्रेमचंद्रन ने अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021 को पेश किये जाने का विरोध करते हुए कहा कि इसमें कर्मचारियों की हड़ताल रोकने का प्रावधान है जो संविधान में मिला मौलिक अधिकार है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक कामगार वर्ग के लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त करने वाला है और सदन में व्यवस्था नहीं होने पर इस विधेयक को पेश नहीं कराया जाना चाहिए. विरोध के बावजूद निचले सदन ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही 'अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021' को मंजूरी दे दी. विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि देश की रक्षा तैयारियों के लिये सशस्त्र बलों को आयुध मदों की निर्बाध आपूर्ति बनाये रखना और आयुध कारखानों का बिना किसी व्यवधान के कार्य जारी रखना अनिवार्य है. रक्षा से संबद्ध सभी संस्थानों में अनिवार्य रक्षा सेवाओं के अनुरक्षण को सुनिश्चित करने के लिये लोकहित में या भारत की सम्प्रभुता और अखंडता या किसी राज्य की सुरक्षा या शिष्टता या नैतिकता के हित में सरकार के पास शक्तियां होनी चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

author-img

...view details

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.