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वॉट्सएप पर सीसीआई के 213 करोड़ रुपये के जुर्माने के खिलाफ मेटा पहुंचा 'एनसीएलएटी' - META APPROACHES COURT

व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी मेटा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. 213 करोड़ का लगा है जुर्माना.

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व्हाट्सएप (Getty Image)
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By IANS

Published : Jan 6, 2025, 6:49 PM IST

नई दिल्ली : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा ने सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) का दरवाजा खटखटाया. इसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के हाल के आदेश को चुनौती द‍िया गया है. इस आदेश में वॉट्सऐप के 2021 प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को लेकर फर्म पर 213 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

पिछले साल नवंबर में, प्रतिस्पर्धा नियामक ने वॉट्सएप को निर्देश दिया था कि कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए दूसरे मेटा प्रोडक्ट या कंपनियों के साथ पांच साल की अवधि के लिए साझा न करे. साथ ही मेटा पर अपने प्रमुख स्थान का कथित रूप से दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया.

मेटा ने अब एनसीएलएटी को सूचित किया है कि सीसीआई के आदेश का पूरे उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा और इसलिए, मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता होगी. अब यह मामला 16 जनवरी को अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा. देश में वॉट्सएप के 500 मिलियन से ज्यादा मंथली एक्टिव यूजर्स हैं.

पिछले साल, जब सीसीआई ने वॉट्सऐप को निर्देश दिया था कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए पांच साल की अवधि के लिए दूसरे मेटा प्रोडक्ट या कंपनियों के साथ साझा न करें, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कहा कि वह सीसीआई के फैसले से असहमत है और अपील करने की योजना बना रहा है.

सीसीआई के आदेश के अनुसार, "वॉट्सऐप द्वारा 2021 पॉलिसी अपडेट 'इसे लें या छोड़ दें' के आधार पर पेश किया गया था, जो कि एक्ट के तहत अनुचित शर्तों को दिखाती है. क्योंकि यह सभी यूजर्स को एक्सपेंडेड डेटा कलेक्शन शर्तों को स्वीकार करने और बिना किसी ऑप्ट-आउट के मेटा ग्रुप के भीतर डेटा शेयर करने के लिए बाध्य करती है."

मेटा के प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि 2021 के वॉट्सएप अपडेट ने लोगों के पर्सनल मैसेज की प्राइवेसी को नहीं बदला और उस समय इसे यूजर्स के लिए एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था. कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, "हमने यह भी सुनिश्चित किया कि इस अपडेट के कारण किसी का भी अकाउंट डिलीट न हो या वॉट्सएप सर्विस की फंक्शनैलिटी न खोई जाए.

अपडेट वाट्सएप पर ऑप्शनल बिजनेस फीचर्स शुरू करने के बारे में था और इस बारे में और अधिक पारदर्शिता प्रदान करता था कि हम डेटा कैसे एकत्र करते हैं और उसका उपयोग कैसे करते हैं."

ये भी पढ़ें : अब बिजनेस बढ़ाने में आपकी मदद करेगा Whatsapp, जानें Meta का नया प्लान

नई दिल्ली : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा ने सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) का दरवाजा खटखटाया. इसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के हाल के आदेश को चुनौती द‍िया गया है. इस आदेश में वॉट्सऐप के 2021 प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को लेकर फर्म पर 213 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

पिछले साल नवंबर में, प्रतिस्पर्धा नियामक ने वॉट्सएप को निर्देश दिया था कि कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए दूसरे मेटा प्रोडक्ट या कंपनियों के साथ पांच साल की अवधि के लिए साझा न करे. साथ ही मेटा पर अपने प्रमुख स्थान का कथित रूप से दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया.

मेटा ने अब एनसीएलएटी को सूचित किया है कि सीसीआई के आदेश का पूरे उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा और इसलिए, मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता होगी. अब यह मामला 16 जनवरी को अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा. देश में वॉट्सएप के 500 मिलियन से ज्यादा मंथली एक्टिव यूजर्स हैं.

पिछले साल, जब सीसीआई ने वॉट्सऐप को निर्देश दिया था कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए पांच साल की अवधि के लिए दूसरे मेटा प्रोडक्ट या कंपनियों के साथ साझा न करें, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कहा कि वह सीसीआई के फैसले से असहमत है और अपील करने की योजना बना रहा है.

सीसीआई के आदेश के अनुसार, "वॉट्सऐप द्वारा 2021 पॉलिसी अपडेट 'इसे लें या छोड़ दें' के आधार पर पेश किया गया था, जो कि एक्ट के तहत अनुचित शर्तों को दिखाती है. क्योंकि यह सभी यूजर्स को एक्सपेंडेड डेटा कलेक्शन शर्तों को स्वीकार करने और बिना किसी ऑप्ट-आउट के मेटा ग्रुप के भीतर डेटा शेयर करने के लिए बाध्य करती है."

मेटा के प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि 2021 के वॉट्सएप अपडेट ने लोगों के पर्सनल मैसेज की प्राइवेसी को नहीं बदला और उस समय इसे यूजर्स के लिए एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था. कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, "हमने यह भी सुनिश्चित किया कि इस अपडेट के कारण किसी का भी अकाउंट डिलीट न हो या वॉट्सएप सर्विस की फंक्शनैलिटी न खोई जाए.

अपडेट वाट्सएप पर ऑप्शनल बिजनेस फीचर्स शुरू करने के बारे में था और इस बारे में और अधिक पारदर्शिता प्रदान करता था कि हम डेटा कैसे एकत्र करते हैं और उसका उपयोग कैसे करते हैं."

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