चीन सीमा पर बिछी बर्फ की चादर, जम गए पेयजल स्रोत
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उत्तराखंड के ऊंचाई वाले जनपदों में बर्फबारी शुरू हो गई है, जिससे निचले इलाकों में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. चाइना बॉर्डर के करीब गुंजी में 2 फीट तक बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है. बता दें कि इस सीजन में गुंजी में पांचवीं बार बर्फबारी हुई है. बर्फबारी होने से बॉर्डर की सुरक्षा पर तैनात सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवानों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यही नहीं, लिपुलेख रोड बनाने में जुटे बीआरओ के कर्मियों को भी परेशानी हो रही है. गुंजी तकरीबन 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बसा है. पिथौरागढ़ जिले की माइग्रेशन वाली दारमा और व्यास घाटी में बीती रात से ही बर्फबारी हो रही है. दारमा घाटी के ढाकर गांव के साथ ही व्यास घाटी का गुंजी गांव बर्फ की सफेद चादर में लिपट गया है. बर्फबारी के कारण चीन सीमा को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग भी बंद हो गया है. हालात ये हैं कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पेयजल स्रोत भी जम गए हैं. ऐसे में लोगों को पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है. बर्फबारी और ठंड अधिक होने से स्थानीय लोगों के साथ ही चीन सीमा की सुरक्षा में लगे जवानों को भी दिक्कतें हो रही है. वहीं, जिले के निचले इलाकों में हल्की बारिश हो रही है.