सर्दी के मौसम में वातावरण में नमी की कमी और उसके त्वचा पर प्रभाव के चलते आमतौर पर लोगों में कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं देखने में आती है. जो कई बार ध्यान ना देने पर परेशानियों के बढ़ने का कारण भी बन जाती हैं. इस मौसम में कौन-कौन सी त्वचा संबंधी समस्याएं ज्यादा परेशान करती हैं और कैसे समस्याओं से बचाव तथा उनसे निवारण संभव है, आइए जानने की कोशिश करते हैं....
सर्दियों में कैसे बचें
सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही ऐसे इलाकों में जहां ठंड का प्रभाव ज्यादा रहता है, लोगों में त्वचा संबंधी समस्याओं के मामले बढ़ने शुरू हो जाते हैं. इस मौसम में दरअसल वातावरण में नमी की कमी, ठंडी शुष्क हवाएं, ऊनी या ज्यादा गरम सिंथेटिक कपड़ों में लगातार स्पर्श में रहने तथा धूप में या तो कम या बहुत ज्यादा समय बिताने सहित कई अन्य कारणों से भी लोगों में कई तरह की आम , जटिल तथा एलर्जी जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं.
सर्दी के मौसम में त्वचा से जुड़ी कौन-कौन सी समस्याएं ज्यादा परेशान करती हैं. ये कभी कभी ज्यादा गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं.उनसे बचाव कैसे संभव है, इस बारे में ज्यादा जानने के लिए ETV भारत सुखीभवा ने उत्तराखंड की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर आशा सकलानी से बात की और जानने की कोशिश की.....
कौन सी समस्याएं हैं होती हैं अक्सर
डॉ आशा बताती हैं कि सर्दी के मौसम में सिर्फ वातावरण में नमी की कमी के त्वचा पर प्रभाव के कारण ही नहीं बल्कि और भी कई कारणों से त्वचा संबंधी समस्याओं के मामले काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं. वातावरण में नमी कि कमी के अलावा प्रदूषण, खानपान में लापरवाही, त्वचा की देखभाल में कमी , धूप की कमी या कई बार उसकी अधिकता, तो कई बार किसी जटिल रोग के प्रभाव सहित कई कारक होते हैं, जो लोगों में त्वचा संबंधी रोगों के होने या किसी जटिल त्वचा संबंधी रोग के बढ़ने का कारण बन सकते हैं.
सर्दी के मौसम में त्वचा संबंधी जो समस्याएं सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं....
शुष्क त्वचा
डॉक्टर आशा सकलानी बताती हैं कि सर्दी के मौसम में त्वचा की खुश्की एक समस्या ही बन जाती है , जिसका ध्यान रखना तथा जिसका निवारण करना बेहद जरूरी होता है अन्यथा यह कई अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है. सर्दी में वातावरण में तो नमी की कमी हो ही जाती है साथ ही ज्यादातर लोग इस मौसम में पानी भी कम पीते हैं ऐसे में त्वचा में भी नमी की कमी होने लगती है. जिसका प्रभाव त्वचा पर बहुत ज्यादा खुश्की के रूप में नजर आ सकता है. कई बार त्वचा की खुश्की इतनी ज्यादा बढ़ जाती है की त्वचा फटने लगती है और उसमें पड़ी दरारों से खून भी आ सकता है. वहीं ज्यादा खुश्की के चलते ही कई बार त्वचा के कुछ हिस्सों का रंग भी बदलने लगता है या उन पर ड्राई पैच बनने लगते हैं. ज्यादा खुश्की होने पर आमतौर पर त्वचा में बहुत ज्यादा खुजली भी होने लगती है. जिसके कारण कई बार त्वचा पर घाव भी होने लगते हैं. त्वचा में नमी की कमी के कारण बहुत से लोगों में सर्दी के मौसम में होठों के फटने की समस्या भी नजर आती है .
विंटर स्किन रैश
सर्द हवाओं के प्रभाव के कारण इस मौसम में कई लोगों में स्किन रैश की समस्या देखने में आती है. स्किन रैश होने पर त्वचा में ज्यादातर मामलों में त्वचा पर ड्राई पैच, उनमें जलन, दर्द तथा खुजली जैसे लक्षण नजर आते हैं. लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि इस समस्या को अनदेखा किया जाए तो कई बार त्वचा में एग्जिमा तथा सोरायसिस सहित कुछ अन्य त्वचा रोगों के प्रभाव बढ़ने या उनके ट्रिगर होने का खतरा बढ़ जाता है.
एक्ने की समस्या
सर्दी के मौसम में विशेष तौर पर तैलीय या ज्यादा संवेदनशील त्वचा वाले लोगों में एक्ने की समस्या नजर आती है. दरअसल इस मौसम में त्वचा में नमी की कमी होने पर उसकी ऊपरी परत सूखने लगती है. ऐसे में जब त्वचा से मृत त्वचा नहीं हटाई जाती है तो यह त्वचा के रोम छिद्र बंद होने का कारण बन सकती है. वहीं तैलीय त्वचा वालों में यह समस्या ज्यादा बढ़ सकती है , जिसके कारण त्वचा पर दानों और मुंहासों की समस्या बढ़ने लगती है.
हाथों और पैरों की उंगलियों पर दाने या सूजन
सर्दी के मौसम में हमारी त्वचा बेहद संवेदनशील हो जाती है और कई बार ज्यादा ठंडे इलाकों में लोगों में नसों में सिकुड़न की समस्या भी होने लगती है. ऐसे में कई लोगों को हाथों विशेषकर पैरों की उंगलियों की त्वचा पर जलन व दर्द वाले दानों की समस्या हो सकती है.
सोरायसिस
सोरायसिस दरअसल एक ऑटोइम्यून समस्या है जिसके चलते हमारी त्वचा भी प्रभावित होने लगती है. इस समस्या में शरीर के कुछ हिस्सों की त्वचा मोटी सूजन भरी तथा लाल हो जाती है. सर्दी के मौसम में त्वचा में नमी की कमी के कारण यह समस्या ज्यादा बढ़ सकती है.
डॉक्टर आशा सकलानी बताती हैं कि इनके अलावा भी सर्दियों के मौसम में स्केबीज, दाद, जेरोसिस, स्किन पैच तथा सिर की त्वचा में खुश्की, रूसी तथा कई अन्य तरह की समस्याएं आम तौर पर देखी जाती हैं.
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क्या हैं बचाव के तरीके
डॉक्टर आशा सकलानी बताती हैं कि सर्दी में मौसम में वातावरण में नमी की कमी को रोकना तो संभव नहीं है लेकिन उसका प्रभाव त्वचा को ज्यादा प्रभावित ना कर पाए तथा सर्दी के मौसम में होने वाली अन्य समस्याओं से त्वचा सुरक्षित रह सके इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना काफी फायदेमंद हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.....
- सर्दी के मौसम में ज्यादा तला भुना मसालेदार तथा गरिष्ठ भोजन खाने की बजाय हरी सब्जियों, फलों तथा सूखे मेवों युक्त आहार का सेवन करना चाहिए. यह हमारे शरीर में पोषक तत्वों की जरूरत को तो पूरा करता ही है, साथ ही पाचन तंत्र को स्वस्थ व दुरुस्त रखने का कार्य भी करते हैं. इससे प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से त्वचा संबंधी रोगों में काफी राहत मिल सकती है.
- सर्दी के मौसम में प्यास लगे या नहीं, जरूरी मात्रा में रोज पानी तथा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए. इससे त्वचा में नमी बनी रहेगी .
- जहां तक संभव हो इस मौसम में बहुत ज्यादा चाय और कॉफी के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि यह त्वचा और पाचन तंत्र दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है. इनकी बजाय ग्रीन टी एक बेहतर विकल्प हो सकती है, क्योंकि उसमें एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
- बहुत तेज गर्म पानी नहीं पीना चाहिए. जहां तक संभव हो सर्दी के मौसम में हमेशा गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए.
- ज्यादा तेज गर्म पानी से नहाना भी नहीं चाहिए.
- त्वचा की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. नियमित तौर पर त्वचा की स्क्रबिंग, क्लीनिंग और एक्सफोलिएशन करना चाहिए तथा दिन में कम से कम दो बार त्वचा को मॉइस्चराइज करना चाहिए. इसके अलावा नहाने से पहले त्वचा पर नारियल या जैतून के तेल की मालिश करने से भी खुश्की से राहत मिल सकती है.
- सर्दियों के मौसम में भी हमेशा घर से बाहर निकलते समय अच्छे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें.
- हीटर के सीधे संपर्क में ना बैठें.
चिकित्सक से परामर्श जरूरी
डॉक्टर आशा सकलानी बताती हैं कि यदि तमाम सावधानियों को बरतने के बाद भी त्वचा की खुश्की कम नहीं हो रही है तथा त्वचा की समस्याएं ज्यादा बढ़ रही हैं या परेशान कर रही हैं, तो किसी त्वचा रोग संबंधी विशेषज्ञ से सलाह लेकर समस्या का उपचार कराना बेहद जरूरी होता है. ऐसा ना करने पर कई बार समस्या गंभीर रूप ले सकती है.
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